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PM Modi AuVisit: ऑस्ट्रिया में बोले पीएम मोदी- युद्ध का समाधान रणभूमि में संभव नहीं

PM Modi Austria Visit: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ऑस्ट्रिया दौरे में चांसलर नेहमर के साथ बातचीत की. दोनों नेताओं के बीच कई मुद्दों पर चर्चा भी हुई. बैठक के बाद पीएम मोदी और चांसलर ने संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस किया. जिसमें पीएम मोदी ने कहा, मैं गर्मजोशी भरे स्वागत और आतिथ्यसत्कार के लिए चांसलर नेहमर का आभार व्यक्त करता हूं. मुझे खुशी है कि मुझे अपने तीसरे कार्यकाल की शुरुआत में ऑस्ट्रिया आने का अवसर मिला.

ऑस्ट्रेलिया दौरा ऐतिहासिक: पीएम मोदी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, मेरी यह यात्रा ऐतिहासिक और विशेष है, 41 साल बाद किसी भारतीय प्रधानमंत्री ने ऑस्ट्रिया का दौरा किया है, यह भी सुखद संयोग है कि यह यात्रा उस समय में हो रही है जब हमारे आपसी संबंधों के 75 साल पूरे हुए हैं. आज मेरे और चांसलर और नेहमर के बीच बहुत सार्थक बातचीत हुई, हमने आपसी सहयोग और मजबूत करने के लिए नई संभावनाओं की पहचान की है. हमने निर्णय लिया है कि संबंधों को रणनीतिक दिशा प्रदान की जाएगी, यह केवल आर्थिक सहयोग और निवेश तक सीमित नहीं है, इंफ्रास्ट्रक्चर विकास, नवीकरणीय ऊर्जा, हाइड्रोजन, जल एवं अपशिष्ट प्रबंधन, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस जैसे क्षेत्रों में एक-दूसरे के सामर्थ्य को जोड़ने का काम किया जाएगा.

पीएम मोदी ने ऑस्ट्रिया चांसलर के साथ रूस-यूक्रेन युद्ध पर भी बात की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वियाना में कहा, दोनों देशों की युवा शक्ति और विचारों को कनेक्ट करने के लिए स्टार्टअप ब्रिज को गति दी जाएगी. मोबिलिटी और माइग्रेशन पार्टनरशिप पर पहले से समझौता हुआ है. यह लीगल माइग्रेशन और कुशल कार्यबल की आवाजाही में सहयोग देगा. मैंने और चांसलर नेहमर ने विश्व में चल रहे विवादों, चाहे यूक्रेन में संघर्ष हो या पश्चिम एशिया की स्थिति. सभी पर विस्तार में बात की है. मैंने पहले भी कहा है कि यह युद्ध का समय नहीं है, समस्याओं का समाधान रणभूमि में नहीं हो सकता. चाहे वह कहीं भी हो, मासूम लोगों के जान की हानि अस्वीकार्य है. भारत और ऑस्ट्रिया संवाद और कूटनीति पर जोर देते हैं और इसके लिए हम साथ मिलकर हर संभव मदद देने के लिए तैयार हैं.

ऑस्ट्रियाई चांसलर ने भारत में व्यापार बढ़ने की उम्मीद जताई ऑस्ट्रियाई चांसलर कार्ल नेहमर ने कहा, वर्तमान में विश्व अर्थव्यवस्था खुद को चुनौतीपूर्ण स्थिति में पाती है. इस दौरान भारत ऑस्ट्रिया के लिए एक मजबूत निर्यात ओरिएंटेड देश है. ऑस्ट्रेलिया और भारत के बीच पहले से ही उत्कृष्ट आर्थिक और व्यापारिक संबंध हैं, जो आपसी विश्वास और भरोसे पर आधारित हैं. उन्होंने कहा, 150 से अधिक ऑस्ट्रियाई व्यवसाय भारत में काम कर रहे हैं और हमें उम्मीद है कि यह संख्या बढ़ेगी. ऑस्ट्रिया में भारतीय निवेश भी होगा. आर्थिक सहयोग की उच्च मांग है, खासकर जब नवीकरणीय ऊर्जा, पर्यावरण और शहरी प्रौद्योगिकी, शहरी विकास और बुनियादी ढांचे के विकास की बात आती है.

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