Press "Enter" to skip to content

Bank Of Japan: 17 साल में दूसरी बार बैंक ऑफ जापान की चौंकाने वाली दर वृद्धि! डॉलर के मुकाबले येन की वापसी

Bank of Japan ने बुधवार को 17 वर्षों में दूसरी बार अपनी मुख्य ब्याज दर बढ़ाई, जो उसकी लंबे समय से चल रही उदार मौद्रिक नीतियों से हटने का एक और संकेत है. बैंक ने कहा कि “वेतन वृद्धि की प्रवृत्ति बढ़ रही है” और “आर्थिक गतिविधियाँ और मूल्य बैंक की उम्मीदों के अनुरूप विकसित हो रहे हैं.”

Bank of Japan: विश्लेषकों की राय यदि जापान की अर्थव्यवस्था बैंक की उम्मीदों के अनुसार आगे बढ़ती है, तो अधिकारी “नीति ब्याज दर बढ़ाने और मौद्रिक सहायता को समायोजित करने” के लिए तैयार रहेंगे. विश्लेषकों में इस बात पर मतभेद था कि बैंक ऑफ जापान दरें बढ़ाएगा या नहीं. कुछ का मानना था कि नीति निर्माता जापान में कमजोर उपभोक्ता खर्च के कारण शरद ऋतु तक इंतजार करेंगे. हालांकि, इस साल यूनियनों ने तीन दशकों में सबसे बड़ी वेतन वृद्धि हासिल की है, लेकिन मजदूरों का वेतन मुद्रास्फीति की दर से पीछे रह गया है। बैंक अपनी उदार नीतियों को सामान्य करने की कोशिश कर रहा है, जिसने येन का मूल्य घटा दिया है।

मूडीज एनालिटिक्स के स्टीफन एंग्रिक की चेतावनी दर वृद्धि के आर्थिक विकास पर प्रभाव को लेकर चिंताएँ भी हैं. मूडीज एनालिटिक्स के स्टीफन एंग्रिक ने चेतावनी दी थी कि मामूली वृद्धि भी अतिरिक्त बोझ हो सकती है और सबसे खराब स्थिति में, “यह अर्थव्यवस्था को मंदी की ओर ले जा सकती है और व्यापक वित्तीय बाजार में व्यवधान पैदा कर सकती है.”

Also read: Middle East updates: तेहरान में शेख अब्दुल्ला और अराक़ची की मुलाकात, क्या इस वार्ता से मिडिल ईस्ट की राजनीति में आएंगे बदलाव?

वहीं, टी एंड डी एसेट मैनेजमेंट के हिरोशी नामिओका ने इसे “उपयुक्त” बताया और कहा कि “उपभोग और पूंजी निवेश जैसी वास्तविक अर्थव्यवस्था पर इसका प्रभाव सीमित होगा.” पिछले ढाई वर्षों में डॉलर के मुकाबले येन कमजोर हुआ है, आंशिक रूप से बैंक ऑफ जापान की अल्ट्रा-लो ब्याज दर नीति के कारण, जबकि अन्य केंद्रीय बैंकों ने अपनी दरें बढ़ाई हैं.

जुलाई की शुरुआत में येन 1986 के बाद से अपने सबसे कमजोर स्तर पर पहुंच गया था, लेकिन तब से इसमें मजबूती आई है, जिससे विश्लेषकों के बीच अधिकारियों के हस्तक्षेप की अटकलें लगाई जा रही हैं. यह निर्णय फेडरल रिजर्व की नीति घोषणा से ठीक पहले आया है.

यह भी देखें –

More from अंतरराष्ट्रीयMore posts in अंतरराष्ट्रीय »

Be First to Comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *