बांग्लादेश में आरक्षण के खिलाफ छात्र सड़कों पर उतर चुके है. जिसके कारण बांग्लादेश के हालात बिगड़ते जा रहे हैं. स्थिति को नियंत्रित करने के लिए सैन्य बल तैनात किया गया है. इसके साथ ही उपद्रवियों को देखते ही गोली मारने के भी आदेश जारी किए गए हैं. बता दें कि इस हिंसा में अब तक 115 लोगों की जान जा चुकी है और 1500 से अधिक लोग घायल हैं.
bangladesh Bangladesh Protests: बांग्लादेश में सरकारी नौकरीयों में आरक्षण के खिलाफ आंदोलन पूरे देश उग्र हो चुका है. देश के अलग अलग हिस्सों में हिंसा,आगजनी और उपद्रव की घटनाएं देखने को मिल रही है. प्राप्त जानकारी के अनुसार अब तक इस आंदोलन में 115 लोगों की मौत हो चुकी है. आंदोलन को उग्र होते देख शनिवार को पुलिस ने पूरे देश में कठोर कर्फ्यू लागू कर दिया है. काफी शहरों में इंटरनेट और मोबाइल सेवाएं भी बंद कर दी गई है. इसके साथ ही राष्ट्रीय राजधानी ढाका के कई हिस्सों में सैन्य बलों को तैनात किया गया है. देश में होने वाली हिंसात्मक गतिविधियों को रोकने के लिए पुलिस को देखते ही गोली मारने के आदेश दिए गए हैं. बताते चलें कि आरक्षण के मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट रविवार को अपना फैसला सुनाने वाला है.
जानें, बंगलादेश में हो रहे विरोध प्रदर्शन की असल वजह यह आंदोलन छात्रों द्वारा, सरकारी नौकरियों में आरक्षण के खिलाफ हो रहा है. स्थानीय छात्रों के इस आंदोलन ने अब हिंसक रूप ले लिया है, बता दें कि प्रदर्शनकारी बांग्लादेश में कोटा प्रणाली को समाप्त करने की मांग कर रहे हैं. इस कोटा प्रणाली के अंतर्गत 1971 में पाकिस्तान के खिलाफ देश के स्वतंत्रता संग्राम में लड़ने वाले दिग्गजों के परिजनों के लिए 30% आरक्षण आवंटित किया गया था. प्रदर्शन कर रहे लोगों का मानना है कि कोटा प्रणाली भेदभावपूर्ण है. उनका ये भी मानना है कि इससे हसीना के समर्थकों को फायदा होता है, जिनकी अवामी लीग पार्टी ने स्वतंत्रता आंदोलन का नेतृत्व किया था.
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अबतक लगभग 800 छात्र लौट चुके हैं भारत बांग्लदेश में चल रहे देशव्यापी आंदोलन के बीच वहां पढ़ने वाले भारतीय छात्र भारत वापस लौट रहे हैं. मेघालय के मुख्यमंत्री कोनराड संगमा ने शुक्रवार को कहा कि अब तक 778 भारतीय छात्र सुरक्षित भारत आप वापस आ चुके हैं. बंगलादेश सरकार ने हिंसा के चलते यूनिवर्सिटीज को बंद करने का आदेश दिया है. इस आंदोलन के बीच फसे भारतीय छात्र किसी भी तरह से स्वदेश लौटने की कोशिश कर रहे हैं. बंगलादेश में पढ़ने वाले अधिकांश भारतीय छात्र एमबीबीएस की पढ़ाई कर रहे थे और उत्तर प्रदेश, हरियाणा, मेघालय और जम्मू-कश्मीर से थे. भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने इस मामले में बात करते हुए कहा कि, वर्तमान में बांग्लादेश में लगभग 8,000 छात्रों सहित 15,000 भारतीय रह रहे हैं और वे सुरक्षित हैं. भारतीय नागरिकों को ढाका में भारतीय उच्चायोग द्वारा जारी सलाह का पालन करने का निर्देश दिया गया है. इसमें कहा गया है कि उन्हें हिंसक प्रदर्शनों के बीच स्थानीय यात्राओं से बचना चाहिए.
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