वाशिंगटन। अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने भारत और पाकिस्तान समेत 22 ऐसे देशों को चिन्हित किया है जो मादक पदार्था के प्रमुख उत्पादक देश हैं या मादक पदार्थो की तस्करी का एक मुख्य पारगमन केंद्र हैं।
ओबामा ने 22 देशों की पहचान करते हुए तीन देशों- बोलीविया, बर्मा और वेनेजुएला को पिछले 12 महीनों के दौरान नशीली दवाओं पर रोक लगाने के संबंध में अंतरराष्ट्रीय प्रतिबद्धताओं के लिए कारगर प्रयास करने में असफल पाया। भारत और पाकिस्तान के अतिरिक्त ओबामा ने 20 अन्य देशों की पहचान की है जहां या तो बड़े पैमाने पर गैरकानूनी तरीके से नशीली दवाओं का उत्पादन होता है अथवा वहां से इन्हें अन्य देशों में ले जाया जाता है ।
ये देश अफगानिस्तान, बहामास, बेलीज, बोलीविया, बर्मा, कोलंबिया, कोस्टा रिका, डोमिनिकन रिपब्लिक, इक्वाडोर, अल सल्वाडोर, ग्वाटेमाला, हैती, होंडुरास, जमैका, लाओस, मेक्सिको, निकारगुआ, पनामा, पेरू और वेनेजुएला हैं।
विदेश मंत्री जॉन कैरी को भेजे गए एक ज्ञापन में ओबामा ने
कहा कि यह जरूरी नहीं है कि इस सूची में शामिल देश अमेरिका के साथ मादक पदार्थों के प्रभाव को रोकने के उपायों पर साथ नहीं दे रहे हों । ज्ञापन में कहा गया है कि इन देशों का नाम इस सूची में होना दर्शाता है कि वहां पर कई ऐसे आर्थिक, वाणिज्यिक और भौगोलिक कारण हैं जिसकी वजह से वहां पर इन मादक पदार्थों के उत्पादन अथवा उनके पारगमन को बढ़ावा मिलता है।
विदेश विभाग ने एक बयान में कहा है कि जब सूची में नाम वाला कोई देश मादक पदार्थों पर नियंत्रण करने के अंतरराष्ट्रीय संधिपत्रों और समझौतों के अनुरूप कार्रवाई करने में विफल रहता है तब उसे राष्ट्रपति ‘प्रमाणिक रूप से असफल’ करार देते हैं। किसी देश को ऐसे किसी श्रेणी में रखने से उसे प्रतिबंधों का सामना करना पड़ सकता है।’’
(भाषा)
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