बोस्टन : अटलांटिक महासागर में अप्रैल 1912 में जल समाधि लेने वाले समुद्री जहाज ‘टाइटैनिक’ को खोजने के लिए निकलने वाली ‘टाइटन’ नामक पनडुब्बी डूब गई. अमेरिकी तटरक्षकों की मानें, तो टाइटन पनडुब्बी का मलबा टाइटैनिक के पास ही मिला है. हालांकि, उत्तर अटलांटिक में अपनी यात्रा पर पनडुब्बी के रवाना होते समय चालक दल के पास केवल चार दिन के लिए ही ऑक्सीजन थी. इसका मतलब यह कि करीब 111 साल बाद टाइटैनिक जहाज को खोजने के लिए निकली पनडुब्बी ऐतहासिक समुद्री जहाज के पास पहुंच ही गई थी?
पनडुब्बी में पांच लोग थे सवार
मीडिया की रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिकी तटरक्षक ने गुरुवार को कहा कि उसके एक उपकरण ने लापता पनडुब्बी को ढूंढने के दौरान टाइटैनिक के पास मलबा पाया है. ‘टाइटन’ नाम की इस पनडुब्बी में पांच लोग सवार थे. टाइटैनिक का मलबा देखने के लिए रविवार को यात्रा पर रवाना हुई पनडुब्बी के लापता होने के बाद उसमें ऑक्सीजन उपलब्धता की 96 घंटे की महत्वपूर्ण समय सीमा बृहस्पतिवार को पार हो गई.
पनडुब्बी में चार दिन के लिए ही थी ऑक्सीजन
रिपोर्ट में कहा गया है कि उत्तर अटलांटिक में अपनी यात्रा पर पनडुब्बी के रवाना होते समय चालक दल के पास केवल चार दिन के लिए ही ऑक्सीजन थी. विशेषज्ञों की मानें, तो यह एक अनुमान है और यदि पनडुब्बी में सवार लोग ऑक्सीजन बचाने का उपाय करते, तो यह समय सीमा बढ़ सकती थी. यह भी मालूम नहीं है कि रविवार सुबह पनडुब्बी के लापता हो जाने के बाद से वे जीवित भी हैं, या नहीं.
भाप इंजन से चलने वाला यात्री जहाज था टाइटैनिक
बताते चलें कि टाइटैनिक दुनिया का सबसे बड़ा भाप इंजन से चलने वाला यात्री जहाज था. अप्रैल 1912 में अटलांटिक महासागर में अपनी पहली यात्रा पर रवाना होने के चार दिन बाद यह एक हिम शैल से टकराने के बाद डूब गया था. पिछले साल रोड आइलैंड के तट के पास इस जहाज का मलबा पाया गया था.
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