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दक्षिणी सिल्क रोड पर मोदी का समर्थन चाहते हैं शी चिनफिंग

सी राजा मोहन

तेंगचोंग (यà¥à¤¨à¥à¤¨à¤¾à¤¨)। चीन के राषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¤ªà¤¤à¤¿ शी चिनफिंग बà¥à¤§à¤µà¤¾à¤° को जब भारत पहà¥à¤‚चेंगे तो निसà¥à¤¸à¤‚देह वे मà¥à¤¯à¤¾à¤‚मा व बांगà¥à¤²à¤¾à¤¦à¥‡à¤¶ के रासà¥à¤¤à¥‡ à¤­à¤¾à¤°à¤¤ को जोड़ने वाले दकà¥à¤·à¤¿à¤£à¥€ सिलà¥à¤• रोड को पà¥à¤¨à¤°à¥à¤œà¥€à¤µà¤¿à¤¤ करने की अपनी जोरदार कोशिशों में भारत को शामिल करने के बारे में पà¥à¤°à¤§à¤¾à¤¨à¤®à¤‚तà¥à¤°à¥€ नरेंदà¥à¤° मोदी से चरà¥à¤šà¤¾ करेंगे। अभी यह साफ नहीं है कि उनकी इन कोशिशों को मोदी का समरà¥à¤¥à¤¨ मिलेगा या नहीं। पर à¤à¤• चीज तय है कि चीनी राषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¤ªà¤¤à¤¿ à¤‡à¤¸ पर चरà¥à¤šà¤¾ जरूर करेंगे। और सिलà¥à¤• रोड को पà¥à¤¨à¤°à¥à¤œà¥€à¤µà¤¿à¤¤ करने का शी का सपना अगर साकार हà¥à¤† तो चीन व मà¥à¤¯à¤¾à¤®à¤¾à¤‚ की लंबी सीमा पर सà¥à¤¥à¤¿à¤¤ सीमाई कसà¥à¤¬à¤¾ तेंगचोंग इसकी अहम कड़ी साबित होगा।  

डेॠसाल पहले चीन के राषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¤ªà¤¤à¤¿ का पदभार संभालने के बाद से ही शी लगातार सिलà¥à¤• रोड को पà¥à¤¨à¤°à¥à¤œà¥€à¤µà¤¿à¤¤ करने की दिशा में जोर शोर से जà¥à¤Ÿà¥‡ हà¥à¤ हैं। यह उनकी चीन की सीमा से सटे देशों को जोड़ने की कोशिशों के केंदà¥à¤° में है। पिछले ही हफà¥à¤¤à¥‡ ताजिकिसà¥à¤¤à¤¾à¤¨ दौरे के समय उनकी इस पहल को चीन व मधà¥à¤¯ à¤à¤¶à¤¿à¤¯à¤¾ के बीच सिलà¥à¤• रोड औदà¥à¤¯à¥‹à¤—िक कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤° के निरà¥à¤®à¤¾à¤£ पर समà¤à¥Œà¤¤à¥‡ से खासा बल मिला।

शी इसी हफà¥à¤¤à¥‡ मालदीव व शà¥à¤°à¥€à¤²à¤‚का की यातà¥à¤°à¤¾ के दौरान भी दकà¥à¤·à¤¿à¤£à¥€ चीन और हिंद महासागर को जोड़ने वाले नौवहन सिलà¥à¤• रोड के विकास पर भी चरà¥à¤šà¤¾ करेंगे। शी खास तौर से दकà¥à¤·à¤¿à¤£à¥€ सिलà¥à¤• को पà¥à¤¨à¤°à¥à¤œà¥€à¤µà¤¿à¤¤ करने को लेकर उतà¥à¤¸à¥à¤• हैं जिसे बीसीआइà¤à¤® (बांगà¥à¤²à¤¾à¤¦à¥‡à¤¶, चीन, मà¥à¤¯à¤¾à¤‚मा, भारत) कारिडोर के नाम से जाना जाता है। 

हालांकि जमीनी सà¥à¤¤à¤° पर भारत हमेशा से तेंगचोंग की सà¥à¤®à¥ƒà¤¤à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ का हिसà¥à¤¸à¤¾ रहा है और भविषà¥à¤¯ की योजनाओं में भी उसका अहम सà¥à¤¥à¤¾à¤¨ है। सà¥à¤¥à¤¾à¤¨à¥€à¤¯ टूर आपरेटरों के मà¥à¤¤à¤¾à¤¬à¤¿à¤• यà¥à¤¨à¥à¤¨à¤¾à¤¨ की राजधानी कà¥à¤¨à¤®à¤¿à¤‚ग यहां से 700 किलोमीटर दूर है जबकि उतà¥à¤¤à¤°à¥€ मà¥à¤¯à¤¾à¤‚मा का शहर मà¥à¤¯à¤¿à¤¤à¤•à¥à¤¯à¤¿à¤¨à¤¾ महज 50 किलोमीटर दूर और दकà¥à¤·à¤¿à¤£ पशà¥à¤šà¤¿à¤® में सà¥à¤¥à¤¿à¤¤ भारतीय सीमा महज छह सौ किलोमीटर के फासले पर है। यà¥à¤¨à¥à¤¨à¤¾à¤¨ और इसके उतà¥à¤¤à¤° पूरà¥à¤µ में सà¥à¤¥à¤¿à¤¤ चीन की मà¥à¤–à¥à¤¯ भूमि में बहà¥à¤¤ लंबा फासला है। तभी तो भारतीय उपमहादà¥à¤µà¥€à¤ª के साथ वà¥à¤¯à¤¾à¤ªà¤¾à¤° हमेशा से तेंगचोंग के अतीत का हिसà¥à¤¸à¤¾ रहा है। यह दकà¥à¤·à¤¿à¤£à¥€ सिलà¥à¤• रोड के बीचोंबीच सà¥à¤¥à¤¿à¤¤ है जो पà¥à¤°à¤¾à¤šà¥€à¤¨ काल में चीन की राजधानी जियान से होकर भूमधà¥à¤¯ सागर तक जाने वाले उतà¥à¤¤à¤°à¥€ सिलà¥à¤• रोड से भी जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ पà¥à¤°à¤¾à¤¨à¤¾ है। 

दकà¥à¤·à¤¿à¤£à¥€ सिलà¥à¤• रोड सदियों तक फलता फूलता वà¥à¤¯à¤¾à¤ªà¤¾à¤°à¤¿à¤• मारà¥à¤— था। विभिनà¥à¤¨ चीजों से लदे घोड़ों के लंबे लंबे कारवां तिबà¥à¤¬à¤¤, सिचà¥à¤†à¤¨, यà¥à¤¨à¥à¤¨à¤¾à¤¨, उतà¥à¤¤à¤°à¥€ मà¥à¤¯à¤¾à¤‚मा और पूरà¥à¤µà¥€ भारत तक कारोबार करते थे। इनके मारà¥à¤«à¤¤ इस विशाल दà¥à¤°à¥à¤—म भूभाग में सिरà¥à¤« वà¥à¤¯à¤¾à¤ªà¤¾à¤° ही नहीं बलà¥à¤•à¤¿ विचारों का भी आदान पà¥à¤°à¤¦à¤¾à¤¨ होता था। वà¥à¤¯à¤¾à¤ªà¤¾à¤°à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ के साथ कारवां में बौदà¥à¤§ भिकà¥à¤·à¥ भी होते थे।  

चीनी सामà¥à¤°à¤¾à¤œà¥à¤¯ की सीमा पर सà¥à¤¥à¤¿à¤¤ यà¥à¤¨à¥à¤¨à¤¾à¤¨ में दूरदराज के इलाकों से वà¥à¤¯à¤¾à¤ªà¤¾à¤° व वाणिजà¥à¤¯ यहां के जनजीवन का केंदà¥à¤°à¥€à¤¯ ततà¥à¤µ था। लोककथाओं के मà¥à¤¤à¤¾à¤¬à¤¿à¤• पहले यहां का कोई यà¥à¤µà¤• विवाह करना चाहता था तो अपनी पातà¥à¤°à¤¤à¤¾ साबित करने के लिठउसे किसी कारवां के साथ पहले दूरदराज के इलाकों में वà¥à¤¯à¤¾à¤ªà¤¾à¤° के

लिठजाना पड़ता था।यहां तक कि 19वीं सदी की शà¥à¤°à¥à¤†à¤¤ में भी तेंगचोंग का कारोबार दकà¥à¤·à¤¿à¤£à¥€ चीन में सà¥à¤¥à¤¿à¤¤ कैंटन से कई गà¥à¤¨à¤¾ जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ था। पर कैंटन आज चीन के वैशà¥à¤µà¤¿à¤• कारोबार के बड़े केंदà¥à¤°à¥‹à¤‚ में शà¥à¤®à¤¾à¤° है। बरà¥à¤®à¤¾ पर कबà¥à¤œà¤¾ करने के बाद 20वीं सदी की शà¥à¤°à¥à¤†à¤¤ में अंगà¥à¤°à¥‡à¤œà¥‹à¤‚ ने तेंगचोंग में à¤à¤• वाणिजà¥à¤¯ केंदà¥à¤° खोला। दà¥à¤µà¤¿à¤¤à¥€à¤¯ विशà¥à¤µà¤¯à¥à¤¦à¥à¤§ के समय धà¥à¤µà¤¸à¥à¤¤ हो गई इस केंदà¥à¤° की इमारत का सà¥à¤¥à¤¾à¤¨à¥€à¤¯ सरकार अब पà¥à¤¨à¤°à¥à¤¦à¥à¤§à¤¾à¤° कर रही है। 

बà¥à¤°à¤¿à¤Ÿà¤¿à¤¶ सरकार ने 19वीं सदी में बरà¥à¤®à¤¾ के रासà¥à¤¤à¥‡ यà¥à¤¨à¥à¤¨à¤¾à¤¨ को रेल व सड़क से जोड़ने की संभावना पर कई बार विचार किया पर पैसे की तंगी के कारण इस पर अमल नहीं हो पाया। 1940 के दशक में जापानी कबà¥à¤œà¥‡ के खिलाफ जंग के दौरान सà¥à¤Ÿà¤¿à¤²à¤µà¥‡à¤² रोड और भारत की भूमिका भी लोगों के जेहन में ताजा है। असम के लेडो से शà¥à¤°à¥‚ होकर बरà¥à¤®à¤¾ के रासà¥à¤¤à¥‡ यà¥à¤¨à¥à¤¨à¤¾à¤¨ तक जाने वाली यह सड़क तेंगचोंग के बीचोंबीच से होकर गà¥à¤œà¤°à¤¤à¥€ है। 

दà¥à¤µà¤¿à¤¤à¥€à¤¯ विशà¥à¤µà¤¯à¥à¤¦à¥à¤§ के समय मितà¥à¤° देशों के सहयोग से बनाई गई इस सड़क ने यà¥à¤¨à¥à¤¨à¤¾à¤¨ में फंसी चीन की राषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¤µà¤¾à¤¦à¥€ सेना के सैनिकों तक रसद पहà¥à¤‚चाने में अहम भूमिका निभाई थी। तेंगचोंग के लोग भूले नहीं हैं कि पूरà¥à¤µà¥€ भारत के वायà¥à¤¸à¥ˆà¤¨à¤¿à¤• अडà¥à¤¡à¥‹à¤‚ से जापानी सेना के ठिकानों पर बमबारी ने यà¥à¤¨à¥à¤¨à¤¾à¤¨ को जापानी कबà¥à¤œà¥‡ से मà¥à¤•à¥à¤¤ कराने में कितनी अहम भूमिका निभाई। 

यà¥à¤¨à¥à¤¨à¤¾à¤¨ 2002 से à¤à¤• बार फिर बेजिंग के राडार में आया जब चीन ने ‘गो वेसà¥à¤Ÿâ€™ नीति पर अमल करना शà¥à¤°à¥‚ किया। चीन के पूरà¥à¤µà¥€ तटीय हिसà¥à¤¸à¥‡ के मà¥à¤•à¤¾à¤¬à¤²à¥‡ गरीब और पिछड़े यà¥à¤¨à¥à¤¨à¤¾à¤¨ के अंदरूनी इलाकों के विकास पर बेजिंग ने अरबों डालर की रकम à¤à¥‹à¤‚कनी शà¥à¤°à¥‚ की। 

शी की सिलà¥à¤• रोड की इस पहल का मकसद चीन के इस सीमाई इलाके को उसके आस पास के देशों के परिवहन मारà¥à¤—ों और वà¥à¤¯à¤¾à¤ªà¤¾à¤°à¤¿à¤• केंदà¥à¤°à¥‹à¤‚ से जोड़ना है ताकि विदेशी बाजारों के साथ कारोबार से इस इलाके का पिछड़ापन दूर किया जा सके। हालांकि हाल के वरà¥à¤·à¥‹à¤‚ में यà¥à¤¨à¥à¤¨à¤¾à¤¨ का दकà¥à¤·à¤¿à¤£ पूरà¥à¤µà¥€ à¤à¤¶à¤¿à¤¯à¤¾ के देशों के साथ परिवहन संपरà¥à¤• में तेजी से सà¥à¤§à¤¾à¤° हà¥à¤† है पर भारतीय उपमहादà¥à¤µà¥€à¤ª के साथ संपरà¥à¤• बà¥à¤¾à¤¨à¥‡ के मोरà¥à¤šà¥‡ पर खास पà¥à¤°à¤—ति नहीं हो पाई है। 

बेजिंग काफी समय तक भारत पर इस परियोजना में शामिल होने का दबाव डालता रहा पर यूपीठसरकार ने अपने कारà¥à¤¯à¤•à¤¾à¤² के आखिरी साल में बांगà¥à¤²à¤¾à¤¦à¥‡à¤¶ और मà¥à¤¯à¤¾à¤‚मा के साथ औपचारिक रूप से इस पà¥à¤°à¤¸à¥à¤¤à¤¾à¤µ पर विचार करने पर सहमति जताई। अब चारों देशों को मिलकर यह तय करना बाकी है कि इस पर आगे कैसे बà¥à¥‡à¥¤ 

हाल फिलहाल तक भारत इस पà¥à¤°à¤¸à¥à¤¤à¤¾à¤µ को à¤à¤• संकीरà¥à¤£ कूटनीतिक नजरिठसे देखता रहा है। पर बीसीआइà¤à¤® कारिडोर पर मोदी कोई साहसिक रà¥à¤– अपना सकते हैं जिससे भारत के सीमाई इलाकों और साथ लगते पड़ोसी देशों के साथ वà¥à¤¯à¤¾à¤ªà¤¾à¤° व संपरà¥à¤• को बà¥à¤¾à¤µà¤¾ मिल सके। तेंगचोंग और यà¥à¤¨à¥à¤¨à¤¾à¤¨ तो इसके लिठउतà¥à¤¸à¥à¤• हैं ही। 

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