कलकत्ता विवि। – फोटो : ANI
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टीएमसी छात्र विंग ने शुक्रवार को कलकत्ता विवि की अंतरिम कुलपति शांता दत्ता का नौ घंटे तक घेराव किया। इस दौरान छात्रों ने कुलपति पर कार्यकाल खत्म होने के बाद भी विवि की बैठक की अध्यक्षता करने का आरोप लगाया। शुक्रवार दोपहर तीन बजे शुरू हुआ घेराव देर रात तक जारी रहा।
टीएमसीपी के प्रवक्ता अभिरूप चक्रवर्ती ने बताया कि अंतरिम कुलपति दत्ता का कार्यकाल छह महीने का था और वे अब तक पद पर रहकर प्रशासनिक कार्य कर रही हैं। उनको बैठक बुलाने का कोई अधिकार नहीं है। यह अवैध है। छात्रों ने कहा कि हमारी सेमेस्टर परीक्षाएं एक दिन बाद शुरू होंगी। इसके चलते हमने दत्ता की उम्र और स्वास्थ्य का ध्यान रखते हुए घेराव रात को खत्म कर दिया था।
चक्रवर्ती ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने केंद्रीय विवि और 30 अन्य राज्य संचालित विश्वविद्यालयों में स्थायी वीसी नियुक्त करने के लिए समिति गठन करने का निर्देश दिया है। मगर फिर भी विवि में स्थायी कुलपति की नियुक्ति नहीं की गई है। वहीं विवि के अफसरों ने छात्रों के आरोपों को लेकर कुछ भी कहने से इन्कार कर दिया।
बता दें कि अंतरिम कुलपति शांता दत्ता की नियुक्ति राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने की थी। वहीं टीएमसी सरकार के उच्च शिक्षा विभाग ने कहा था कि उनसे नियुक्ति को लेकर परामर्श नहीं किया गया था।
विवि के वीसी नियुक्ति में राज्य सरकार की सहमति जरूरी नहीं
इससे पहले एक इंटरव्यू में राज्यपाल बोस ने कहा था कि कलकत्ता हाईकोर्ट ने यह कहा है कि कुलपतियों की नियुक्तियों में राज्यपाल को राज्य सरकार से परामर्श करने की जरूरत है। लेकिन राज्यपाल को वीसी नियुक्ति में राज्य की सहमति की आवश्यकता नहीं है। राज्यपाल का कहना है कि विश्वविद्यालय से संबंधित कानून में यह नहीं कहा गया है कि एक कुलपति को शिक्षाविद होना अनिवार्य है। उन्होंने कहा, किसी को भी अंतरिम वीसी के रूप में नियुक्त किया जा सकता है। मैंने एक पूर्व मुख्य न्यायाधीश और एक सेवानिवृत्त आईपीएस अधिकारी को उनकी योग्यता को देखते हुए कार्यवाहक वीसी के रूप में नियुक्त किया है।
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