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सलाह : 12वीं के बाद अपने सपनों को दें इस तरह उड़ान

ग्लोबल इनफॉर्मेशन इंक की रिसर्च के मुताबिक, 2018 तक नैनो टेक्नोलॉजी इंडस्ट्री के 3.3 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंचने की उम्मीद है। ऐसे में बेहतर यही है कि 12वीं पास करने के बाद ऐसे विषयों पर आगे पढ़ाई की जाए जो भविष्य में आपको बेहतर जॉब दिला सकें।

नैनो-टेक्नोलॉजी एक बेहतर प्रोफेशन है जहां प्रोफेशनल्स की डिमांड हमेशा बनी रहती है और भविष्य में ऐसे में इस फील्ड में लाखों प्रोफेशनल्स की जरूरत होगी। 12वीं के बाद नैनो टेक्‍नोलॉजी में बीएससी या बीटेक और उसके बाद इसी सब्‍जेक्‍ट में एमएससी या एमटेक करके इस क्षेत्र में शानदार करियर बनाया जा सकता है।

बात जब पर्यावरण की हो तो

वर्तमान में प्रदूषण एक बड़ी समस्या बनकर उभरा है, ऐसे में यदि पर्यावरण विज्ञान से संबधित तहत इकोलॉजी, डिजास्टर मैनेजमेंट, वाइल्ड लाइफ मैनेजमेंट, पॉल्यूशन कंट्रोल जैसे विषयों में विषय विशेषज्ञता हासिल करते हैं, तो जॉब मार्केट में आपके लिए जॉब की कमी नहीं रहेगी। इस क्षेत्र में गर्वरमेंट और प्राइवेट सेक्टर में कई अवसर हैं।

कम्प्यूटर साइंस है बड़े काम का विषय

वैसे, इन दिनों कंप्यूटर साइंस की डिमांड काफी बढ़ गई है। ऐसे में कंप्यूटर साइंस में इंजीनियरिंग या डिप्लोमा करना एक बेहतर विकल्प है। यदि 12वीं के बाद स्टूडेंट्स हार्ट सर्जरी, कार असेम्बलिंग, लैंडमाइंस फील्ड में आना चाहते हैं, तो इस क्षेत्र से जुड़े कुछ स्पेशलाइजेशन कोर्स भी कर सकते हैं। रोबोटिक साइंस, ऑर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, रोबोटिक्स, एडवांस्‍ड रोबोटिक्स सिस्टम कोर्स में दाखिला ले सकते हैं। इन विषयों को यदि कम्प्यूटर साइंस से स्नातक कर चुके स्टूडेंट्स इस कोर्स के लिए योग्य माने जाते हैं। इस तरह का कोर्स करने के बाद आपको रोबोटिक में एमई की डिग्री पूरी करनी होगी और फिर इसके बाद आप इसरो जैसे प्रतिष्ठित संस्‍थान में रिसर्च वर्क की जॉब कर सकते हैं।

नासा में ऐसे मिलेगी जॉब एंट्री

कई स्टूडेंट्स ऐसे भी होते हैं जिन्हें अंतरिक्ष की दुनिया से बेहद लगाव होता है, ऐसे में वो स्पेस साइंस के अंतरगत आने वाले कॉस्मोलॉजी, स्टेलर साइंस, प्लैनेटरी साइंस, एस्ट्रोनॉमी कोर्सस में तीन साल की बीएससी और चार साल के बीटेक कर सकते हैं। इन्हीं विषयों में पीएचडी कर वह इसरो, नासा में जॉब के लिए काबिल हो जाते हैं। इसके अलावा एस्ट्रो-फिजिक्स में 5 साल के रिसर्च ओरिएंटेड प्रोग्राम (एमएस इन फिजिकल साइंस) और 4 साल के बैचलर्स प्रोग्राम (बीएससी इन फिजिक्स) में एडमिशन ले सकते हैं।

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