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सलाह : मास्टर ऑफ सेरेमनी यानी नाम, पैसा और शोहरत

वेडिंग हो या कॉर्पोरेट फंक्शन वहां मौजूद एंकर लोगों के आकर्षण का केंद्र होते हैं। यह एक नए तरह का प्रोफेशन है, जिसे मास्टर ऑफ सेरेमनी के नाम से पहचाना जाता है। इसमें एंकर का काम होता है, अपने ह्युमर, तर्क संगत बातें और प्रेरक विचारों से  दर्शकों के बीच समां बांधे रखना। मास्टर ऑफ सेरेमनी  जिसे हम आमबोल चाल में एंकर भी कहते हैं, यह पूरे कार्यक्रम की धुरी होता है, जिसमें नाम, पैसा और शोहरत तीनों हैं।

गौतम मालवीय पिछले एक दशक से रेडियो एनाउंसर, टीवी एंकर के अलावा मास्टर ऑफ सेरेमनी हैं, ‘वह बताते हैं कि यदि कोई मास्टर ऑफ सेरेमनी में करियर बनाना चाहता है तो उसे हिंदी और अंग्रेजी दोनों भाषाओं की समझ बेहतर होनी चाहिए। उसका शब्दकोष इतना बेहतर होना चाहिए कि उच्चारण और पर्यावाची शब्दों से वह कार्यक्रम की रूपरेखा को बेहतर तरीके से संचालित कर सके और इसके लिए सबसे जरूरी बात है अपने ऊपर आत्मविश्वास होना।’

कहीं भी जाएं होमवर्क जरूर करें

समय के साथ मास्टर ऑफ सेरेमनी यानी एमसी में स्कोप बढ़ता जा रहा है। यहां आप प्रति घंटे हजारों रुपए से लाखों रुपए तक कमा सकते हैं। इसके लिए दिन में कम से कम पांच अखबार जरूर पढ़ें और जिस भी कार्यक्रम की एंकरिंग करने वाले हैं, उसका होमवर्क जरूर करें। यदि आप किसी शादी समारोह की एंकरिंग कर रहे हैं, तो उस परिवार के रीति रिवाज और उस परिवार के प्रेरक लोगों के बारे में जरूर जानें ताकि उनका जिक्र कर सकें। यदि आप किसी कॉर्पोरेट कंपनी में बतौर एमसी होस्ट करने वाले हैं तो उस कंपनी की शुरूआत से आज तक के इतिहास की जानकारी जरूर रखें।

ऐसे बनें बेस्ट मास्टर ऑफ सेरेमनी

संयुक्ता बनर्जी पिछले एक दशक से मास्टर ऑफ सेरेमनी, टीवी एंकर, रेडियो न्यूज प्रजेंटर बतौर काम कर रही हैं वह बताती हैं, ‘यदि मास्टर ऑफ सेरेमनी में ही करियर बनाना है, तो इसकी शुरूआत स्कूल डेज से कीजिए। स्कूल में होने वाले वार्षिक कार्यक्रमों और महापुरुषों की जयंती पर एंकरिंग या  मास्टर ऑफ सेरेमनी करते रहना चाहिए।

सफल मास्टर ऑफ सेरेमनी जिसे एमसी भी कहते हैं, बनने के लिए जरूरी है प्रजेंस ऑफ माइंड होना, बोलते समय घबराना नहीं चाहिए और आवाज को कार्यक्रम के हिसाब से बदलाव करते रहना चाहिए। आप जिस भी कार्यक्रम को प्रस्तुत कर रहे हैं, उसके बारे में डेप्थ नॉलेज होने के साथ नॉलेज होना बहुत जरूरी है। यदि किसी कार्यक्रम में आने वाले अतिथि को देर हो जाए और आप वहां मास्टर ऑफ सेरेमनी हैं तो आपको दर्शकों के साथ घुल मिलकर समां बांधे रखने की प्रतिभा होनी चाहिए। यदि आप बेहतर एमसी हैं तो आपको भारत सरकार विदेशों में भी भारतीय संस्कृति को प्रमोट करने का मौका देती है।

यहां से करें प्रोफेशनल कोर्स

12वीं के बाद ऐसे कई शार्ट टर्म कोर्स हैं जो मास्टर ऑफ सेरेमनी में शार्ट टर्म डिप्लोमा करवाते हैं। इसके अलावा आप मॉस कम्युनिकेशन में ग्रेजुएशन और पीजी भी कर सकते हैं। देश के प्रतिष्ठित संस्थानों में माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय (भोपाल), नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ मास कम्युनिकेशन (नई दिल्ली), एशियाई अकादमी ऑफ फिल्म एंड टेलीविजन, (नोएडा), इंटरनेशनल इंस्टिट्यूट फॉर मीडिया एंड फिल्म, (जयपुर) और गार्डन सिटी कॉलेज, (बेंगलुरू) हैं, जहां से आप इस तरह का कोर्स कर सकते हैं।

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