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मार्गदर्शन : स्किल और डिग्री भी, फिर क्यों नहीं है ‘बेरोजगारी’ का समाधान

काम और करियर की प्रकृति तेजी से बदल रही है, ऐसे में अकेले शैक्षणिक योग्यता से ज्यादा सही कौशल बेशकीमती होगा। कोविड-19 के दौर में वैश्विक माहौल लगभग हर क्षेत्र में तेजी से बदल रहा है। मंदी, आर्थिक समस्याएं, बेरोजगारी दुनिया के लगभग हर देश में अपना प्रभाव बना चुकी हैं।

इस पूरी परिस्थिति में आपका कौशल ही आपको बेहतर काम दिलाने के लिए प्रभावी होगा। कंपनियां अपनी रणनीतियों को कितने जल्दी बदलती हैं, यह आने वाला समय और उनका मैनेजमेंट तय करेगा, लेकिन भविष्य में दुनिया के लगभग हर व्यक्ति चाहे वो कर्मचारी, आंत्रप्रन्योर या कंपनी का प्रभावशाली ऑनर उनको अपने काम करने के तरीकों में बेहद-तेजी से बदलाव लाने की जरूरत होगी।

काम का भविष्य कॉलेज की डिग्री के बारे में नहीं होगा। यह नौकरी के कौशल के बारे में होगा। अब मौका है कि स्टूडेंट्स बिना कॉलेज डिग्री के सफल करियर की ओर कदम बढ़ें और यदि आप बिजनेसमेन हैं तो कर्मचारियों के बीच विविधता बढ़ाकर अपने काम को सफल बनाएं।

वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम के अनुसार, अगले दशक तक, दुनियाभर में 1 बिलियन से अधिक नौकरियां यानी सभी नौकरियाों का एक तिहाई प्रौद्योगिकी द्वारा रूपांतरित होने की संभावना है। ऐसा पहले भी होता आया है। आप यह सोच सकते हैं कि अपने पसंदीदा रेस्टोरेंट में सेवा कर्मचारी हाथों में टैबलेट लेकर आपका आर्डर ले रहा होगा और रसोई में वो भोजन बनना शुरू हो जाएगा। भारत की बड़े शहरों के कुछ रेस्टोरेंट यह प्रयोग आजमा रहे हैं। जोमेटो जैसे कई ऑनलाइन फूड डिलेवर करने वाली कंपनियां कुछ ऐसा ही कर रही हैं।

नए युग की शुरूआत हो चुकी है। लोग अब सुनिश्चित कर रहे हैं कि उन्हें प्रौद्योगिकी का उपयोग किस तरह करना होगा यानी आने वाले दिनों मे डिजिटल नौकरियों में इजाफा होने की पूरी संभावना है। फोरम की जॉब्स ऑफ टुमॉरो की रिपोर्ट कहती है कि डेटा और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) अर्थव्यवस्था को आगे ले जाने में बड़ी भूमिका निभा रहा है। इंजीनियरिंग, क्लाउड कंप्यूटिंग और उत्पाद विकास में नई भूमिकाओं में मौजूद हैं। इन नौकरियों को प्रासंगिक कौशल के साथ प्रतिभा की आवश्यकता होती है और महत्वपूर्ण रूप से इस तरह की स्किल (कौशल) को बिना कॉलेज की डिग्री के बिना भी सीखा जा सकता है।

कोविड-19 के कारण हुई वैश्विक मंदी ने हमें बड़े पैमाने पर कार्य करने का पर्याप्त कारण देती है। जबकि इस महामारी का प्रकोप काम को प्रभावित नहीं कर पाया। भारत ही नहीं दुनिया का हर देश बेरोजगारी दर में ऊंचे और शिक्षा के स्तर के निचले पैमाने पर है। उदाहरण के लिए, अमेरिका में, फरवरी से मई तक रोजगार में कमी एक स्नातक की डिग्री के साथ श्रमिकों के बीच 6% से लेकर एक उच्च विद्यालय डिप्लोमा के बिना श्रमिकों के बीच 21% से अधिक है (नीचे आंकड़ा देखें)। कॉलेज की डिग्री या उच्च शिक्षा वाले श्रमिक भी उच्च विद्यालय के स्नातकों की तुलना में टेलीवर्क करने के विकल्प की अधिक संभावना रखते हैं।

ग्राफिक सौजन्य से पीयू रिसर्च

हालांकि, अगर हम अपना ध्यान डिग्रियों से कौशल में स्थानांतरित करते हैं, तो हम एक बड़ा नवाचार कर सकते हैं। दुनिया के हर देश को ऐसा करना चाहिए। ऐसा करने पर रोजगार के अवसर पैदा होगें और बेरोजगारी को काफी हद तक काबू पाया जा सकता है।

हाल के वर्षों में, EY, Google और IBM जैसी कई कंपनियों ने इस तरह की सोच को अपनाया है और वैकल्पिक टैलेंट की हायरिंग को बढ़ाया है, इन कंपनियों में ऐसे कई कर्मचारी हैं जिन्हें इंजीनियरिंग या अन्य कार्य का अनुभव है, डिग्री नहीं। ऐसे कर्मचारी सीखने और नया सीखने के लिए हर समय तैयार रहते हैं।

इनके अलावा इन्फोसिस ने कोविड ​-19 के बाद, नौकरी-चाहने वालों के लिए जॉब ट्रेनिंग और इंटर्नशिप के अवसर प्रदान करने और क्लाइंट के साथ जुड़ने के लिए उन्हें एक नि: शुल्क, ऑनलाइन प्लेटफॉर्म दिया है और इसका उन लोगों को लाभ भी मिल रहा है।

जब कौशल (स्किल) की बात आती है, तो नौकरी देने वाली कंपनी केवल कार्य-उन्मुख (वर्क ओरियंटेड) या तकनीकी कौशल (टेक्नीकल स्किल्स) अनुभव रखने वालों लोगों की तलाश करती हैं। कंपनियां विस्तार, रचनात्मक समस्या को सुलझाने के कौशल, एक सहयोगी मानसिकता और अस्पष्टता और जटिलता से निपटने की क्षमता के लिए लोगों को एक नजरिए से देखते हुए कार्य करने वाले लोगों को भी प्राथमिकता देती हैं। ये ऐसे कौशल हैं जिन्हें सीखा जा सकता है।

फोरम की जॉब्स ऑफ टुमॉरो की रिपोर्ट में पाया गया कि उभरते हुए व्यवसाय नई अर्थव्यवस्था में मानवीय संपर्क के निरंतर महत्व को दर्शाते हैं, जो लोगों और संस्कृति में सबसे आगे भूमिकाओं की अधिक मांग को जन्म देते हैं।

ग्राफिक सौजन्य वर्ल्ड इकॉनोमिक फोर्म, जॉब्स ऑफ टुमारो रिपोर्ट

अस्वीकरण: इस आलेख में सारांश रूप में जानकारी है और इसलिए इसे केवल सामान्य मार्गदर्शन के लिए प्रस्तुत किया जा रहा है। यह विस्तृत अनुसंधान या पेशेवर निर्णय के अभ्यास के लिए एक विकल्प नहीं है। यह केवल जानकारी है वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम रिसर्च के आधार पर, जिसे आज के युवाओं को करियर में मार्गदर्शन के लिए प्रस्तुत किया गया है।

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