विस्तार मध्यप्रदेश में उज्जैन के विक्रम विश्वविद्यालय में आदिवासी महिला उपकुलसचिव ने विश्वविद्यालय कार्यपरिषद सदस्य पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा, एक सभा के दौरान मेरे साथ कार्यपरिषद के सदस्य ने महाभारत में द्रौपदी के चीरहरण जैसा बर्ताव किया। सभा में बैठे तमाम अधिकारी मूकदर्शक बने रहे, किसी ने सदस्य के व्यवहार का विरोध नहीं किया। मैंने इस बात की लिखित शिकायत अब अनुसूचित जाति आयोग, महिला आयोग, राष्ट्रपति, राज्यपाल और सीएम से की है।
विक्रम विश्वविद्यालय में उपकुलसचिव के आरोपों पर कुलपति ने संज्ञान में लिया है और जांच की बात कही है। पूरा मामला 10 सितंबर को विश्वविद्यालय परिसर में आयोजित एक सभा के दौरान का है। जहां मौजूद आदिवासी समाज से आने वाली उपकुलसचिव सुषमा सैयाम ने मीडिया से बातचीत के दौरान अपनी पीड़ा सुनाई और कार्यपरिषद के सदस्य सचिन दवे पर आरोप लगाए।
उपकुलसचिव ने कहा, सचिन दवे ने मेरे साथ दुर्व्यवहार किया। जैसे महाभारत में द्रौपदी का चीरहरण हुआ, वैसे ही वहां मौजूद सब मूकदर्शक बने रहे। कारण यह था कि एक अभिभाषक संग की पैनल बनानी थी, जिसके बारे में चर्चा चल रही थी। इसी दौरान दवे अपनी मर्यादा खो बैठे और अपशब्दों के साथ मुझसे बात करने लगे।
उपकुलसचिव ने बताया, इससे मुझे गहरा सदमा लगा है। मेरी तब से ही तबियत ठीक नहीं है। मुझे कुछ भी होता है तो इसकी जिम्मेदारी विक्रम विश्वविद्याल प्रबंधन की होगी। मामले में कुलपति अखिलेश कुमार पांडेय का कहना है, ये घर-परिवार की बात है। विक्रमविश्वविद्याल एक परिवार है। अनबन होती रहती है, मैं बात करूंगा मैडम से और बात को सुलझा लिया जाएगा।
Be First to Comment