भारत में ऐसे कई राज्य हैं, जिन्होंने पॉलीथिन पर बैन लगाया हुआ है। हालही में महाराष्ट्र सरकार ने प्लास्टिक और थर्मोकोल पर प्रतिबंध लगाया। इस तरह प्लास्टिक और थर्मोकोल पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगाने वाला महाराष्ट्र देश का 18वां राज्य बन गया है।
पॉलीथिन पर्यावरण प्रदूषण का एक बड़ा कारण बनकर उभर रहा है। लेकिन, पॉलीथिन बैन के कारण इस इंडस्ट्री में काम कर रहे लोगों के सामने रोजगार एक बड़ा कारण बनकर उभरा है।
पॉलीथिन बैन के बाद ये हैं विकल्प
पॉलीथिन का सबसे बेहतर विकल्प है कपडों से बनाए गए थैले। इसके अलावा कागज के थेले, जूट के थेले, नायलॉन, कैरी बैग जैसे प्रोडक्ट कम पैसे में छोटे बिजनेस के रूप में भारी मुनाफा कमाने का एक जरिया हैं। यह पर्यावरण के नुकसान लिए भी हानिकारक नहीं होते हैं।
ऐसे करें शुरूआत
हैंडमेड पेपर कन्वर्जन का काम लगातार बढ़ रहा है, इस तरह के बिजनेस में अभी उम्मीद से कम लोग काम कर रहे हैं तो संभावनाएं काफी हैं। यह काम अभी तरक्की पर है और आगे भी इसकी डिमांड बढ़ेगी, घटेगी नहीं। इसके अलावा हैंडमेड पेपर कन्वर्जन का प्रशिक्षण लेने के लिए आप किसी भी प्रशिक्षण केंद्र में जा सकते हैं।
ऐसी होनी चाहिए जगह
पेपर बैग बनाने के लिए कम से कम बीस वर्ग फुट जगह की जरूरत पड़ेगी। अगर आप और बड़े स्तर पर काम शुरू करना चाहते हैं तो जगह भी उसी हिसाब से ज्यादा होनी चाहिए। इसके अलावा आप इस काम को कहीं भी कर सकते हैं। यह हाउस होल्ड काम है।
ऐसे बनाएं हैंडमेड पेपर
हैंडमेड पेपर का काम छोटे-छोटे उपकरणों से भी शुरू किया जा सकता है। ऐसे में आपको सारा काम हाथ से करना पड़ेगा। इसमें आपको हथौड़ा, क्लिप, डाई, इंचीटेप, सुई-धागा, कैंची, फेविकोल आदि की जरूरत पड़ेगी। अगर आप मशीनों द्वारा काम करते हैं तो आपको क्लिप, डाई, फेविकोल के अलावा, पेपर कटिंग मशीन, हाइड्रॉलिक प्रेस मशीन, हाईलैट पंचिंग मशीन, रैक चौपर, बीटर, हाइड्रापल्वर, कंप्यूटर आदि की जरूरत पड़ेगी।
Be First to Comment