शेर बहादुर देउबा
डॉ. वेदप्रताप वैदिक। नेपाल की सरकार और संसद एक बार फिर अधर में लटक गई है। राष्ट्रपति विद्यादेवी भंडारी ने अब वही किया है, जो उन्होंने पहले 20 दिसंबर को किया था यानी संसद भंग कर दी है और 6 माह बाद नवंबर में चुनावों की घोषणा कर दी है।…