अरुण पांडे। लेखक पत्रकार है। वह आर्थिक विषयों के जानकार हैं। न ख़ुदा ही मिला न विसाल-ए-सनम यानी न इधर के हुए न उधर के हुए, करीब तीन साल में नोटबंदी से कुछ यही हासिल हुआ है। न जीडीपी ग्रोथ बढ़ी, न जाली नोट छपने का गोरखधंधा थमा और ना…
भारतीय अर्थव्यवस्था
प्रतीकात्मक चित्र। अंबर कुमार घोष। जुलाई 2017 में जब केंद्र सरकार ने वस्तु और सेवाएं कर (GST) लागू किया था, तो इसे भारत में टैक्स प्रणाली को एकजुट करने का इंक़लाबी क़दम बताया गया था। लेकिन आज मौजूदा घटनाक्रम बदलता जा रहा है। केंद्र और राज्यों के बीच सहयोग तहत, भारत…
प्रतीकात्मक चित्र। साल 2021, कोरोना वायरस के कारण दुनिया के लिए चुनौतियों भरा रहा। एक ओर जहां हर देश में आर्थिक संकट छाया हुआ है, तो दूसरी ओर स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने की चुनौतियां हैं। ये चुनौती लगभग हर देश के सामने हैं, लेकिन भारत आर्थिक संकट और ‘कोरोना…
आपकी पृष्ठभूमि चाहे जो भी हो, समय कठिन चल रहा है या आप जिस भी देश में रहते हों, वहां मंदी छाई हो, क्या आप बेरोजगार हैं? फिर भी यकीन कीजिए! आप काम की तलाश जब करने निकलते हैं तो कोई न कोई बेहतर काम आपकी तलाश को पूरा करता…