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भारत

चित्र : जापान प्रधानमंत्री फ्यूमियों किशिदा और भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी। डॉ. वेदप्रताप वैदिक, लेखक वरिष्ठ पत्रकार हैं। जापान के नए प्रधानमंत्री फ्यूमियों किशिदा ने अपनी पहली विदेश यात्रा के लिए भारत को चुना, यह अपने आप में महत्वपूर्ण है। भारत और जापान के बीच कुछ दिन पहले चौगुटे…
चित्र : रूस के सैनिक जो युद्ध के हथियारों के साथ यूक्रेन के शहर की ओर जा रहे हैं। अंतरा घोषाल सिंह, लेखिका, ऑब्जर्वर रिसर्च फाउंडेशन, नई दिल्ली में सामरिक अध्ययन में फेलो हैं। यूक्रेन-रूस संघर्ष ने चीन को एक अजीब स्थिति में डाल दिया है क्योंकि रूस का खुले…
चित्र : रूसी सैनिक। रूस ने जो किया, वो पहले से तय था। लेकिन जो उसने नहीं सोचा था वो यह था कि उसे एक उससे छोटा देश उसे चुनौती दे सकता है। रूस-यूक्रेन युद्ध में, रूस के लिए जो इंतजार कर रहा है वह है 1990 के दशक की…

विश्लेषण : ‘चीन’ कर सकता है ‘रूस-यूक्रेन युद्ध’ खत्म करने में मदद

चित्र : रूस के हमले से यूक्रेन के एक शहर की जर्जर इमारत। रूस-यूक्रेन युद्ध एक तरह से, कोरोना के बाद दूसरा वैश्विक संकट है, इस युद्ध पर विराम तभी लग सकता है जब अमेरिका और चीन, रूस को समझाने में मध्यस्थ की भूमिका निभाएं, लेकिन चीन यह तब करेगा,…

रूस-यूक्रेन युद्ध : भारत के सामने है, ‘ये सबसे बड़ी चुनौती’

हर्ष वी. पंत, लेखक अंतरराष्ट्रीय मामलों के विशेषज्ञ हैं। यूक्रेन संकट से हालात बदल गए हैं। अमेरिका अभी तक रूस मसले पर भारत को छूट देता आया था, लेकिन अगर उसे या पश्चिमी देशों को लगता है कि भारत को यूक्रेन के साथ खुलकर खड़े होना चाहिए, तो दिक्कत आ…

शोषित बच्चे : भारत में बढ़ रही ‘बेघर बच्चों’ की आबादी

डॉ. पल्लिका सिंह, लेखिका, लेडी हार्डिंग मेडिकल कॉलेज, नई दिल्ली से दिल्ली स्थित डॉक्टर हैं। वह विचार विभाग (बौद्धिक प्रकोष्ठ), भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के लिए एक राष्ट्रीय समन्वयक और प्रभारी (दिल्ली-एनसीआर) भी हैं। संयुक्त राष्ट्र (यूएन) की परिभाषा के अनुसार स्ट्रीट चिल्ड्रन या बेघर बच्चे उन्हें कहा जाता है जो फुटपाथ पर…

विश्लेषण : अमेरिका की ‘हिंद प्रशांत रणनीति’ में भारत और चीन की स्थिति?

चित्र : अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन। डॉन मकलेन गिल, लेखक मनीला स्थित इंटरनेशनल डेवलपमेंट एंड सिक्योरिटी कोऑपरेशन (IDSC) में रेजिडेंट फेलो हैं और फिलीपीन-मिडिल ईस्ट स्टडीज एसोसिएशन (PMESA) में दक्षिण और दक्षिण पूर्व एशिया के निदेशक हैं। हिंद प्रशांत रणनीति में अपना प्रभाव क्षेत्र बढ़ाने का मक़सद हासिल करने…

विश्लेषण > 1 : दक्षिण एशिया में कौन भड़का रहा है भारत विरोधी भावनाएं?

आदित्य गौदरा शिवमूर्ति। दक्षिण एशिया में भारत-विरोधी धारणाएं और भावनाएं लंबे समय से अपना सिर उठाए हुए हैं। जनवरी की शुरुआत में मालदीव में ‘इंडिया आउट’ अभियान को फिर से हवा देना इस लगातार चल रहे मुद्दे का मात्र एक मामला है। चीन और पाकिस्तान के साथ अपने मतभेदों की वजह से …

विश्लेषण > 2 : ‘अनसुलझे मुद्दों और घरेलू राजनीति’, के बीच लोकतंत्र!

आदित्य गौदरा शिवमूर्ति। वैश्विक स्तर पर लंबे समय से चले आ रहे द्विपक्षीय मुद्दों और विवादों ने भी भारत-विरोधी भावनाओं को भड़काया है। इन अनसुलझे मुद्दों ने भारत के प्रति एक धारणा बना दी है कि भारत की इस क्षेत्र में ख़ास दिलचस्पी नहीं है और वह अपने राष्ट्रीय हितों…

म्यांमार : ‘म्यांमार नीति’ को लेकर उलझन में भारत!

शशांक मट्टू। म्यांमार तख्तापलट का एक साल हो चुका है, इसके साथ भारत का जटिल इतिहास और उसका रुख़, भारत को इस बात की इजाज़त नहीं देते हैं कि वो पश्चिमी देशों की तरह तख़्तापलट को लेकर अपने सख़्त रवैये का खुला इज़हार करे। बीते वर्ष एक साफ़ और सर्द…

समीक्षा : पाकिस्तान की ‘राष्ट्रीय सुरक्षा नीति नीति में’, सिर्फ ख़याली पुलाव

चित्र : पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान। कृति एम. शाह। क्या NSP पाकिस्तान में वो सुधार लायेगी जिसकी उसे काफ़ी ज़रूरत है या यह उसकी पुरानी लफ़्फ़ाज़ी में ही और इज़ाफ़ा करेगी? बीते हफ़्ते, ज़बर्दस्त प्रचार और मीडिया में चर्चा के बीच, इमरान खान की सरकार ने पाकिस्तान की पहली…

रिपोर्ट : दक्षिण एशिया में ‘आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट’ कैसे करता है दुष्प्रचार!

कबीर तनेजा। इस्लामिक स्टेट ने अपने मकसद हासिल करने के लिए क्षेत्रीय राजनीति और विचारधारा के अलावा भी कई दूसरे साधनों का बड़ी कामयाबी से इस्तेमाल किया जो अल-क़ायदा के ठीक उलट था। मार्च 2019 में अमेरिका के तत्कालीन राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने मीडिया को एक नक़्शा दिखाया था। उस…

भारत-पाक : ऐसे हो सकता है ‘अफगान-संकट’ का तत्काल हल

भारत में, मध्य एशिया देशों के विदेश मंत्रियों की वार्ता। चित्र सौजन्य : भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर/ ट्विटर डॉ. वेदप्रताप वैदिक। पिछले सप्ताह, एक ही समय में दो सम्मेलन हुए। एक भारत में और दूसरा पाकिस्तान में! दोनों सम्म्मेलन मुस्लिम देशों के थे। पाकिस्तान में जो सम्मेलन हुआ,…

इतिहास : 1971 का ‘भारत-पाक युद्ध’ और बांग्लादेश के ‘जन्म की दास्तां’

चित्र : 1971 का ‘भारत-पाक युद्ध’ के दौरान भारतीय जाबांज सैनिक। यह बात है 3 दिसंबर, 1971 की। शाम का समय था। आकाशवाणी पर राष्ट्र को संबोधित करते हुए तत्कालीन प्रधान मंत्री इंदिरा गांधी ने कहा, ‘मैं अपने देश और हमारे लोगों के लिए गंभीर संकट के क्षण में आपसे…

गुमनाम नायक : क्या है ‘मुक्ति वाहिनी’ और बांग्लादेश से ‘क्या है कनेक्शन’

मुक्ति वाहिनी के लोगों ने भारतीय सेना के साथ मिलकर बांग्लादेश को स्वतंत्रता दिलाने के लिए लड़ाई लड़ी थी। चित्र सौजन्य : आउटलुक/रघु राय। लगभग 6 दशकों पहले 1971 में, भारत के मजबूत इरादों वाले भारत के शानदार सैनिकों, बंगालियों के पूर्ण समर्थन, भारत के एक अटूट राजनीतिक नेतृत्व के…