चित्र : रूस के हमले से यूक्रेन के एक शहर की जर्जर इमारत। रूस-यूक्रेन युद्ध एक तरह से, कोरोना के बाद दूसरा वैश्विक संकट है, इस युद्ध पर विराम तभी लग सकता है जब अमेरिका और चीन, रूस को समझाने में मध्यस्थ की भूमिका निभाएं, लेकिन चीन यह तब करेगा,…
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हर्ष वी. पंत, लेखक अंतरराष्ट्रीय मामलों के विशेषज्ञ हैं। यूक्रेन संकट से हालात बदल गए हैं। अमेरिका अभी तक रूस मसले पर भारत को छूट देता आया था, लेकिन अगर उसे या पश्चिमी देशों को लगता है कि भारत को यूक्रेन के साथ खुलकर खड़े होना चाहिए, तो दिक्कत आ…
चित्र : अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन। डॉन मकलेन गिल, लेखक मनीला स्थित इंटरनेशनल डेवलपमेंट एंड सिक्योरिटी कोऑपरेशन (IDSC) में रेजिडेंट फेलो हैं और फिलीपीन-मिडिल ईस्ट स्टडीज एसोसिएशन (PMESA) में दक्षिण और दक्षिण पूर्व एशिया के निदेशक हैं। हिंद प्रशांत रणनीति में अपना प्रभाव क्षेत्र बढ़ाने का मक़सद हासिल करने…
नतालिया ब्यूटिस्का, लेखिका अंतरराष्ट्रीय संबंध विशेषज्ञ हैं, वह कीव, यूक्रेन में रहती हैं। रूस ने यूक्रेन से लगने वाली अपनी सीमा पर एक लाख तीस हज़ार सैनिक तैनात कर रखे हैं। यूरोप में अपने कथित सुरक्षा हितों को हासिल करने के लिए रूस, यूक्रेन पर हमला करने की धमकी दे…
हर्ष वी. पंत। यूक्रेन को लेकर रूस और पश्चिम के बीच खींचतान जारी है। पश्चिम, जितना अधिक रूस को अलग-थलग करेगा, मॉस्को और बीजिंग की नजदीकी उतनी बढ़ती चली जाएगी। यह शीत युद्ध के दौर के भू-राजनीतिक तनाव की याद दिला रहा है। हालांकि, बड़ी ताकतें जहां यूक्रेन के भविष्य…
शशांक मट्टू। म्यांमार तख्तापलट का एक साल हो चुका है, इसके साथ भारत का जटिल इतिहास और उसका रुख़, भारत को इस बात की इजाज़त नहीं देते हैं कि वो पश्चिमी देशों की तरह तख़्तापलट को लेकर अपने सख़्त रवैये का खुला इज़हार करे। बीते वर्ष एक साफ़ और सर्द…
चित्र : 1971 का ‘भारत-पाक युद्ध’ के दौरान भारतीय जाबांज सैनिक। यह बात है 3 दिसंबर, 1971 की। शाम का समय था। आकाशवाणी पर राष्ट्र को संबोधित करते हुए तत्कालीन प्रधान मंत्री इंदिरा गांधी ने कहा, ‘मैं अपने देश और हमारे लोगों के लिए गंभीर संकट के क्षण में आपसे…
राहुल कश्यप। साल 1951 में दुनिया की छत पर धरती के सबसे शांतिपूर्ण लोगों पर एक त्रासदी थी। इस ग्रह के इतिहास में इसे विडंबना ही कही जाएगी कि सबसे क्रूर शासनों में से एक क्रूर शक्ति द्वारा तिब्बत पर कब्जा कर इसे ‘शांतिपूर्ण मुक्ति’ की संज्ञा दी गई। भारत…
एन.एस.वेंकटरमन। छह दशक से अधिक बीत चुके हैं, जब चीन ने सेना भेजकर तिब्बत पर जबरन कब्जा कर लिया और विरोध करने वाले तिब्बतियों को निर्दयतापूर्वक कुचल दिया था। इसके बाद दलाई लामा और उनके अनुयायियों के पास तिब्बत छोड़ने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा था। उधर, अब चीन…
डॉ. वेदप्रताप वैदिक। इधर कोरोना से भारत निपट ही रहा है कि उधर चीन और नेपाल की सीमाओं पर सिरदर्द खड़ा हो गया है लेकिन संतोष का विषय है कि इन दोनों पड़ोसी देशों के साथ इस सीमा-विवाद ने तूल नहीं पकड़ा। हमारे कुछ अतिउत्साही टीवी चैनल और अखबार कुछ…