Press "Enter" to skip to content

PM Modi Birthday: स्वयंसेवक से प्रधानसेवक तक का सफर, जानिए क्या कहती है प्रधानमंत्री मोदी की कुंडली

ज्योतिष डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली Published by: विनोद शुक्ला Updated Sat, 17 Sep 2022 12:11 AM IST

PM Narendra Modi Birthday & Kundli Analysis : 17 सितंबर 1950, 11:00 प्रात:, मेहसाना, गुजरात में एक बालक का जन्म हुआ। आगे जाकर यह बालक विश्व के सबसे बड़ी लोकतांत्रिक सत्ता भारत देश का प्रधानमंत्री बना। जी हां हम श्री नरेंद्र मोदी जी की बात कर रहे हैं। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी की कुंडली वृश्चिक लग्न व वृश्चिक राशि की है। लग्न व राशि के स्वामी मंगल इनके लिए रूचक महायोग तो बना ही रहे हैं साथ ही चंद्र-मंगल योग के साथ शत्रुहंता योग भी बना रहा है। इसके चलते मोदीजी के विरोधी व शत्रु इनका कभी बाल भी बांका नहीं कर पाएंगे। रूचक महायोग के कारण व्यक्ति के अंदर निर्णय लेने की क्षमता प्रबल होती है जिसका असर प्रधानमंत्री के लिए गए निर्णयों में देखा जा सकता है। चंद्र-मंगल योग से व्यक्ति देखने में साधारण दिखाई देता है लेकिन अपनी दिनचर्या के कामों में वह काफी फुर्तिला होता है, जो कि प्रधानमंत्री मोदी जी के दैनिक कार्यों में हमें देखने को मिलता है। साथ ही यह योग व्यक्ति को अनुशासन प्रिय बनाता है। पीएम नरेंद्र मोदी जी की कुंडली में गजकेसरी योग भी विद्यमान है जिसके कारण उनका व्यक्तित्व सिंह के समान दिखाई देता है। 

जन्मपत्री में लग्न भाव में चंद्र और मंगल दोनों एक साथ विराजमान हैं। मंगल इनका लग्न स्वामी है और अपने ही घर में बैठा है जिससे मोदी जी आत्मबल और साहस से अपने विरोधियों को मात देते हुए आगे बढ़ रहे हैं। मंगल की इसी स्थिति के कारण मोदी जी अपने विरोधियों को कभी माफ नहीं कर पाते। मौका मिलने पर विरोधियों को शांत कर देते हैं। भाग्येश चंद्र का लग्नेश के साथ लग्न भाव में स्थित होकर भाग्योदय कर रहा है। यह राजयोग का सूचक हैं। कुंडली की सबसे खास बात यह है कि एकादश भाव में कर्मेश सूर्य, आयेश बुध स्वयं और केतु स्थित होकर आय भाव को बल प्रदान कर रहे हैं। गुरु चौथे घर में तथा शुक्र और शनि कर्म भाव में हैं। प्रधानमंत्री मोदी की जन्म पत्रिका की सबसे बड़ी खासियत केन्द्र स्थानों में पाँच ग्रहों का उपस्थित होना है। इससे भी बड़ा एक राजयोग है जिसमें चन्द्रमा से केन्द्र में स्थित बृहस्पति से बन रहे गजकेसरी योग को चन्द्रमा से ही केन्द्र में बैठे शुक्र का सहयोग मिल रहा है। चतुर्थ भाव में बैठे बृहस्पति को दशम भाव में बैठे शुक्र दृष्टिपात कर रहे हैं, बल्कि दोनों ही ग्रह एक-दूसरे पर दृष्टिपात करके इस योग को कई गुना अधिक शक्तिशाली बना रहे हैं। श्री नरेन्द्र मोदी की जगत ख्याति का रहस्य उनके जिस योग में छिपा हुआ है, वह यह है कि लग्न में स्थित मंगल चतुर्थ भाव को दृष्टिपात कर रहे हैं। उधर चतुर्थ भाव के स्वामी शनि चतुर्थ भाव पर दृष्टिपात कर रहे हैं। याद रहे दशम भाव में स्थित शनि व्यक्ति को थोड़ा सा कठोर निर्णय वाला बनाते हैं। नेपोलियन बोनापार्ट, अल्बर्ट आइंस्टीन, मार्टिन लूथर किंग, आदि के दशम भाव में शनि थे। इन्होंने इतिहास में अपने को बहुत मजबूती से स्थापित किया। मोदी जी की कुंडली बहुत सारे शुभ योगों से सुसज्जित हैं। कुंडली में – गजकेसरी योग, मूसल योग, केदार योग, रूचक योग, वोशि योग, भेरी योग, चंद्र मंगल योग, नीच भंग योग, अमर योग, कालह योग, शंख योग तथा वरिष्ठ योग। इन शुभ ग्रहों के प्रभाव के चलते ही नरेंद्र मोदी को देश के सबसे वरिष्ठ पद पर पहुंचने का मौका मिला। लग्न भाव के बाद पंचम भाव और भाग्य भाव त्रिकोण भाव कहलाते हैं। इनके पंचम भाव पर राहु ग्रह ने अधिकार स्थापित किया हुआ है। ज्योतिष शास्त्रों के अनुसार जन्मपत्री का चतुर्थ भाव समाज और सेवा का भाव हैं। इस भाव से शनि का प्रत्यक्ष संबंध बनना व्यक्ति को समाज सेवा कार्यों से जोड़ता हैं। मोदी जी की कुंडली में शनि सत्ता भाव में स्थित हों समाज सेवा के चतुर्थ भाव को दॄष्टि देकर सक्रिय कर रहे हैं। यह योग मोदी जी को आमजन में लोकप्रियता भी प्रदान कर रहा हैं। उन्नति और सफलता प्राप्ति के लिए एकादश भाव का विचार किया जाता हैं, सत्ता पक्ष के स्वामी और कारक ग्रह सूर्य कर्म भाव के स्वामी हैं जिन्होंने इन्हें राजनीति के क्षेत्र में सफलता और कार्य करने के अवसर दिए। आयेश स्वयं जब आय भाव में ही स्थित हों विशेष रुप से बुध अपने ही भाव में स्थित हों तो व्यक्ति बौद्धिक योग्यता के फलस्वरुप उन्नति, सम्मान और शीर्ष तक पहुंचता हैं। इस समय मंगल महादशा की राहु अन्तर्दशा में चल रहे हैं, जो कि मई 2023 तक रहेगी। उसके बाद गुरु अन्तर्दशा रहेगी जो कि अप्रैल 2024 तक रहेगी और उसके बाद मंगल महादशा की शनि अन्तर्दशा रहेगी जो कि अप्रैल 2024 से मई 2025 तक रहेगी। इसी अन्तर्दशा में आम चुनाव होंगे।  शनि मोदी जी की पत्रिका में लोकप्रियता प्रदान कर रहे हैं जोकि आमचुनाव के समय अपने ही घर में स्थित होकर प्रबल बहुमत प्रदान करेंगे और शायद यह इतिहास में पहली बार ऐसा होगा कि इस प्रबल बहुमत को हमेशा याद किया जायेगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कुंडली में लग्नेश मंगल व भाग्येश चंद्रमा का प्रबल राजयोग लग्न में बना है जो कि सभी विरोधियों से मोदी जी को अलग करता है। मंगल की महादशा में मोदी जी सभी चुनौतियों का सामना करते हुए विश्व विख्यात नेता की छवि बना रहे हैं एवं आगे भी बनाएंगे। भारतवर्ष में मोदी स्थिर शासन दे रहे हैं, जो 2029 तक जारी रहेगा। कैसा रहेगा स्वास्थ्य की दृष्टिकोण से 

जनवरी, 2023 से मार्च, 2025 तक शनिदेव कुम्भ राशि में रहेंगे और इस समय वे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के चतुर्थ भाव में भ्रमण करते हुए उनकी लग्न पर दृष्टिपात करेंगे। शनि की लग्न पर दृष्टि अच्छी नहीं मानी जाती। साथ ही शनि की ढैया भी प्रारंभ हो जायेगी, इस अवधि में शनि दो बार वक्री भी होंगे, 18 जून, 2023 से कुछ महीनों के लिए तथा जून, 2024 से कुछ महीनों के लिए। राशि कुम्भ ही रहेगी। परन्तु उनको प्रथम तो बृहस्पति ही मीन राशि में रहते हुए लग्न पर दृष्टि देते रहेंगे और स्वास्थ्य रक्षा करेंगे और अप्रैल 2023 तक बृहस्पति मीन राशि में ही रहेंगे। इसके बाद बृहस्पति देव मेष राशि में आ जाएंगे जो पुनः स्वास्थ्य रक्षा करेंगे। मई 2023 से अप्रैल, 2024 तक बृहस्पति की अन्तर्दशा है और जब पुनः शनि की अन्तर्दशा आएगी तब उनके बृहस्पति वृषभ राशि में रहते हुए एक वर्ष तक लग्न पर दृष्टि बनायें रखेंगे , इसका सीधा सा अर्थ है श्री नरेंद्र मोदी जी को उत्तम स्वास्थ्य सुख मिलता रहेगा। अगर बात आतंकवादी घटनाओं की करी जाये तो कोई आतंकवादी या देश विरोधी ताकत उनका कुछ भी नहीं बिगाड़ पायेगी । बल्कि कुम्भ राशि के शनि शत्रुहंता योग बना रहे हैं और उनकी लोकप्रियता को और भी बढ़ा देंगे। साथ ही लग्नेश मंगल की महादशा उनको विश्व का नेता बनायेगी |। मोदीजी की शिव भक्ति भी उनकी विजय श्री में अहम भूमिका निभाती है क्योंकि शनि ही शिव तत्व हैं। नरेंद्र मोदी की शिव भक्ति पूरा विश्व जानता है। भगवान शिव का अमोघ आर्शीवाद श्री नरेन्द्र मोदी जी को भारत का भाग्य विधाता बनायेगा 

Be First to Comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *