न्यूज डेस्क, अमर उजाला, पटना Published by: कृष्ण बल्लभ नारायण Updated Sun, 06 Oct 2024 10:58 PM IST
Bihar News : पटना के इस्कॉन मंदिर में रविवार की रात बहुत बड़ा हंगामा मच गया। ब्रह्मचारी के वेश में रहे लोगों के दो गुट भिड़ गए। बाउंसरों ने भी हाथ आजमाए। इसी दौरान एक आपत्तिजनक वीडियो और ऑडियो भी वायरल हो गया। पटना के इस्कॉन मंदिर में मारपीट के बाद पुलिस को अपनी चोट दिखाते ब्रह्मचारी। – फोटो : अमर उजाला डिजिटल
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दो साल पहले अत्याधुनिक स्वरूप में उद्घाटन के बाद पहली बार इस्कॉन मंदिर पटना में इतना बड़ा हंगामा हुआ। ब्रह्मचारियों का वेश धरे लोग आपस में ऐसे भिड़े कि मंदिर पहुंचे भक्त और रविवार को रेस्तरां का आनंद लेने आए लोग जान बचाकर भागने को मजबूर हो गए। मारपीट ब्रह्मचारियों के बीच हुई। एक तरफ पटना का दल था और दूसरी तरफ भागलपुर का। जैसे ही यह मारपीट चरम पर आयी, एक वीडियो और उसके साथ लंबी बातचीत का ऑडियो वायरल हो गया। इसके बाद ज्यादा पिटे भागलपुर के ब्रह्मचारियों ने इस्कॉन पटना के अध्यक्ष कृष्ण कृपा दास पर बलात्कार तक का आरोप लगाया। वीडियो में आपत्तिजनक अवस्था में अध्यक्ष के होने की बात उठी तो मामला गरम हो गया। कोतवाली पुलिस पहुंची और पिटे लोगों का निरीक्षण किया। मामले में प्राथमिकी दर्ज होने की पुष्टि नहीं की जा रही है।
पिटने वाले पक्ष ने क्या दिया तर्क
पटना के कोतवाली थाने में पुलिस के सामने अपनी चोट दिखा रहे पीतवस्त्रधारी ब्रह्मचारियों ने आरोप लगाया है कि “मंदिर के प्रेसिडेंट का एक लड़की के साथ गलत करने का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। मंदिर के प्रेसिडेंट ने मंदिर में कई तरह की अनियमितताएं की हैं और गलत काम किए हैं। उसी का वह विरोध करने पर मंदिर के प्रेसिडेंट के बाउंसरों ने ब्रह्मचारियों को खदेड़कर पीटा गया। हमने इस्कॉन अथॉरिटी के पास शिकायत की थी, जिससे मंदिर प्रेसिडेंट आगबबूला हो गए और आज उन्होंने अपने बाउंसरों को लगाकर हमारी जमकर पिटाई करवा दी।” पुलिस ने कई ब्रह्मचारियों के चोट को देखा और उनके फटे कपड़े भी। ब्रह्मचारियों ने इसकी शिकायत कोतवाली थाने में की है। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर मामले की छानबीन भी की है, हालांकि अबतक किसी तरफ से केस नहीं दर्ज हुआ है।
मंदिर प्रबंधन ने पुलिस को क्या कहा
इस्कॉन मंदिर पटना ने आधिकारिक तौर पर मीडिया से इसपर बात नहीं की है, लेकिन पुलिस को यह सूचना दी गई है कि वायरल किया जा रहा वीडियो पांच-छह साल पुराना है। तर्क दिया गया है कि उस समय मंदिर प्रेसिडेंट अपने कमरे में सहज अवस्था थे, तभी अचानक गेट खोलकर घुसी लड़की ने उनके शरीर के निचले हिस्से का कपड़ा खींच लिया और उसके साथ आए लोगों ने यह वीडियो बना लिया था। मंदिर प्रबंधन ने पुलिस को बताया कि एक साजिश के तहत इस वीडियो को अभी वायरल किया गया है, क्योंकि युवा प्रचारकों को भागलपुर से बुलाने के बाद उनके दल के कुछ लड़कों के गायब होने से इस्कॉन मंदिर पटना का प्रबंधन नाराज था। भागलपुर से आए ब्रह्मचारियों को बार-बार कहा जा रहा था कि वह लौट जाएं, लेकिन यह लोग पटना छोड़ने को राजी नहीं थे। युवा ब्रह्चारियों को दिग्भ्रमित करने और गायब होने की बात से इस्कॉन की प्रतिष्ठा पर चोट पड़ रही थी, इसलिए उन्हें जाने के लिए कहा जा रहा था। रविवार की देर शाम भी इसी पर बुलाकर बैठक की जा रही थी। कुर्सियां लगी थीं। लेकिन, वापस भेजे जाने की बात पर भड़के ब्रह्चारियों ने हाथापाई शुरू कर दी और फिर यह सब हो गया। वायरल वीडियो पांच-छह साल पुराना है और इसपर इस्कॉन मंदिर पटना के प्रेसिडेंट के खिलाफ जांच हुई थी और निर्दोष मान लिया गया था। मामला कोर्ट के संज्ञान में है, लेकिन अभी साजिश के तहत यह वीडियो वायरल किया गया है।
पुलिस क्या कह रही, क्या कर रही है?
कोतवाली पुलिस ने हंगामा-मारपीट की सूचना के बाद स्थल निरीक्षण भी किया, पूछताछ भी की और चोटिल ब्रह्चारियों के जख्म भी देखे। इसके साथ ही वीडियो और ऑडियो को भी प्रमाण के रूप में सुरक्षित किया है। इस्कॉन पटना का प्रबंधन पांच-छह साल पहले का वीडियो बता रहा है तो पुलिस यह जांच करेगी कि पुराने मंदिर परिसर का है या नए का? नया मंदिर तीन-चार साल के अंदर बना और शुरू हुआ है। पहले का ढांचा और कमरों का रंग-रूप अलग था। नया पूरी तरह अलग है। पुलिस दोनों पक्षों के लिखित आवेदन का इंतजार कर रही है, साथ ही चोटिल लोगों का बयान भी कलमबंद कर रही है।
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