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Bhagwant Mann: लेप्टोस्पायरोसिस संक्रमण का शिकार हो गए पंजाब के मुख्यमंत्री, जानिए कितनी खतरनाक है ये समस्या

हेल्थ डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली Published by: अभिलाष श्रीवास्तव Updated Sun, 29 Sep 2024 12:55 PM IST

पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान लेप्टोस्पायरोसिस नामक बैक्टीरियल संक्रमण का शिकार हो गए हैं। उन्हें मोहाली के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया है। अस्पताल द्वारा जारी स्वास्थ्य बुलेटिन के अनुसार, मुख्यमंत्री फिलहाल ठीक हैं। उन्हें एंटीबायोटिक्स उपचार दिया जा रहा है। बुखार की शिकायत के बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां लक्षण दिखने के बाद खून की जांच की गई। टेस्ट रिपोर्ट में वह संक्रमित पाए गए हैं। डॉक्टर्स ने बताया, सीएम को पल्मोनरी आर्टरी प्रेशर और ब्लड प्रेशर में उतार-चढ़ाव की भी समस्या थी। फिलहाल उनकी हालत स्थिर है। 

लेप्टोस्पायरोसिस नामक संक्रामक बीमारी लेप्टोस्पाइरा बैक्टीरिया के कारण होती है। चूहों के माध्यम से ये संक्रमण इंसानों में फैलता है। जानवरों के पेशाब (मूत्र) के संपर्क में आए भोजन-पानी या मिट्टी का नाक, मुंह, आंखों या घाव वाली त्वचा से संपर्क होने से ये संक्रमण हो सकता है।

एक अनुमान के मुताबिक हर साल एक मिलियन (10 लाख) से अधिक लोग इस संक्रमण की चपेट में आते हैं। आइए इस संक्रामक रोग के बारे में जानते हैं।

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लेप्टोस्पायरोसिस के बारे में जानिए

त्वचा पर खरोंच या कट के माध्यम से या फिर आंखों, नाक या मुंह के माध्यम से आप लेप्टोस्पाइरा से संक्रमित हो सकते हैं। लेप्टोस्पायरोसिस एक जूनोटिक बीमारी है, जिसका अर्थ है कि यह जानवरों और मनुष्यों के बीच संचारित होती है। बरसात के दिनों में जलजमाव वाली जगहों पर ये बैक्टीरिया अधिक पाए जाते हैं।

इंडियन मेडिकल एसोसिएशन की केरल इकाई के डॉ. राजीव जयदेवन बताते हैं, लेप्टोस्पायरोसिस से संक्रमित 10 फीसदी लोगों की मौत हो जाती है इसलिए जिन लोगों में संक्रमण के लक्षण नजर आ रहे हों उन्हें समय रहते डॉक्टर से मिलकर उपचार प्राप्त करना जरूरी है। समय पर बीमारी की पहचान न हो पाने की स्थिति में रोग के गंभीर रूप लेने और जानलेवा होने का खतरा भी अधिक हो सकता है।

लेप्टोस्पायरोसिस संक्रमण की क्या पहचान है?

लेप्टोस्पायरोसिस संक्रमण की स्थिति में रोगियों में शुरुआत में फ्लू जैसे लक्षण नजर आते हैं हालांकि गंभीर मामलों में इससे आंतरिक रक्तस्राव और अंगों की क्षति का खतरा हो सकता है। संक्रमण की शुरुआती स्थिति में तेज बुखार, आंखों में संक्रमण-लालिमा, सिरदर्द, ठंड लगने, मांसपेशियों में दर्द, दस्त और पीलिया जैसी समस्या होती है। वहीं गंभीर स्थितियों में खांसी के साथ खून आने (हेमोप्टाइसिस), छाती में दर्द, सांस लेने में तकलीफ, पेशाब में खून आने जैसे आंतरिक रक्तस्राव के लक्षण हो सकते हैं।

किडनी और लिवर फेलियर का भी खतरा

लेप्टोस्पायरोसिस संक्रमण की स्थिति कुछ मामलों में गंभीर और जानलेवा भी हो सकती है। समय पर इलाज न मिलने या संक्रमण के बहुत ज्यादा बढ़ जाने के कारण सांस लेने में तकलीफ और मेनिन्जाइटिस की दिक्कत होती है। मेनिनजाइटिस की समस्या में मस्तिष्क और रीढ़ की हड्डी की रक्षा करने वाली झिल्लियों में सूजन हो जाती है।

संक्रमण की गंभीरता में किडनी और लिवर फेलियर का भी खतरा रहता है, जिसे जानलेवा माना जाता है।

संक्रमण से कैसे करें बचाव?

लेप्टोस्पायरोसिस संक्रमण चूंकि बैक्टीरिया के कारण होता है ऐसे में कुछ प्रकार की एंटीबायोटिक दवाओं की मदद से लक्षणों में आराम पाया जा सकता है। स्वास्थ्य विशेषज्ञ सभी लोगों को संक्रामक रोगों से बचाव के लिए निरंतर प्रयास करते रहना चाहिए। 

जोखिमों से बचे रहने के लिए सबसे जरूरी है कि आप दूषित जल के संपर्क में आने से बचें। जानवरों के संपर्क से भी दूरी बनाकर रखें। पीने के लिए साफ पानी का इस्तेमाल करें या फिर पानी को उबालकर उसे ठंडा करके पिएं। अगर आपके शरीर में कहीं घाव है तो उसकी उचित देखभाल करें।

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स्रोत और संदर्भ
Leptospirosis: Causes, Symptoms, Diagnosis

अस्वीकरण: अमर उजाला की हेल्थ एवं फिटनेस कैटेगरी में प्रकाशित सभी लेख डॉक्टर, विशेषज्ञों व अकादमिक संस्थानों से बातचीत या फिर शोधपत्र के आधार पर तैयार किए जाते हैं। लेख में उल्लेखित तथ्यों व सूचनाओं को अमर उजाला के पेशेवर पत्रकारों द्वारा जांचा व परखा गया है। इस लेख को तैयार करते समय सभी तरह के निर्देशों का पालन किया गया है। संबंधित लेख पाठक की जानकारी व जागरूकता बढ़ाने के लिए तैयार किया गया है। अमर उजाला लेख में प्रदत्त जानकारी व सूचना को लेकर किसी तरह का दावा नहीं करता है और न ही जिम्मेदारी लेता है। उपरोक्त लेख में उल्लेखित संबंधित बीमारी के बारे में अधिक जानकारी के लिए अपने डॉक्टर से परामर्श लें।

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