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Air Force: 'आइए आत्मनिर्भर वायुसेना की दिशा में कोशिश जारी रखें', IAF की 92वीं वर्षगांठ पर वायुसेना प्रमुख

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, चेन्नई Published by: काव्या मिश्रा Updated Tue, 08 Oct 2024 11:02 AM IST

एयर चीफ मार्शल अमर प्रीत सिंह ने भारतीय वायुसेना के 92वें वार्षिक दिवस समारोह के अवसर पर तांबरम स्थित वायुसेना स्टेशन पर परेड की समीक्षा की। वायुसेना प्रमुख मार्शल अमर प्रीत सिंह और अन्य उपस्थित लोग। – फोटो : पीटीआई

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भारत में आज यानी 8 अक्तूबर को वायुसेना दिवस मनाया जा रहा है, ताकि देश के लिए अपने प्राणों की आहुति देने वाले बलों और उसके पायलटों को सम्मानित किया जा सके। इस मौके पर अलग-अलग जगहों पर वायुसेना विभिन्न कार्यक्रम कर जश्न मना रही है। वायु सेना प्रमुख मार्शल अमर प्रीत सिंह ने तांबरम स्थित वायुसेना स्टेशन पर पहुंचे। यहां उन्होंने कहा कि अचानक किसी भी संकट से निपटने के लिए हमें तैयार रहने की जरूरत है। 

‘एक मजबूत और सक्षम वायुसेना की जरूरत’
मार्शल अमर प्रीत सिंह ने भारतीय वायु सेना (आईएएफ) से मौजूदा और आने वाली जरूरतों को पूरा करने के लिए इसे फिर से संगठित करने का आह्वान किया क्योंकि वैश्विक सुरक्षा वातावरण लगातार बदलाव की स्थिति में है। उन्होंने कहा कि मौजूदा संघर्षों ने एक मजबूत और सक्षम वायुसेना की जरूरत को दर्शाया है। इसलिए, वायुसेना को अचानक हमारे राष्ट्रीय हितों को चुनौती देने वाली किसी भी स्थिती से निपटने के लिए तैयार रहने की आवश्यकता है।

#WATCH | Chennai, Tamil Nadu | Chief of the Air Staff, Air Chief Marshal Amar Preet Singh says, “For the past year, we have made significant strides in strengthening our operational capabilities, enhancing our professionalism and adapting to evolving and challenging warfare…On… pic.twitter.com/Hm67AN6pMa

— ANI (@ANI) October 8, 2024 वायुसेना स्टेशन पर परेड की समीक्षा की
मार्शल सिंह ने भारतीय वायुसेना के 92वें वार्षिक दिवस समारोह के अवसर पर तांबरम स्थित वायुसेना स्टेशन पर परेड की समीक्षा की। उसके बाद उन्होंने कहा, ‘लीक से हटकर सोचने के साथ-साथ नई तकनीकी को अपनाना आज के बहु-क्षेत्रीय माहौल में निर्णायक भूमिका निभाएगा।’

आत्मनिर्भर वायुसेना की दिशा में प्रयास करना जारी रखें
वायु सेना प्रमुख ने जांबाजों से कहा कि आइए हम एक मजबूत, अधिक सक्षम और पूरी तरह से आत्मनिर्भर वायुसेना की दिशा में प्रयास करना जारी रखें। उन्होंने आगे कहा, ‘पिछले एक साल से हमने अपनी परिचालन क्षमताओं को मजबूत करने, अपने व्यावसायिकता को बढ़ाने और उभरते तथा चुनौतीपूर्ण युद्ध के अनुकूल होने में जरूरी प्रगति की है। इस दिन, जबकि हम खुद को देश की सेवा के लिए समर्पित करते हैं, हमें पिछले वर्ष को आत्मनिरीक्षण करने के लिए भी देखना चाहिए, अपनी उपलब्धियों का जश्न मनाना चाहिए और वर्तमान तथा भविष्य की आवश्यकताओं के लिए खुद को तैयार करना चाहिए।’
 
क्या है इस साल की थीम?
इस साल की थीम ‘भारतीय वायु सेना: सक्षम, शक्तिशाली, आत्मनिर्भर’ रखी गई है। इस पर वायुसेना प्रमुख ने कहा, ‘यह हमारी उम्मीदों को पूरी तरह से दिखाता है। पिछले कुछ सालों से हम बेहतर तकनीक के साथ और अधिक सशक्त हो गए हैं। हमारे सिस्टम और हथियारों के परिचालन में नए स्तर हासिल किए हैं।’
 
उन्होंने कहा कि पिछला साल बहुत चुनौतिपूर्ण रहा और वायुसेना ने विभिन्न मोर्चों पर अपनी क्षमता साबित की। इस साल को लेकर आईएएफ प्रमुख ने कहा, ‘वायु सेना ने मित्र देशों की वायु सेनाओं के साथ द्विपक्षीय और बहुपक्षीय अभ्यास में अपनी भागीदारी का विस्तार किया।’ 
 
बहुराष्ट्रीय अभ्यास तरंग शक्ति आयोजित हुआ
मार्शल सिंह ने आगे कहा, ‘हमने 61 साल के अंतराल के बाद भारतीय सरजमीं पर सबसे बड़ा बहुराष्ट्रीय अभ्यास तरंग शक्ति भी आयोजित किया, जिसमें 30 से अधिक देशों की वायु सेनाओं ने हिस्सा लिया।’ 
 
तरंग शक्ति का पहला चरण तमिलनाडु के सुलूर में आयोजित किया गया था, जबकि दूसरा चरण अगस्त और सितंबर में राजस्थान के जोधपुर में आयोजित किया गया था। ‘सबसे बड़ा बहुपक्षीय हवाई अभ्यास’ कहे जाने वाले तरंग शक्ति में देश की रक्षा क्षमता का प्रदर्शन किया गया तथा इसमें भाग लेने वाले बलों को अंतर-संचालन क्षमता को बढ़ावा देने के लिए एक मंच प्रदान किया गया। तरंग शक्ति अभ्यास के दौरान, सिंह ने कहा कि अभ्यास की समग्र व्यवस्था और संचालन ने बहुत प्रशंसा हासिल की और यह वायु योद्धाओं की क्षमता का प्रमाण है।
 
जंगलों में आग और बाढ़…
उन्होंने कहा, ‘हम भारत और विदेश में मानवीय सहायता तथा आपदा राहत के किसी भी आह्वान पर हमेशा सबसे पहले प्रतिक्रिया देने वाले रहे हैं। पिछले एक साल में भारतीय वायुसेना को कई स्थानों पर बाढ़ राहत प्रदान करने और कुछ अन्य स्थानों पर जंगल की आग बुझाने के लिए बुलाया गया है।’
उन्होंने कहा कि सीमाओं के पार भारतीय वायु सेना ने भी कई देशों से राहत और निकासी में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। उन्होंने कहा, ‘इस साल मार्च में मर्चेंट शिप एमवी रुएन को बचाने से हमारी रणनीतिक पहुंच और कौशल का पता चलता है। भारतीय वायुसेना कर्मियों और उनके परिवारों का कल्याण और खुशहाली ‘सर्वोच्च महत्व’ का विषय बना हुआ है। भारतीय वायुसेना सभी को अनुकूल कार्य वातावरण प्रदान करने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है।’

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