सार
अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने कहा, भारत व चीन ही नहीं, बल्कि दुनिया के सभी देश इसको लेकर चिंता जता चुके हैं। यह युद्ध सिर्फ यूक्रेन या वहां के लोगों के खिलाफ नहीं है, बल्कि यह अंतरराष्ट्रीय संबंधों के सिद्धांतों के खिलाफ एक आक्रामकता है। विस्तार एससीओ समिट के दौरान भारत और चीन द्वारा रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के सामने यूक्रेन युद्ध को लेकर चिंता जाहिर की गई। इसको लेकर अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन का बयान सामने आया है। उन्होंने कहा है कि भारत और चीन द्वारा सीधे तौर पर जाहिर की गई चिंता से रूसी आक्रामकता पर दबाव पड़ेगा।
दरअसल, अमेरिकी विदेश मंत्री शुक्रवार को जॉर्डन के विदेश मंत्री अयमान सफादी के साथ एक प्रेसवार्ता को संबोधित कर रहे थे। इस दौरान उनके पूछा गया कि क्या आप अंतरराष्ट्रीय मंच भारत और चीन की चिंता को रूस के एक महत्वपूर्ण बदलाव के रूप में देखते हैं? इसके जवाब में ब्लिंकन ने कहा, भारत और चीन ने सीधे तौर पर रूस के सामने यूक्रेन युद्ध को लेकर अपनी चिंता जाहिर की है। उनकी चिंता यूक्रेन पर आक्रमण के बाद वैश्विक स्तर पर पड़े प्रभाव के बारे में थी।
भारत और चीन ही नहीं, सभी देश चिंतित
ब्लिंकन ने कहा, सिर्फ भारत व चीन ही नहीं, बल्कि दुनिया के सभी देश इसको लेकर चिंता जता चुके हैं। क्यों, यूक्रेन युद्ध दुनिया के लोगों के लिए विनाशकारी रहा। यह युद्ध सिर्फ यूक्रेन या वहां के लोगों के खिलाफ नहीं है, बल्कि यह अंतरराष्ट्रीय संबंधों के सिद्धांतों के खिलाफ एक आक्रामकता है, जो शांति और सुरक्षा बनाए रखने में मदद करता है।
200 मिलियन लोगों पर खाद्य असुरक्षा का खतरा
ब्लिंकन ने कहा संयुक्त राष्ट्र चार्टर को सभी के सामने होना चाहिए। अगर उसको देखें तो रूस नंबर एक का उल्लंघनकर्ता है। यूक्रेन आक्रमण का असर खाद्य सुरक्षा पर पड़ा है। हम पहले से ही कोरोना और जलवायु परिवर्तन से पीड़ित थे। ऊपर से यूक्रेन युद्ध से खाद्य असुरक्षा और बढ़ गई। अब हमारे पास करी 200 मिलियन से अधिक लोग हैं जो गंभीर रूप से खाद्य असुरक्षित हैं। दरअसल, एससीओ समिट के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और व्लादिमीर पुतिन के बीच द्विपक्षीय बैठक हुई थी। इस दौरान दोनों देशों के बीच कई मुद्दों पर चर्चा की गई। इसमें यूक्रेन युद्ध भी प्रमुख मसला था।
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