विस्तार पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर की पार्टी का आज भाजपा में विलय हो जाएगा। कैप्टन दिल्ली स्थित बीजेपी मुख्यालय में राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा की मौजूदगी में प्राथमिक सदस्यता ग्रहण कर सकते हैं। कैप्टन के साथ पंजाब के छह पूर्व विधायक, कैप्टन के बेटे रण इंदर सिंह, बेटी जय इंदर कौर, नाती निर्वाण सिंह भी भाजपा में शामिल होंगे लेकिन पत्नी सांसद परनीत कौर फिलहाल कांग्रेस में रहेंगी।
बीते विधानसभा चुनाव में कैप्टन ने कांग्रेस से किनारा कर पंजाब लोक कांग्रेस का गठन कर पंजाब में बीजेपी के साथ गठबंधन किया था। उस समय उनके बेटे रणइंद्र सिंह ने ही भाजपा के साथ तालमेल कर टिकटों की बांटवारे में अहम भूमिका अदा की थी लेकिन पंजाब में आप की आंधी के सामने कैप्टन की पार्टी उड़ गई और भाजपा भी हाशिये पर चली गई।
पंजाब में भाजपा जगह बनाने के लिए प्रयास कर रही है। भाजपा में विलय की खबर ऐसे समय आई है, जब पंजाब में सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी सरकार ने बीजेपी पर ऑपरेशन लोटस के तहत आप विधायकों को तोड़ने का आरोप लगते हुए पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है।
भाजपा लंबे समय से पंजाब में एक मजबूत सिख चेहरे की तलाश कर रही है, जो हिंदू निर्वाचन क्षेत्र को भी स्वीकार्य हो। अमरिंदर सिंह के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ अच्छे व्यक्तिगत संबंध हैं। जब वह पंजाब के सीएम थे तो उन्होंने ऑन रिकॉर्ड कहा था कि पीएम संपर्क करने पर हमेशा सहयोग करते हैं।
75 साल की उम्र से अधिक को टिकट नहीं
कैप्टन अमरिंदर सिंह दो बार कांग्रेस से पंजाब के मुख्यमंत्री रहे हैं लेकिन अब सवाल उठ रहा है कि भाजपा में शामिल होने के बाद उनकी क्या भूमिका रहेगी। कैप्टन इस समय 80 साल के हैं। वहीं भाजपा 75 से ऊपर नेताओं को टिकट नहीं देती है। ऐसे में कैप्टन के लिए डगर थोड़ी मुश्किल हो सकती है। हालांकि बेटी जय इंदर कौर उनका राजनीतिक काम संभालती हैं। पंजाब के चुनाव में उनकी भूमिका पहली कतार में थी। ऐसे में माना जा रहा है कि उनकी बेटी को भी कोई महत्वपूर्ण भूमिका मिल सकती है।
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