विस्तार मानव तस्करी मामले में पटियाला केंद्रीय जेल में बंद पंजाबी गायक दलेर मेहंदी को शुक्रवार को रिहा कर दिया गया है। मेहंदी को गुरुवार को पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने इस मामले में जमानत दे दी थी। दलेर मेहंदी ने मीडिया से कोई बात नहीं की और चुपचाप अपनी गाड़ी में निकले।
गौरतलब है कि दलेर मेहंदी को 2003 के कबूतरबाजी मामले में पटियाला की अदालत ने करीब दो महीने पहले दो साल कैद की सजा सुनाई थी। तब से वह जेल में उसी बैरक में बंद थे, जहां पंजाब कांग्रेस के पूर्व प्रधान नवजोत सिंह सिद्धू को रखा गया था।
मेहंदी व उनके भाई शमशेर सिंह मेहंदी के खिलाफ पटियाला पुलिस ने बख्शीश सिंह नाम के एक व्यक्ति की शिकायत पर केस दर्ज किया था। करीब 30 अन्य लोगों ने भी मेहंदी भाइयों के खिलाफ धोखाधड़ी करने का आरोप लगाया था। आरोप लगे थे कि दोनों मेहंदी भाइयों ने गैरकानूनी ढंग से अमेरिका पहुंचाने के लिए उनसे मोटी रकम ली थी लेकिन बाद में अमेरिका नहीं भेजा।
यह है मामला
दलेर मेहंदी और उनके भाई शमशेर सिंह पर आरोप लगाया गया था कि वे लोगों को अपनी मंडली में शामिल कर विदेश लेकर जाते थे। इसके लिए लोगों से मोटी रकम वसूली जाती थी। 2003 में पटियाला सदर पुलिस स्टेशन में दर्ज एफआईआर के अनुसार मेहंदी बंधुओं ने 1998 और 1999 में दो मंडलियां बनाई थीं। इस दौरान 10 लोगों के समूह को अमेरिका ले जाया गया और अवैध रूप से वहीं छोड़ दिया गया। पहली शिकायत दर्ज करने के बाद पुलिस को इसी तरह की 35 और शिकायतें मिलीं थीं।
टाइम लाइन
2003 में पटियाला जिले के गांव बलबेड़ा के बक्शीश सिंह ने पुलिस को दी शिकायत में आरोप लगाया था कि दलेर ने तीन लड़कियों समेत 10 लोगों को अमेरिका भेजा था लेकिन उससे पैसे ले लिए लेकिन न विदेश भेजा और न ही रकम लौटाई। इस मामले में दलेर मेहंदी से पहले बड़े भाई शमशेर सिंह पर 19 सितंबर 2003 को मानव तस्करी का मामला दर्ज हुआ शमशेर से पूछताछ के बाद पटियाला पुलिस ने दलेर को भी नामजद कर दिया 2006 में पंजाब पुलिस ने मेहंदी बंधुओं को निर्दोष करार देते हुए केस बंद करने की मांग की थी लेकिन कोर्ट ने इन्कार कर दिया 15 साल बाद 16 मार्च 2018 में पटियाला की जुडीशियल मजिस्ट्रेट फर्स्ट क्लास निधि सैनी की अदालत ने मेहंदी को धोखाधड़ी और साजिश रचने का दोषी पाया था पटियाला के अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश एचएस ग्रेवाल की अदालत ने 14 जुलाई 2022 को दलेर की अपील को खारिज कर दिया और उनकी दो साल की सजा को बरकरार रखा
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