Press "Enter" to skip to content

मीडिया में स्वामित्व की मर्यादा

दिलीप ख़ान

 à¤œà¤¨à¤¸à¤¤à¥à¤¤à¤¾ 3 सितंबर, 2014: भारत में मीडिया को लेकर हाल के वरà¥à¤·à¥‹à¤‚ में जो चिंता जताई गई है उस पर मीडिया के बाहर

और भीतर लगातार चरà¥à¤šà¤¾ हà¥à¤ˆ, लेकिन उसे दà¥à¤°à¥à¤¸à¥à¤¤ करने की दिशा में कदम न के बराबर उठे। पिछले पांच-छह वरà¥à¤·à¥‹à¤‚ में बड़े निगमों ने जिस सà¥à¤¤à¤° पर मीडिया में निवेश किया है उसकी वजह से इसका चरितà¥à¤° भी तेजी से बदला है। बिलà¥à¤•à¥à¤² नई किसà¥à¤® की चà¥à¤¨à¥Œà¤¤à¤¿à¤¯à¤¾à¤‚ इसके सामने खड़ी हà¥à¤°à¥à¤‡à¤‚ जो पहले या तो नहीं थीं, या थीं भी तो सतह पर नहीं दिखती थीं। लेकिन इसके सूकà¥à¤·à¥à¤® चारितà¥à¤°à¤¿à¤• बदलाव को अगर छोड़ भी दें तो तीन-चार à¤à¤¸à¥‡ विचलन हैं जो असल में मीडिया की संरचना के साथ सीधे तौर पर जà¥à¥œà¥‡ हà¥à¤ हैं। इनमें मीडिया के मालिकाने में आया बदलाव, निजी समà¤à¥Œà¤¤à¥‡ और पेड नà¥à¤¯à¥‚ज सबसे अहम हैं। इन तीन समसà¥à¤¯à¤¾à¤“ं के इरà¥à¤¦à¤—िरà¥à¤¦ ही बाकी मà¥à¤¶à¥à¤•à¤¿à¤²à¥‡à¤‚ डेरा डालती हैं। इन तीनों के आपसी संबंध को तलाशें तो मीडिया-सà¥à¤µà¤¾à¤®à¤¿à¤¤à¥à¤µ सबसे अहम चà¥à¤¨à¥Œà¤¤à¥€ के तौर पर दिखता है। 

अब सवाल यह है कि जब मीडिया में हà¥à¤ और हो रहे इन बदलावों को साफ  à¤¤à¥Œà¤° पर चौतरफा महसूस किया जा रहा है तो इस पर लगाम कसने की कोई ठोस रणनीति कà¥à¤¯à¥‹à¤‚ नहीं बन पा रही? कà¥à¤¯à¤¾ सरकार और संसद की तरफ  à¤¸à¥‡ कोताही बरती जा रही है या फिर मीडिया नाम के उदà¥à¤¯à¥‹à¤— की संरचना को लेकर यह पसोपेश कायम है कि इसे बाकी उदà¥à¤¯à¥‹à¤—ों से किस रूप में अलगाया जाà¤? जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ पीछे न जाà¤à¤‚ तो पिछले छह साल में संसद, सरकार और इसके अलावा कà¥à¤› अनà¥à¤¯ महतà¥à¤¤à¥à¤µà¤ªà¥‚रà¥à¤£ संसà¥à¤¥à¤¾à¤“ं ने मीडिया को लेकर दरà¥à¤œà¤¨ भर से जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ रिपोरà¥à¤Ÿà¥‡à¤‚ जारी की हैं, पचासों टिपà¥à¤ªà¤£à¤¿à¤¯à¤¾à¤‚ की हैं और सैकड़ों बार चिंता जताई है।

अभी हाल में, 12 अगसà¥à¤¤ को टà¥à¤°à¤¾à¤‡ यानी भारतीय दूरसंचार नियामक पà¥à¤°à¤¾à¤§à¤¿à¤•à¤°à¤£ ने मीडिया-सà¥à¤µà¤¾à¤®à¤¿à¤¤à¥à¤µ पर अपनी सिफारिशें सूचना और पà¥à¤°à¤¸à¤¾à¤°à¤£ मंतà¥à¤°à¤¾à¤²à¤¯ को सौंप दीं। इस मसले पर टà¥à¤°à¤¾à¤‡ का यह तीसरा अधà¥à¤¯à¤¯à¤¨ है। सबसे पहले साल 2008 में मंतà¥à¤°à¤¾à¤²à¤¯ ने टà¥à¤°à¤¾à¤‡ को मीडिया-सà¥à¤µà¤¾à¤®à¤¿à¤¤à¥à¤µ के ढांचे का अधà¥à¤¯à¤¯à¤¨ कर सà¥à¤à¤¾à¤µ देने को कहा था। 25 फरवरी 2009 को टà¥à¤°à¤¾à¤‡ ने मीडिया पर चंद लोगों के नियंतà¥à¤°à¤£ से उपजे हालात और कà¥à¤°à¥‰à¤¸ मीडिया सà¥à¤µà¤¾à¤®à¤¿à¤¤à¥à¤µ पर अपने सà¥à¤à¤¾à¤µ सौंप दिà¤à¥¤ इसमें खासतौर पर कà¥à¤°à¥‰à¤¸ मीडिया सà¥à¤µà¤¾à¤®à¤¿à¤¤à¥à¤µ के खतरों से मंतà¥à¤°à¤¾à¤²à¤¯ को अवगत कराया गया था और बताया गया था कि देश के भीतर इसके चलते खबरों और विचारों की बहà¥à¤²à¤¤à¤¾ किस तरह पà¥à¤°à¤­à¤¾à¤µà¤¿à¤¤ हो रही है। साथ ही विदेशों में इस पर बने नियम-कायदों से भी मंतà¥à¤°à¤¾à¤²à¤¯ को अवगत कराया गया था। 

सोलह मई 2012 को मंतà¥à¤°à¤¾à¤²à¤¯ ने टà¥à¤°à¤¾à¤‡ को अपने इन सà¥à¤à¤¾à¤µà¥‹à¤‚ का पà¥à¤¨à¤°à¤µà¤²à¥‹à¤•à¤¨ करने को कहा, जिसमें कà¥à¤› तकनीकी मसलों पर विसà¥à¤¤à¤¾à¤° देने की बात अंतरà¥à¤¨à¤¿à¤¹à¤¿à¤¤ थी। मिसाल के लिठ‘होरिजेंटल ओनरशिप’ और ‘वरà¥à¤Ÿà¤¿à¤•à¤² ओनरशिप’। ‘होरिजेंटल कà¥à¤°à¥‰à¤¸ मीडिया ओनरशिप’ का मतलब है à¤à¤• ही समूह का पà¥à¤°à¤¸à¤¾à¤°à¤£ के अलग-अलग माधà¥à¤¯à¤®à¥‹à¤‚ पर कबà¥à¤œà¤¾ होना। यानी अखबार, टीवी, रेडियो और पतà¥à¤°à¤¿à¤•à¤¾ अगर à¤à¤• ही मालिक निकाल रहा हो तो ये होरिजेंटल ओनरशिप है। इसी तरह वरà¥à¤Ÿà¤¿à¤•à¤² ओनरशिप उसको कहेंगे जिसमें पà¥à¤°à¤¸à¤¾à¤°à¤£ और वितरण के अलग-अलग वà¥à¤¯à¤µà¤¸à¤¾à¤¯ à¤à¤• ही मालिक के कबà¥à¤œà¥‡ में हों। यानी अगर à¤à¤• ही समूह का टीवी चैनल भी है और उसके वितरण के लिठडीटीà¤à¤š और केबल पà¥à¤°à¤¸à¤¾à¤°à¤£ भी, तो यह वरà¥à¤Ÿà¤¿à¤•à¤² ओनरशिप है। 

इन दोनों मसलों की तहकीकात करते हà¥à¤ 15 फरवरी 2013 को टà¥à¤°à¤¾à¤‡ ने मंतà¥à¤°à¤¾à¤²à¤¯ को à¤à¤• परामरà¥à¤¶-पतà¥à¤° सौंपा, जिसमें कà¥à¤› अंतिम टिपà¥à¤ªà¤£à¤¿à¤¯à¤¾à¤‚ की गई थीं। 

परामरà¥à¤¶-पतà¥à¤° सौंपने के बाद पिछले साल 22 अपà¥à¤°à¥ˆà¤² से लेकर 29 अपà¥à¤°à¥ˆà¤² तक टà¥à¤°à¤¾à¤‡ ने मीडिया-मालिकों के अलग-अलग पकà¥à¤·à¥‹à¤‚ से पूरे मामले पर राय मांगी। पकà¥à¤· में तैंतीस और विपकà¥à¤· में छह टिपà¥à¤ªà¤£à¤¿à¤¯à¤¾à¤‚ आई थीं जो टà¥à¤°à¤¾à¤‡ की वेबसाइट पर चसà¥à¤ªà¤¾à¤‚ कर दी गरà¥à¤‡à¤‚। यही नहीं, इसके बाद देश के अलग-अलग पांच शहरों में खà¥à¤²à¥€ बहस भी कराई गई। इसमें टà¥à¤°à¤¾à¤‡ के नजरिठसे असहमति जताते हà¥à¤ जो तरà¥à¤• आठउनमें सबसे पà¥à¤°à¤®à¥à¤– सà¥à¤µà¤° यह था कि भारत दà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾ के अनà¥à¤¯ मà¥à¤²à¥à¤•à¥‹à¤‚ से कà¥à¤› महतà¥à¤¤à¥à¤µà¤ªà¥‚रà¥à¤£ अरà¥à¤¥à¥‹à¤‚ में भिनà¥à¤¨ है। यहां पर जितनी भाषाओं में और जितनी तादाद में अखबार और टीवी चैनल हैं उतने कहीं और मà¥à¤®à¤•à¤¿à¤¨ नहीं, लिहाजा विचारों और खबरों की बहà¥à¤²à¤¤à¤¾ यहां पà¥à¤°à¤­à¤¾à¤µà¤¿à¤¤ नहीं हो रही है। लेकिन टà¥à¤°à¤¾à¤‡ ने इस महीने की बारह तारीख को जो अंतिम सिफारिश सौंपी है उसमें à¤à¤¸à¥‡ तमाम तरà¥à¤•à¥‹à¤‚ के जवाब दिठगठहैं। देश में अखबारों, टीवी चैनलों और रेडियो सà¥à¤Ÿà¥‡à¤¶à¤¨à¥‹à¤‚ की बड़ी तादाद के बावजूद यह महसूस किया गया है कि असर और पà¥à¤°à¤¸à¤¾à¤° के मामले में सब बराबर नहीं हैं। 

पà¥à¤°à¤¾à¤§à¤¿à¤•à¤°à¤£ ने भी अपनी रिपोरà¥à¤Ÿ में इस बात का जिकà¥à¤° किया है। रिपोरà¥à¤Ÿ में दिलà¥à¤²à¥€ से निकलने वाले अखबारों के उदाहरण से बताया गया है कि भले ही यहां दरà¥à¤œà¤¨ भर से जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ अखबार निकलते हों, लेकिन दो-तीन अखबार यहां के बाजार पर वरà¥à¤šà¤¸à¥à¤µ बनाठहà¥à¤ हैं, इसलिठउनकी तà¥à¤²à¤¨à¤¾ छोटे-मà¤à¥‹à¤²à¥‡ अखबारों से करना खबरों की विविधता के अरà¥à¤¥ में बेमानी है। विविधता के मसले और कॉरपोरेट के मालिकाने के साथ-साथ धारà¥à¤®à¤¿à¤• वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ और संसà¥à¤¥à¤¾à¤“ं तथा राजनीतिकों के सà¥à¤µà¤¾à¤®à¤¿à¤¤à¥à¤µ पर विसà¥à¤¤à¤¾à¤° से टिपà¥à¤ªà¤£à¥€ की गई है। 

यह अब काफी शिदà¥à¤¦à¤¤ से महसूस किया जा रहा है कि अगर किसी खास राजनीतिक पारà¥à¤Ÿà¥€ से जà¥à¥œà¥‡ किसी वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ के हाथ में मीडिया हो तो वह उसका इसà¥à¤¤à¥‡à¤®à¤¾à¤² अपनी छवि चमकाने या फिर विरोधी पारà¥à¤Ÿà¥€ के खिलाफ

 à¤ªà¥à¤°à¤šà¤¾à¤° के लिठकरता है। आंधà¥à¤° पà¥à¤°à¤¦à¥‡à¤¶ में दो-तीन महीने पहले टीवी चैनलों और केबल पà¥à¤°à¤¸à¤¾à¤°à¤£ पर राजनीतिक पारà¥à¤Ÿà¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ के बीच तकरार इतनी तेज हो गई थी कि तेलंगाना और आंधà¥à¤° के कà¥à¤› इलाकों में हिंसक à¤à¥œà¤ªà¥‹à¤‚ के साथ-साथ यह मसला संसद में भी उठा। राजनीतिक मालिकाने को आमतौर पर दकà¥à¤·à¤¿à¤£ भारत और पूरà¥à¤µà¥‹à¤¤à¥à¤¤à¤° के साथ लोग जोड़ कर देखते हैं, लेकिन पिछले कà¥à¤› वरà¥à¤·à¥‹à¤‚ में यह अखिल भारतीय चलन के तौर पर उभरा है। à¤ªà¤¾à¤°à¥à¤Ÿà¥€-मà¥à¤–पतà¥à¤° को लोग उसी राजनीतिक दायरे और पारà¥à¤Ÿà¥€ लाइन का मानते हà¥à¤ पà¥à¤¤à¥‡ हैं, लिहाजा मà¥à¤–पतà¥à¤° में छपी बातों पर वे अपने तरà¥à¤•à¥‹à¤‚ के जरिठराजनीतिक विभेद ढूंॠलेते हैं। लेकिन सामानà¥à¤¯ समाचार मीडिया ने जो अपनी साख सà¥à¤¥à¤¾à¤ªà¤¿à¤¤ की है, उसमें सियासी सेंधमारी के जरिठअगर खबरें तोड़ी-मरोड़ी जाती हैं तो à¤à¤• दरà¥à¤¶à¤• या पाठक के लिठउसको नकार पाना बहà¥à¤¤ मà¥à¤¶à¥à¤•à¤¿à¤² होता है। लेकिन यह सब न सिरà¥à¤« जारी है, बलà¥à¤•à¤¿ लगातार विसà¥à¤¤à¤¾à¤° पा रहा है। टà¥à¤°à¤¾à¤‡ की सिफारिश में इसको ततà¥à¤•à¤¾à¤² पà¥à¤°à¤­à¤¾à¤µ से बंद करने की बात कही गई है। 

रिपोरà¥à¤Ÿ में कà¥à¤°à¥‰à¤¸ मीडिया सà¥à¤µà¤¾à¤®à¤¿à¤¤à¥à¤µ पर भी à¤à¤• हद तक पाबंदी की बात कही गई है, चाहे वह सà¥à¤µà¤¾à¤®à¤¿à¤¤à¥à¤µ ‘होरिजेंटल’ हो या ‘वरà¥à¤Ÿà¤¿à¤•à¤²â€™à¥¤ इसमें दो-तीन फॉरà¥à¤®à¥‚लों के जरिठनियंतà¥à¤°à¤£ की बात कही गई है और सà¥à¤à¤¾à¤¯à¤¾ गया है कि अगर पà¥à¤°à¤¸à¤¾à¤°à¤£ और वितरण दोनों में किसी समूह का बतà¥à¤¤à¥€à¤¸ पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤¶à¤¤ से जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ शेयर है तो किसी à¤à¤• में उसे घटा कर बीस पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤¶à¤¤ के सà¥à¤¤à¤° तक लाना होगा। इसी तरह अगर à¤à¤• से अधिक मीडिया संसà¥à¤¥à¤¾à¤¨ में उसका निवेश है तो उसे ‘पà¥à¤°à¤¾à¤¸à¤‚गिक बाजार में उसके असर’ को देखते हà¥à¤ कतरा जाना चाहिà¤à¥¤ पà¥à¤°à¤¾à¤¸à¤‚गिक बाजार की परिभाषा इस तरह की है कि अगर कोई मीडिया तेलà¥à¤—ू माधà¥à¤¯à¤® का है तो गैर-तेलà¥à¤—ू लोगों के लिठउसका कोई महतà¥à¤¤à¥à¤µ नहीं है, कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि वह उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ पà¥à¤°à¤­à¤¾à¤µà¤¿à¤¤ नहीं कर सकता। 

इसलिठभाषावार और कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤°à¤µà¤¾à¤° à¤à¤¸à¥‡ पà¥à¤°à¤¾à¤¸à¤‚गिक बाजार तलाशे गठहैं। इसमें हिंदी बाजार के दायरे में दस राजà¥à¤¯à¥‹à¤‚ को रखा गया है। लेकिन टà¥à¤°à¤¾à¤‡ की इस सिफारिश से छोटे बाजार में सकà¥à¤°à¤¿à¤¯ मीडिया उदà¥à¤¯à¤®à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ पर तो लगाम लग जाà¤à¤—ी, लेकिन जो बड़े समूह हैं और जिनका à¤à¤• साथ हिंदी, अंगरेजी से लेकर दो-तीन भाषाओं के बाजार में दखल है उनके लिठकोई खास मà¥à¤¶à¥à¤•à¤¿à¤² पेश नहीं आà¤à¤—ी कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि उनके लिठहर बाजार में अलग-अलग हिसà¥à¤¸à¤¾ तय होगा।  

मीडिया में जिस तरह गà¥à¤ªà¤šà¥à¤ª तरीके से निवेश का चलन बà¥à¤¾ है उससे कई दफा असली मालिक का पता लगाना मà¥à¤¶à¥à¤•à¤¿à¤² हो जाता है। इसे देखते हà¥à¤ भारतीय पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤¸à¥à¤ªà¤°à¥à¤§à¤¾ आयोग ने रिलायंस के मीडिया समूह इंडिपेंडेंट मीडिया टà¥à¤°à¤¸à¥à¤Ÿ का उदाहरण देते हà¥à¤ दो साल पहले कहा था कि मीडिया उदà¥à¤¯à¥‹à¤— में ‘नियंतà¥à¤°à¤£â€™ को भी सà¥à¤µà¤¾à¤®à¤¿à¤¤à¥à¤µ की तरह देखा जाना चाहिà¤à¥¤ अगर अधà¥à¤¯à¤¯à¤¨à¥‹à¤‚ का ही जिकà¥à¤° किया जाठतो भारतीय पà¥à¤°à¥‡à¤¸ परिषद की 2009 में आई पेड-नà¥à¤¯à¥‚ज संबंधी रिपोरà¥à¤Ÿ के बाद संसद की सà¥à¤¥à¤¾à¤¯à¥€ समिति ने पिछले साल इसी मसले पर विसà¥à¤¤à¥ƒà¤¤ रिपोरà¥à¤Ÿ सौंपी। 

विधि आयोग ने मई 2014 में इस पर à¤à¤• परामरà¥à¤¶-पतà¥à¤° दिया। à¤à¤¡à¤®à¤¿à¤¨à¤¿à¤¸à¥à¤Ÿà¥à¤°à¥‡à¤Ÿà¤¿à¤µ सà¥à¤Ÿà¤¾à¤« कॉलेज आॅफ इंडिया ने अपने अधà¥à¤¯à¤¯à¤¨ के जरिठइस पर रोशनी डाली। भारतीय पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤¸à¥à¤ªà¤°à¥à¤§à¤¾ आयोग ने इस चलन पर नठतौर-तरीके अपनाने की वकालत की। लेकिन इन तमाम अधà¥à¤¯à¤¯à¤¨à¥‹à¤‚ के बावजूद कोई ठोस रूप-रेखा अब तक तैयार नहीं हो पाई है। 

हाल में टà¥à¤°à¤¾à¤‡ ने सूचना पà¥à¤°à¤¸à¤¾à¤°à¤£ मंतà¥à¤°à¤¾à¤²à¤¯ को अपनी जो सिफारिशें सौंपी हैं, उसके बाद दो तथà¥à¤¯à¥‹à¤‚ को देखते हà¥à¤ उमà¥à¤®à¥€à¤¦ जगती है। पहला, जब पहली दफा मीडिया-सà¥à¤µà¤¾à¤®à¤¿à¤¤à¥à¤µ पर टà¥à¤°à¤¾à¤‡ ने 2008 में सà¥à¤à¤¾à¤µ दिठथे तो उस वकà¥à¤¤ उसके अधà¥à¤¯à¤•à¥à¤· नृपेंदà¥à¤° मिशà¥à¤° थे, जो अब मोदी सरकार में पà¥à¤°à¤§à¤¾à¤¨ सलाहकार हैं। दूसरा, संसद की सà¥à¤¥à¤¾à¤¯à¥€ समिति ने पिछले साल जो पेड-नà¥à¤¯à¥‚ज पर रिपोरà¥à¤Ÿ दी थी उस समिति के ततà¥à¤•à¤¾à¤²à¥€à¤¨ अधà¥à¤¯à¤•à¥à¤· राव इंदà¥à¤°à¤œà¥€à¤¤ सिंह कांगà¥à¤°à¥‡à¤¸ छोड़ कर भाजपा में शामिल हो चà¥à¤•à¥‡ हैं, जो अब सतà¥à¤¤à¤¾à¤§à¤¾à¤°à¥€ पारà¥à¤Ÿà¥€ है। 

लेकिन मीडिया पर किसी भी तरह की कारà¥à¤°à¤µà¤¾à¤ˆ न करने के पिछले कई साल के रिकारà¥à¤¡ को देखते हà¥à¤ यही लग रहा है कि यह सरकार भी बिलà¥à¤²à¥€ के गले में घंटी बांधने का काम आगे के लिठटाल देगी। टीवी में सà¥à¤µ-नियमन के तमाम निकाय बà¥à¤°à¥€ तरह विफल रहे हैं और पà¥à¤°à¤¿à¤‚ट मीडिया की बाबत भारतीय पà¥à¤°à¥‡à¤¸ परिषद कितना कारगर है यह मीडिया से जà¥à¥œà¤¾ हर वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ अचà¥à¤›à¥€ तरह जानता है। टà¥à¤°à¤¾à¤‡ की रिपोरà¥à¤Ÿ के बाद गेंद अब सरकार के पाले में है। लिहाजा, यह देखना दिलचसà¥à¤ª होगा कि कà¥à¤¯à¤¾ उस गेंद पर शॉट भी लगाठजाते हैं या फिर पाले में आई हà¥à¤ˆ गेंद रखे-रखे पà¥à¤°à¤¾à¤¨à¥€ हो जाà¤à¤—ी।

फेसबà¥à¤• पेज को लाइक करने के लिठकà¥à¤²à¤¿à¤• करें- https://www.facebook.com/Jansatta

टà¥à¤µà¤¿à¤Ÿà¤° पेज पर फॉलो करने के लिठकà¥à¤²à¤¿à¤• करें- https://twitter.com/Jansatta  

आपके विचार

Be First to Comment

Leave a Reply

Your email address will not be published.