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महात्मा गांधी बनाम चर्चिल

सà¥à¤§à¤¾à¤‚शॠरंजन

 à¤œà¤¨à¤¸à¤¤à¥à¤¤à¤¾ 9 सितंबर, 2014: बà¥à¤°à¤¿à¤Ÿà¥‡à¤¨ सरकार ने घोषणा की है कि महातà¥à¤®à¤¾ गांधी की मूरà¥à¤¤à¤¿ लंदन के पारà¥à¤²à¤¿à¤¯à¤¾à¤®à¥‡à¤‚ट सà¥à¤•à¥à¤µà¤¾à¤¯à¤° में

विंसà¥à¤Ÿà¤¨ चरà¥à¤šà¤¿à¤² के साथ 2015 के गà¥à¤°à¥€à¤·à¥à¤®à¤•à¤¾à¤² तक लगाई जाà¤à¤—ी। पहले से ही गांधीजी की à¤à¤• और मूरà¥à¤¤à¤¿ लंदन में किंगà¥à¤œ कà¥à¤°à¥‰à¤¸ के निकट टैविसà¥à¤Ÿà¥‰à¤• सà¥à¤•à¥à¤µà¤¾à¤¯à¤° पर है जो 1968 में सà¥à¤¥à¤¾à¤ªà¤¿à¤¤ की गई थी। पर बà¥à¤°à¤¿à¤Ÿà¤¿à¤¶ पारà¥à¤²à¤¿à¤¯à¤¾à¤®à¥‡à¤‚ट के बगल में यानी पारà¥à¤²à¤¿à¤¯à¤¾à¤®à¥‡à¤‚ट सà¥à¤•à¥à¤µà¤¾à¤¯à¤° में राषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¤ªà¤¿à¤¤à¤¾ की मूरà¥à¤¤à¤¿ सà¥à¤¥à¤¾à¤ªà¤¿à¤¤ करने का, जो वहां गà¥à¤¯à¤¾à¤°à¤¹à¤µà¥€à¤‚ मूरà¥à¤¤à¤¿ होगी, बड़ा भारी पà¥à¤°à¤¤à¥€à¤•à¤¾à¤¤à¥à¤®à¤• महतà¥à¤¤à¥à¤µ है कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि सà¥à¤•à¤¾à¤µà¤¯à¤° जन-विरोध की जगह है। अहिंसा के पà¥à¤œà¤¾à¤°à¥€ गांधी ने अहिंसक संघरà¥à¤· से बà¥à¤°à¤¿à¤Ÿà¤¿à¤¶ सामà¥à¤°à¤¾à¤œà¥à¤¯à¤µà¤¾à¤¦ की चूलें हिला दीं। बà¥à¤°à¤¿à¤Ÿà¥‡à¤¨ के विदेशमंतà¥à¤°à¥€ विलियम हेग à¤à¤µà¤‚ à¤à¤•à¥à¤¸à¤šà¥‡à¤•à¤° के चांसलर जॉरà¥à¤œ आॅसà¥à¤¬à¥‰à¤°à¥à¤¨ ने हाल में अपनी दो दिवसीय भारत यातà¥à¤°à¤¾ के दौरान कहा कि गांधी वà¥à¤¯à¤¾à¤ªà¤• पà¥à¤°à¥‡à¤°à¤£à¤¾ और शकà¥à¤¤à¤¿ के सà¥à¤°à¥‹à¤¤ हैं। 

यह किसी विडंबना से कम नहीं कि घोर सामà¥à¤°à¤¾à¤œà¥à¤¯à¤µà¤¾à¤¦à¥€ चरà¥à¤šà¤¿à¤² मूरà¥à¤¤à¤¿ के रूप में गांधी के साथ खड़े होंगे जिनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने उस सामà¥à¤°à¤¾à¤œà¥à¤¯à¤µà¤¾à¤¦ का जà¥à¤† तोड़ डाला। चरà¥à¤šà¤¿à¤² का पकà¥à¤•à¤¾ मत था कि ‘भारत को खोना बà¥à¤°à¤¿à¤Ÿà¤¿à¤¶ सामà¥à¤°à¤¾à¤œà¥à¤¯à¤µà¤¾à¤¦ के पतन का पà¥à¤°à¤¾à¤°à¤‚भ और अंत होगा’, और उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने घोषणा की, ‘हमें राजा के मà¥à¤•à¥à¤Ÿ के सबसे चमकीले और बेशकीमती रतà¥à¤¨ को अलग करने का कोई इरादा नहीं है जो अनà¥à¤¯ सभी डोमिनियनों और अधीन राषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¥‹à¤‚ से अधिक बà¥à¤°à¤¿à¤Ÿà¤¿à¤¶ सामà¥à¤°à¤¾à¤œà¥à¤¯ की महिमा और शकà¥à¤¤à¤¿ का निरà¥à¤®à¤¾à¤£ करता है।’ महातà¥à¤®à¤¾ ने समà¥à¤°à¤¾à¤Ÿ के मà¥à¤•à¥à¤Ÿ के ‘सबसे चमकीले à¤à¤µà¤‚ बेशकीमती रतà¥à¤¨â€™ को शंतिपूरà¥à¤£ संघरà¥à¤· से छीन लिया। 

गांधी और वायसराय के बीच बराबरी को चरà¥à¤šà¤¿à¤² बरà¥à¤¦à¤¾à¤¶à¥à¤¤ नहीं कर पाà¤, जब उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने देखा कि राषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¤µà¥à¤¯à¤¾à¤ªà¥€ सविनय अवजà¥à¤žà¤¾ आंदोलन शà¥à¤°à¥‚ होने के बाद वायसराय लॉरà¥à¤¡ इरविन गांधी से राजनीतिक संघरà¥à¤·-विराम के लिठवारà¥à¤¤à¤¾ कर रहे थे। 23 फरवरी 1931 को काउंसिल आॅफ द वेसà¥à¤Ÿ à¤à¤¸à¥‡à¤•à¥à¤¸ यूनियनिसà¥à¤Ÿ à¤à¤¸à¥‹à¤¸à¤¿à¤à¤¶à¤¨ को संबोधित करते हà¥à¤ उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने तलà¥à¤–ी से कहा कि ‘इनर टेमà¥à¤ªà¥à¤² के à¤à¤• अधिवकà¥à¤¤à¤¾ शà¥à¤°à¥€ गांधी को, जो उस किसà¥à¤® के à¤à¤• देशदà¥à¤°à¥‹à¤¹à¥€ फकीर बन गठहैं जो पूरब में सरà¥à¤µà¤µà¤¿à¤¦à¤¿à¤¤ है, वायसराय के महल की सीà¥à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ पर अधनंगे चà¥à¤¤à¥‡ देखना जबकि वे अब भी अवजà¥à¤žà¤¾à¤ªà¥‚रà¥à¤µà¤• सिविल नाफरमानी आंदोलन का संचालन कर रहे हैं, समà¥à¤°à¤¾à¤Ÿ के पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤¨à¤¿à¤§à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ से बराबरी के सà¥à¤¤à¤° पर बात करते देखना हैरतअंगेज और उबकाई लाने वाला है।’ उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने आगे जोर देकर कहा, ‘मैं लॉरà¥à¤¡ इरविन और शà¥à¤°à¥€ गांधी के बीच वारà¥à¤¤à¤¾à¤²à¤¾à¤ª तथा संधियों के विरà¥à¤¦à¥à¤§ हूं। …सचà¥à¤šà¤¾à¤ˆ यह है कि गांधीवाद और इसके जो भी मायने हैं, उनसे निपटना होगा और अंतिम रूप से चूर कर देना होगा।’ यह आशà¥à¤šà¤°à¥à¤¯à¤œà¤¨à¤• नहीं है कि जब दूसरे गोलमेज समà¥à¤®à¥‡à¤²à¤¨ में भाग लेने महातà¥à¤®à¤¾ गांधी इंगà¥à¤²à¥ˆà¤‚ड गठतो चरà¥à¤šà¤¿à¤² ने उनसे मिलने से मना कर दिया।

जो भी हो, अपनी पà¥à¤°à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ के अनà¥à¤°à¥‚प गांधी ने इसे दिल से नहीं लगाया। तेरह वरà¥à¤· बाद आगा खां पैलेस से रिहा होने के बाद 17 जà¥à¤²à¤¾à¤ˆ 1944 को पंचगनी से, जहां वे सà¥à¤µà¤¾à¤¸à¥à¤¥à¥à¤¯-लाभ कर रहे थे, उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने चरà¥à¤šà¤¿à¤² को पतà¥à¤° लिखा, ‘‘कथित रूप से आपकी ‘नंगे फकीर’ को, जैसा कि आपने मेरा वरà¥à¤£à¤¨ किया है, कà¥à¤šà¤² देने की इचà¥à¤›à¤¾ है। मैं लंबे समय से ‘फकीर’ बनने का पà¥à¤°à¤¯à¤¾à¤¸ कर रहा हूं और नंगा-à¤à¤• अधिक दà¥à¤·à¥à¤•à¤° कारà¥à¤¯à¥¤ इसलिà¤, मैं इस अभिवà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ को à¤à¤• समà¥à¤®à¤¾à¤¨ मानता हूं, भले ही जो आपकी मंशा नहीं थी। मैं आपसे पà¥à¤°à¤¸à¥à¤¤à¤¾à¤µ करता हूं और निवेदन करता हूं कि मà¥à¤ पर भरोसा और मेरा इसà¥à¤¤à¥‡à¤®à¤¾à¤² करें अपने तथा मेरे लोगों के लिठऔर उनके जरिये विशà¥à¤µ के लिà¤à¥¤â€™â€™ उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने अंत में लिखा- आपका सचà¥à¤šà¤¾ दोसà¥à¤¤, à¤à¤®à¤•à¥‡ गांधी। 

पर गांधी की मूरà¥à¤¤à¤¿ की सà¥à¤¥à¤¾à¤ªà¤¨à¤¾ के पà¥à¤°à¤¸à¥à¤¤à¤¾à¤µ का विरोध आशà¥à¤šà¤°à¥à¤¯à¤œà¤¨à¤• रूप से à¤à¤• अनपेकà¥à¤·à¤¿à¤¤ वरà¥à¤— से आया है। इंडो-बà¥à¤°à¤¿à¤Ÿà¤¿à¤¶ हेरिटेज टà¥à¤°à¤¸à¥à¤Ÿ की संसà¥à¤¥à¤¾à¤ªà¤¿à¤•à¤¾ कà¥à¤¸à¥à¤® बदगामा ने इसका कड़ा विरोध किया है। बयासी वरà¥à¤·à¥€à¤¯ बदगामा का कहना है कि जब वे सà¥à¤•à¥‚ली छातà¥à¤°à¤¾ थीं तो महातà¥à¤®à¤¾ को पूजती थीं कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ पता नहीं था कि वे नगà¥à¤¨ किशोरियों के साथ अपने सà¥à¤µà¤¨à¤¿à¤°à¥à¤®à¤¿à¤¤ बà¥à¤°à¤¹à¥à¤®à¤šà¤°à¥à¤¯ की जांच के लिठसोते थे। उनका आरोप है कि गांधी ने सà¥à¤¤à¥à¤°à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ का इसà¥à¤¤à¥‡à¤®à¤¾à¤² गिनीपिग के रूप में किया। उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने सà¥à¤ªà¤·à¥à¤Ÿ किया कि उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने मà¥à¤‚ह इसलिठखोला कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि आज भी भारत में सामूहिक बलातà¥à¤•à¤¾à¤° की घटनाà¤à¤‚ लगातार घट रही हैं और बलातà¥à¤•à¤¾à¤°-पीड़िताओं को मार कर पेड़ से लटका दिया जा रहा है जिसका अरà¥à¤¥ है कि अब भी महिलाà¤à¤‚ अपमानित होती हैं और कà¥à¤› पà¥à¤°à¥à¤·à¥‹à¤‚ दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ वसà¥à¤¤à¥ के रूप में इसà¥à¤¤à¥‡à¤®à¤¾à¤² की जाती हैं।

आज की बलातà¥à¤•à¤¾à¤° की घटनाओं के लिठमहातà¥à¤®à¤¾ गांधी के बà¥à¤°à¤¹à¥à¤®à¤šà¤°à¥à¤¯ के पà¥à¤°à¤¯à¥‹à¤— को जिमà¥à¤®à¥‡à¤¦à¤¾à¤° मानना सरासर अनà¥à¤¯à¤¾à¤¯ है। उनके पà¥à¤°à¤¯à¥‹à¤— की आलोचना तो हो सकती है और उस वकà¥à¤¤ भी हà¥à¤ˆ थी, मगर उसे आज की घटनाओं से जोड़ना बिलकà¥à¤² गलत है। आज जो यह दà¥à¤·à¥à¤•à¤°à¥à¤® कर रहे हैं उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ गांधी के उस पà¥à¤°à¤¯à¥‹à¤— की कोई जानकारी भी नहीं है। महातà¥à¤®à¤¾ ने कभी किसी का शोषण नहीं किया, महिलाओं का तो सवाल ही नहीं उठता। नोआखाली में गांधी ने बà¥à¤°à¤¹à¥à¤®à¤šà¤°à¥à¤¯ का पà¥à¤°à¤¯à¥‹à¤— शà¥à¤°à¥‚ किया कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने देखा कि देश भयंकर सांपà¥à¤°à¤¦à¤¾à¤¯à¤¿à¤• हिंसा की आग में जल रहा है। उनका विशà¥à¤µà¤¾à¤¸ था कि बà¥à¤°à¤¹à¥à¤®à¤šà¤°à¥à¤¯ से इतनी आधà¥à¤¯à¤¾à¤¤à¥à¤®à¤¿à¤• ऊरà¥à¤œà¤¾ विमà¥à¤•à¥à¤¤ होगी कि वह हिंसा को पूरी तरह निगल जाà¤à¤—ी। सांपà¥à¤°à¤¦à¤¾à¤¯à¤¿à¤• हिंसा के कारण उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ खà¥à¤¦ पर संदेह हà¥à¤† कि उनके बà¥à¤°à¤¹à¥à¤®à¤šà¤°à¥à¤¯ में ही कोई कमी है। 

à¤à¤• रहसà¥à¤¯à¤®à¤¯ तरीके से उनकी चचेरी पोती मनà¥à¤¬à¥‡à¤¨ उनके इस पà¥à¤°à¤¯à¥‹à¤— का हिसà¥à¤¸à¤¾ बन गरà¥à¤‡à¤‚। उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने तांतà¥à¤°à¤¿à¤• बौदà¥à¤§ दरà¥à¤¶à¤¨ पर जॉन वà¥à¤¡à¤°à¥‰à¤«

की पà¥à¤¸à¥à¤¤à¤• पà¥à¥€ थी जिसमें विसà¥à¤¤à¤¾à¤° से वरà¥à¤£à¤¨ है कि वासना को किस पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤° वासना के दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ समापà¥à¤¤ किया जा सकता है। वे हिजड़ा बनने की बात भी किया करते थे- पà¥à¤°à¤¾à¤°à¥à¤¥à¤¨à¤¾ के दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾, शलà¥à¤¯à¤•à¥à¤°à¤¿à¤¯à¤¾ दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ नहीं। उनके दà¥à¤­à¤¾à¤·à¤¿à¤¯à¤¾ निरà¥à¤®à¤² कà¥à¤®à¤¾à¤° बोस ने लिखा है कि à¤à¤• दिन वे हैरान रह गठजब 12 दिसंबर 1946 को अलसà¥à¤¸à¥à¤¬à¤¹ गांधी के कमरे में घà¥à¤¸à¥‡à¥¤ उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने गांधी और मनà¥à¤¬à¥‡à¤¨ को à¤à¤• साथ बिसà¥à¤¤à¤° पर पाया। वे दोनों आपस में बात कर रहे थे। à¤°à¥‰à¤¬à¤°à¥à¤Ÿ पेन के अनà¥à¤¸à¤¾à¤°, ‘बाद में गांधी ने सफाई दी कि वे दोनों à¤à¤• निरà¥à¤­à¥€à¤• और मौलिक पà¥à¤°à¤¯à¥‹à¤— पर चरà¥à¤šà¤¾ कर रहे थे जिसकी गरà¥à¤®à¥€ बहà¥à¤¤ जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ होगी।’ उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने कहा कि वे अपने जीवन के à¤à¤• अधà¥à¤¯à¤¾à¤¯ के अंत पर पहà¥à¤‚च चà¥à¤•à¥‡ हैं, और à¤à¤• नया शà¥à¤°à¥‚ होने वाला है। अगर किसी ने इस पà¥à¤°à¤¯à¥‹à¤— का विरोध किया तो उसे यहां छोड़ कर चला जाना चाहिठकà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि वह सिरà¥à¤« उनà¥à¤¹à¥€à¤‚ लोगों के साथ काम कर सकते हैं जो उनके पà¥à¤°à¤¤à¤¿ वफादार हों।’

उस समय कà¥à¤› वरà¥à¤·à¥‹à¤‚ से यह अफवाह उड़ रही थी कि वे रात किसी औरत के साथ बिताते हैं, और इस बारे में कहा गया कि उनके रकà¥à¤¤ पà¥à¤°à¤µà¤¾à¤¹ में कà¥à¤› समसà¥à¤¯à¤¾ है और ऊषà¥à¤®à¤¾ की जरूरत है। दो वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ ने इसका पà¥à¤°à¤¬à¤² विरोध किया- निरà¥à¤®à¤² बोस और उनके टंकक परथà¥à¤°à¤¾à¤® ने उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ पतà¥à¤° लिखे- परथà¥à¤°à¤¾à¤® विरोध में उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ छोड़ कर चले गà¤à¥¤ नरहरि पारेख ने विरोध में हरिजन सेवक संघ से तà¥à¤¯à¤¾à¤—पतà¥à¤° दे दिया। उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ गांधी के चरितà¥à¤° पर संदेह नहीं था, पर उनकी आपतà¥à¤¤à¤¿ यह थी कि अगर अनà¥à¤¯ लोगों ने भी गांधी का अनà¥à¤•à¤°à¤£ करना शà¥à¤°à¥‚ किया और उनकी साधना अगर गांधी की तरह उदातà¥à¤¤ न हो तो अराजकता फैल जाà¤à¤—ी। 

निरà¥à¤®à¤² बोस और परथà¥à¤°à¤¾à¤® के पतà¥à¤°à¥‹à¤‚ को गांधी ने अपने सहयोगियों को भेज दिया, लेकिन जवाब केवल दो ने दिया। जेबी कृपलानी ने मौखिक रूप से उनसे कहा कि उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ इसमें कà¥à¤› भी आपतà¥à¤¤à¤¿à¤œà¤¨à¤• नहीं लगता। खान अबà¥à¤¦à¥à¤² गफà¥à¤«à¤¾à¤° खां ने जवाब दिया कि अगर वह उन पर भरोसा नहीं कर सकते तो वह अपने आप पर भी भरोसा नहीं कर सकते। गांधी ने मनà¥à¤¬à¥‡à¤¨ से भी पूछा कि उनके साथ सोने में उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ कैसा महसूस होता है। इस पर मनà¥à¤¬à¥‡à¤¨ का जवाब था कि उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ à¤à¤¸à¤¾ लगता है जैसे वे अपनी मां के साथ सो रही हैं। उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने à¤à¤• पà¥à¤¸à¥à¤¤à¤• भी लिखी ‘गांधी, मेरी मां’। 

गांधी का यह पà¥à¤°à¤¯à¥‹à¤— नायाब था जिसे सामानà¥à¤¯ मसà¥à¤¤à¤¿à¤·à¥à¤• नहीं समठसकता। उनकी किसी महिला सहयोगी ने उनके विरà¥à¤¦à¥à¤§ सीमा लांघने या संवेदनहीनता का आरोप नहीं लगाया। हालांकि यह कहा जा सकता है कि गांधी को उन महिलाओं की मानसिक अवसà¥à¤¥à¤¾ के बारे में भी सोचना चाहिठथा कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि गांधी के विशाल वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿à¤¤à¥à¤µ के समकà¥à¤· कोई महिला उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ शायद न कहने की सà¥à¤¥à¤¿à¤¤à¤¿ में नहीं थी। पर उनका महिलाओं के पà¥à¤°à¤¤à¤¿ दृषà¥à¤Ÿà¤¿à¤•à¥‹à¤£ बड़ा सकारातà¥à¤®à¤• था। 

इसका सबसे बड़ा कारण था उनकी माता पà¥à¤¤à¤²à¥€à¤¬à¤¾à¤ˆ का उन पर पà¥à¤°à¤­à¤¾à¤µ, जिनकी वे वसà¥à¤¤à¥à¤¤: पूजा करते थे। दूसरा पà¥à¤°à¤­à¤¾à¤µ उनकी पतà¥à¤¨à¥€ कसà¥à¤¤à¥‚रबा का था। इसके अलावा दकà¥à¤·à¤¿à¤£ अफà¥à¤°à¥€à¤•à¤¾ में जà¥à¤²à¥ महिलाओं की पीड़ा को देख कर भी वे  à¤¬à¤¹à¥à¤¤ दà¥à¤°à¤µà¤¿à¤¤ हà¥à¤à¥¤ उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने परदा, दहेज और बाल विवाह का पà¥à¤°à¤œà¥‹à¤° विरोध किया और बाल विधवाओं की दोबारा शादी की वकालत की। परिपकà¥à¤µ विधवाओं के बारे में उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने कहा कि उनकी दूसरी शादी का निरà¥à¤£à¤¯ उनपर छोड़ दिया जाना चाहिà¤à¥¤ हालांकि शादी को वे संसà¥à¤•à¤¾à¤° मानते थे, फिर भी औरतों को तलाक का अधिकार देने के पकà¥à¤· में थे, अगर वैवाहिक जीवन में बहà¥à¤¤ तनाव हो। 

 à¤¸à¤¬à¤¸à¥‡ बड़ी विशेषता गांधी की यही थी कि वे उनà¥à¤¹à¥€à¤‚ सिदà¥à¤§à¤¾à¤‚तों का समरà¥à¤¥à¤¨ करते थे जिनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ अपने ऊपर लागू कर लेते थे। बà¥à¤°à¤¹à¥à¤®à¤šà¤°à¥à¤¯ का समरà¥à¤¥à¤¨ भी खà¥à¤¦ पर लागू करने के बाद किया। उनके बड़े बेटे हरिलाल को दूसरा बचà¥à¤šà¤¾ हà¥à¤† तो वे बेटे और पà¥à¤¤à¥à¤°à¤µà¤§à¥‚ से इसलिठनाराज हà¥à¤ कि दोनों बà¥à¤°à¤¹à¥à¤®à¤šà¤°à¥à¤¯ का पालन नहीं कर रहे हैं। सà¥à¤•à¥‚ली शिकà¥à¤·à¤¾ का वे विरोध करते थे। उनका मानना था कि घर पर शिकà¥à¤·à¤¾ देना बेहतर है और बचà¥à¤šà¥‹à¤‚ का चारितà¥à¤°à¤¿à¤• विकास भी जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ तभी होता है। इस कारण उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने अपने बेटों का दाखिला सà¥à¤•à¥‚ल में नहीं कराया। हरिलाल गांधी का पिता के खिलाफ जो विदà¥à¤°à¥‹à¤¹ हà¥à¤† उसका à¤à¤• कारण यह भी था उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ उचित शिकà¥à¤·à¤¾ नहीं दी गई। आज के नेता अंगरेजी का विरोध करते हैं और अपने बचà¥à¤šà¥‹à¤‚ को अंगरेजी माधà¥à¤¯à¤® के विदà¥à¤¯à¤¾à¤²à¤¯à¥‹à¤‚ में भेजते हैं। कहने का तातà¥à¤ªà¤°à¥à¤¯ यह है कि उनमें पाखंड बिलà¥à¤•à¥à¤² नहीं था। सतà¥à¤¯ का à¤à¤¸à¤¾ टà¥à¤•à¥œà¤¾ उनके पास था जिसने उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ इस ऊंचाई पर पहà¥à¤‚चा दिया।

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