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कश्मीर का रुख समझने की जरूरत

मधॠकिशà¥à¤µà¤°

 à¤œà¤¨à¤¸à¤¤à¥à¤¤à¤¾ 5 सितंबर, 2014: जब भाजपा सरकार ने नरेंदà¥à¤° मोदी की ताजपोशी के लिठपाकिसà¥à¤¤à¤¾à¤¨ और अनà¥à¤¯ पड़ोसी देशों को

नà¥à¤¯à¥‹à¤¤à¤¾ देकर à¤à¤• नठवारà¥à¤¤à¤¾à¤²à¤¾à¤ª की शà¥à¤°à¥à¤†à¤¤ की तो उसमें नरेंदà¥à¤° मोदी ने अपने बड़पà¥à¤ªà¤¨ की पहचान बनाई। पर हाल ही में पाकिसà¥à¤¤à¤¾à¤¨à¥€ राजदूत की हà¥à¤°à¥à¤°à¤¿à¤¯à¤¤ और अनà¥à¤¯ कशà¥à¤®à¥€à¤°à¥€ अलगाववादी नेताओं के साथ मà¥à¤²à¤¾à¤•à¤¾à¤¤ के मà¥à¤¦à¥à¤¦à¥‡ को लेकर जिस तरह विदेश सचिवों के बीच होने वाली बातचीत को नरेंदà¥à¤° मोदी सरकार ने à¤à¤• à¤à¤Ÿà¤•à¥‡ से रदà¥à¤¦ कर दिया उससे भाजपा ने बेवजह दà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾ को यह संदेश दे दिया कि हà¥à¤°à¥à¤°à¤¿à¤¯à¤¤ के नेता कशà¥à¤®à¥€à¤° की राजनीति में इतना वजन रखते हैं कि भारत सरकार उनकी हर छोटी-बड़ी हरकत से घबरा जाती है। 

इसमें दो राय नहीं कि पाकिसà¥à¤¤à¤¾à¤¨ ने विदेश सचिवों के सà¥à¤¤à¤° पर होने वाली बातचीत के बीच अलगाववादी और आतंक की राजनीति खेलने वाले सà¥à¤µà¤¯à¤‚भू नेताओं को बà¥à¤²à¤¾ कर भारत को ठेंगा दिखाने का काम किया है। पर यह ठेंगा पाकिसà¥à¤¤à¤¾à¤¨ की अंदरूनी बीमार राजनीति की मजबूरी है। वहां की भारत-विरोधी उपदà¥à¤°à¤µà¥€ ताकतें नवाज शरीफ के ऊपर पहले से हावी रही हैं कि उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने भारत के पà¥à¤°à¤¤à¤¿ ‘नरमी’ दिखाने के साथ-साथ कशà¥à¤®à¥€à¤°à¥€ मà¥à¤¸à¤²à¤®à¤¾à¤¨à¥‹à¤‚ के अलगाववादी तबके को धोखा दिया है। इसलिठपाकिसà¥à¤¤à¤¾à¤¨à¥€ हà¥à¤•à¥‚मत के लिठ‘पाक समरà¥à¤¥à¤•â€™ नेताओं से मशविरा करने का आडंबर मजबूरी था। 

यह जग-जाहिर है कि पाकिसà¥à¤¤à¤¾à¤¨ में चà¥à¤¨à¤¾à¤µà¥€ पà¥à¤°à¤•à¥à¤°à¤¿à¤¯à¤¾ से गठित सरकार की हैसियत पाक फौज और आइà¤à¤¸à¤†à¤‡ की तà¥à¤²à¤¨à¤¾ में बहà¥à¤¤ हलà¥à¤•à¥€ है। इन दोनों ताकतों दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ खड़े किठआतंकवादी संगठनों की दहशत पाकिसà¥à¤¤à¤¾à¤¨ की चà¥à¤¨à¥€ हà¥à¤ˆ सरकार को हमेशा घेरे रहती है। न फौज, न आइà¤à¤¸à¤†à¤‡ और न ही आतंकवादी संगठन भारत से वारà¥à¤¤à¤¾à¤²à¤¾à¤ª के हक में हैं। पर पाकिसà¥à¤¤à¤¾à¤¨ की उदारवादी सोच रखने वाली जनता भारत से मैतà¥à¤°à¥€ का रिशà¥à¤¤à¤¾ चाहती है। यह तबका समà¤à¤¨à¥‡ लगा है कि भारत के पà¥à¤°à¤¤à¤¿ नफरत और दà¥à¤µà¥‡à¤· की राजनीति पाकिसà¥à¤¤à¤¾à¤¨ के लिठगले का पतà¥à¤¥à¤° बन चà¥à¤•à¥€ है, जिसके बोठतले पाकिसà¥à¤¤à¤¾à¤¨ खà¥à¤¦ भयानक दलदल में धंसता जा रहा है। 

बदकिसà¥à¤®à¤¤à¥€ से जिनà¥à¤¨à¤¾ साहब ने इस नफरत और दà¥à¤µà¥‡à¤· को पाकिसà¥à¤¤à¤¾à¤¨ की आधारशिला बना दिया था। भारत में महातà¥à¤®à¤¾ गांधी, जवाहरलाल नेहरू आदि दिगà¥à¤—ज नेताओं के विचारों और कारà¥à¤¯à¤•à¤²à¤¾à¤ªà¥‹à¤‚ के बखिठखà¥à¤²à¥‡à¤†à¤® बिना किसी डर के उधेड़े जा सकते हैं, पर आज भी पाकिसà¥à¤¤à¤¾à¤¨ में खà¥à¤²à¥‡à¤†à¤® जिनà¥à¤¨à¤¾ साहब की राजनीतिक समठऔर विचारधारा को चà¥à¤¨à¥Œà¤¤à¥€ देना खतरे से खाली नहीं है। लेकिन फिर भी इस बात की समठउदारवादी सोच रखने वाले पाकिसà¥à¤¤à¤¾à¤¨à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ में आ चà¥à¤•à¥€ है कि अगर उनका मà¥à¤²à¥à¤• भारत से शांति का रिशà¥à¤¤à¤¾ नहीं रख सकता तो पाकिसà¥à¤¤à¤¾à¤¨ खà¥à¤¦ से भी शांत रिशà¥à¤¤à¤¾ बनाने में सफल नहीं होगा। 

à¤à¤¸à¥‡ में वारà¥à¤¤à¤¾à¤²à¤¾à¤ª को à¤à¤Ÿà¤•à¥‡ से बंद करके भारत सरकार ने à¤à¤• तरफ पाकिसà¥à¤¤à¤¾à¤¨à¥€ आतंकवादी संगठनों को बड़ी जीत तोहफे में दे दी, तो दूसरी ओर बिलà¥à¤•à¥à¤² हाशिये पर पहà¥à¤‚चे कशà¥à¤®à¥€à¤°à¥€ अलगाववादियों को बेवजह केंदà¥à¤° में ला खड़ा किया। 

खà¥à¤¦ के इरादे डगमगाने लगते हैं तो इंसान अपने विरोधी को और मजबूत कर देता है। इससे बेवजह यह संदेशा गया कि पाकिसà¥à¤¤à¤¾à¤¨ कशà¥à¤®à¥€à¤°à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ के पà¥à¤°à¤¤à¤¿ संवेदनशील है और भारत सरकार उनसे खौफ खाती है, उनकी मौजूदगी भारत के गले में फंसी हडà¥à¤¡à¥€ की तरह है। 

इसके बजाय, इन बैठकों को यह कह कर भी हंस कर टाल दिया जा सकता था कि बेचारे हà¥à¤°à¥à¤°à¤¿à¤¯à¤¤ के नेता इसीलिठपाकिसà¥à¤¤à¤¾à¤¨ का दरवाजा बार-बार खटखटाते हैं, पाकिसà¥à¤¤à¤¾à¤¨ को सरपरसà¥à¤¤ इसलिठमानते हैं कि कशà¥à¤®à¥€à¤° की जनता इनकी सà¥à¤¨à¤¤à¥€ नहीं, इनको कोई भाव नहीं देती। 

यह बात छिपी नहीं है कि कशà¥à¤®à¥€à¤° में अलगाववादी ताकतें तभी मजबूत होती हैं जब चà¥à¤¨à¤¾à¤µà¥‹à¤‚ में केंदà¥à¤° सरकार घपलेबाजी होने देती है और राजà¥à¤¯ सरकार पà¥à¤°à¤¶à¤¾à¤¸à¤¨ के नाम पर अंधेरगरà¥à¤¦à¥€ मचा कर रखती है। उमर अबà¥à¤¦à¥à¤²à¥à¤²à¤¾ सरकार ने पिछले पांच वरà¥à¤·à¥‹à¤‚ में बेइंतहा कहर ढाया और कांगà¥à¤°à¥‡à¤¸ की शह पर बहà¥à¤¤ तानाशाही राज किया है। इसी वजह से वहां की जनता अलगाववादी मंच के जरिठअपनी भड़ास निकाल रही है। मà¥à¤«à¥à¤¤à¥€ मोहमà¥à¤®à¤¦ सईद की संवेदनशील पीडीपी की हà¥à¤•à¥‚मत के चलते अलगाववाद से अधिकतर कशà¥à¤®à¥€à¤°à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ ने मà¥à¤‚ह फेर लिया था। 

कशà¥à¤®à¥€à¤° में केवल आम जनता नहीं, जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾à¤¤à¤° हà¥à¤°à¥à¤°à¤¿à¤¯à¤¤ नेताओं को भी मैंने दरà¥à¤œà¤¨à¥‹à¤‚ बार यह कहते सà¥à¤¨à¤¾ है कि कशà¥à¤®à¥€à¤° समसà¥à¤¯à¤¾ का हल होगा तो केवल भाजपा के हाथों। नरेंदà¥à¤° मोदी के पà¥à¤°à¤¤à¤¿ वैसा ही उतà¥à¤¸à¤¾à¤¹ कशà¥à¤®à¥€à¤°à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ में है, जैसा अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार के समय था। 

कशà¥à¤®à¥€à¤°à¥€ अवाम वाजपेयी की तीन बातों का कायल है। à¤à¤•, उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने 2000 के चà¥à¤¨à¤¾à¤µ में धांधली नहीं होने दी। दो, कशà¥à¤®à¥€à¤° मसले के हल की बात ‘इंसानियत के दायरे’ में होगी- कह कर कशà¥à¤®à¥€à¤°à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ को विशà¥à¤µà¤¾à¤¸ दिलाया कि मसला केवल सीमा का नहीं, इंसानी है। तीन, कांगà¥à¤°à¥‡à¤¸ की तरह वहां के मà¥à¤–à¥à¤¯à¤®à¤‚तà¥à¤°à¥€ को कठपà¥à¤¤à¤²à¥€ की तरह नहीं नचाया, बलà¥à¤•à¤¿ मà¥à¤«à¥à¤¤à¥€ मोहमà¥à¤®à¤¦ सईद को कशà¥à¤®à¥€à¤° की राजनीति का à¤à¤œà¥‡à¤‚डा तय करने की खà¥à¤²à¥€ छूट दी थी। 

नरेंदà¥à¤° मोदी भी बार-बार दोहरा चà¥à¤•à¥‡ हैं कि भाजपा सरकार राजà¥à¤¯à¥‹à¤‚ के पà¥à¤°à¤¤à¤¿ केंदà¥à¤° का सà¥à¤²à¥à¤¤à¤¾à¤¨à¥€ रवैया नहीं अपनाने जा रही। 

यह कशà¥à¤®à¥€à¤° के इतिहास में पहली बार हो रहा है कि सजà¥à¤œà¤¾à¤¦ लोन जैसी मà¥à¤¸à¤²à¤¿à¤® समà¥à¤¦à¤¾à¤¯ की जानी-मानी हसà¥à¤¤à¤¿à¤¯à¤¾à¤‚ और आम नौजवान खà¥à¤² कर भाजपा से हाथ मिला रहे हैं। दकà¥à¤·à¤¿à¤£ कशà¥à¤®à¥€à¤° के पà¥à¤²à¤µà¤¾à¤®à¤¾ जैसे शहरों में भी कशà¥à¤®à¥€à¤°à¥€ नौजवान खà¥à¤² कर भाजपा की सदसà¥à¤¯à¤¤à¤¾ ले रहे हैं। यह अपने आप में à¤à¤¤à¤¿à¤¹à¤¾à¤¸à¤¿à¤• बदलाव है। 

जमà¥à¤®à¥‚ के चà¥à¤¨à¤¾à¤µà¥€ भाषण में कशà¥à¤®à¥€à¤°à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ को संबोधित कर नरेंदà¥à¤° मोदी ने कशà¥à¤®à¥€à¤° के अवाम की दà¥à¤–ती रगों पर संवेदनशील हाथ रख कर जब कशà¥à¤®à¥€à¤° के लिà¤

भी ‘अचà¥à¤›à¥‡ दिन’ आने का आशà¥à¤µà¤¾à¤¸à¤¨ दिया था, तो भाजपा के पà¥à¤°à¤¤à¤¿ उतà¥à¤¸à¤¾à¤¹ की लहर घाटी में भी साफ नजर आई। पर न जाने कà¥à¤¯à¥‹à¤‚ नरेंदà¥à¤° मोदी कशà¥à¤®à¥€à¤° के अवाम से जà¥à¥œà¤¨à¥‡ से कतरा रहे हैं। यह तो समठआता है कि चà¥à¤¨à¤¾à¤µà¥€ सभा जमà¥à¤®à¥‚ में की, कशà¥à¤®à¥€à¤° में नहीं। पर उसके बाद शà¥à¤°à¥€à¤¨à¤—र गठभी तो केवल बदामीबाग कैंटोनमेंट कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤° तक खà¥à¤¦ को सीमित रखा। उसके बाद लदà¥à¤¦à¤¾à¤– गà¤- जो जरूरी भी था- पर कशà¥à¤®à¥€à¤° घाटी का कहीं जिकà¥à¤° तक नहीं। जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ फोकस जमà¥à¤®à¥‚ और लदà¥à¤¦à¤¾à¤– कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤° में है। कशà¥à¤®à¥€à¤° को जमà¥à¤®à¥‚ और लदà¥à¤¦à¤¾à¤– से जोड़ना जरूरी है, जो काम नरेंदà¥à¤° मोदी बखूबी कर सकते हैं। उनमें आपसी अलगाव पैदा करने की राजनीति के बहà¥à¤¤ घातक अंजाम होंगे। à¤ªà¤¿à¤›à¤²à¥‡ तीस वरà¥à¤·à¥‹à¤‚ में कशà¥à¤®à¥€à¤°à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ ने अलगाववादी राजनीति के खतरनाक अंजाम और अंदरूनी खामियां बहà¥à¤¤ करीब से देखी हैं। अलगाववादी संगठनों और नेताओं के आपसी दà¥à¤µà¤‚दà¥à¤µ और दà¥à¤µà¥‡à¤· को भी कशà¥à¤®à¥€à¤°à¥€ अवाम बहà¥à¤¤ बारीकी से पहचानने लगा है। यह भी सब जानते हैं कि अलगाववादी विचारधारा केवल बंदूक और पाकिसà¥à¤¤à¤¾à¤¨ दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ दिठपैसों के बलबूते चल रही है। अलगाववादी नेता पाक समरà¥à¤¥à¤• राजनीति इसीलिठखेल रहे हैं कि à¤à¤• तरफ पाकिसà¥à¤¤à¤¾à¤¨ उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ बेइंतहा पैसा देता है और दूसरी ओर हर वकà¥à¤¤ उनके सिर पर तलवार ही नहीं, बंदूकें ताने बैठा है। जो भी जरा बिदका उसको आर-पार करवा देना पाकिसà¥à¤¤à¤¾à¤¨ के लिठबाà¤à¤‚ हाथ का खेल है। 

कई अलगाववादी नेता भारत सरकार दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ पà¥à¤°à¤¦à¤¾à¤¨ सà¥à¤°à¤•à¥à¤·à¤¾à¤•à¤°à¥à¤®à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ की देख-रेख में रहते हैं। उस पर निरà¥à¤­à¤° रहते हà¥à¤ भी भारत को कोसते नहीं थकते। बावजूद इसके भारत सरकार से ही उमà¥à¤®à¥€à¤¦ करते हैं कि वह उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ दà¥à¤¶à¥à¤®à¤¨ की बंदूकों से बचाठरखे। 

और यह दà¥à¤¶à¥à¤®à¤¨ है कौन। जाहिर है, भारत सरकार का खौफ तो है नहीं, कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि फिर भारत सरकार दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ दी गई सà¥à¤°à¤•à¥à¤·à¤¾ को सà¥à¤µà¥€à¤•à¤¾à¤° करने का कोई औचितà¥à¤¯ नहीं बनता। कशà¥à¤®à¥€à¤° का बचà¥à¤šà¤¾-बचà¥à¤šà¤¾ जानता है कि उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ डर है तो पाकिसà¥à¤¤à¤¾à¤¨ की आइà¤à¤¸à¤†à¤‡ दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ पाले आतंकवादी संगठनों से। 

उदारवादी हà¥à¤°à¥à¤°à¤¿à¤¯à¤¤ के उमर मीरवाइज ने तो हाल में खà¥à¤²à¥‡à¤†à¤® गिलानी साहब को अपने पिता का कातिल कहा और यह इलà¥à¤œà¤¾à¤® लगाया कि उनकी जान को भी गिलानी साहब से तालà¥à¤²à¥à¤• रखने वाले पाक समरà¥à¤¥à¤• उगà¥à¤°à¤µà¤¾à¤¦à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ से खतरा है। अगर गलती से कभी कशà¥à¤®à¥€à¤° को आजादी मिल भी गई तो ये सब à¤à¤•-दूसरे का वही हाल करेंगे, जो हमास या अल कायदा अपने हमवतनों का कर रहे हैं। 

सबसे धà¥à¤¯à¤¾à¤¨ देने योगà¥à¤¯ बात यह है कि कशà¥à¤®à¥€à¤°à¥€ अलगाववादी नेता खà¥à¤¦ भी अपने पैरों और जेबों से अपना वोट भारत को देते आठहैं, भले चà¥à¤¨à¤¾à¤µ में वोट का बहिषà¥à¤•à¤¾à¤° जोरों-शोरों से करें। पाकिसà¥à¤¤à¤¾à¤¨ से बेइंतहा पैसा लेकर अलगाववादी अपनी राजनीतिक रोटियां जरूर सेंकते हैं, पर यह पैसा कराची, पेशावर या लाहौर में निवेश नहीं करते। यह पैसा भारत के छोटे-बड़े शहरों में फà¥à¤²à¥ˆà¤Ÿ और बंगले खरीद और अनà¥à¤¯ पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤° के निवेश में जा रहा है। दिलà¥à¤²à¥€ में ही लाजपतनगर, जंगपà¥à¤°à¤¾, मालवीय नगर जैसी अनेक कॉलोनियां हैं, जहां कशà¥à¤®à¥€à¤°à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ ने भारी मातà¥à¤°à¤¾ में फà¥à¤²à¥ˆà¤Ÿ और बंगले खरीदे हैं। हà¥à¤°à¥à¤°à¤¿à¤¯à¤¤ के गिलानी साहब ने भी मालवीय नगर में घर खरीदा है। 

इसी पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤° हà¥à¤°à¥à¤°à¤¿à¤¯à¤¤ के नेता गरीब परिवार के कशà¥à¤®à¥€à¤°à¥€ नौजवानों को सरहद पार हथियारों और आतंकी हमलों के पà¥à¤°à¤¶à¤¿à¤•à¥à¤·à¤£ के लिठभले भेजते हों, पर उनके अपने बेटे-बेटियां पà¥à¤¨à¥‡ या वà¥à¤¯à¤¾à¤ªà¤¾à¤° के लिठदिलà¥à¤²à¥€, मà¥à¤‚बई, बंगलà¥à¤°à¥, पà¥à¤£à¥‡, हैदराबाद जैसे शहरों में दिखेंगे। हà¥à¤°à¥à¤°à¤¿à¤¯à¤¤ के जाने-माने नेताओं के कà¥à¤›à¥‡à¤• बचà¥à¤šà¥‡ तो हमारे देश की अदालतों में वकील भी बने घूमते हैं। अपने बेटे-बेटियों को हà¥à¤°à¥à¤°à¤¿à¤¯à¤¤ के नेता पाकिसà¥à¤¤à¤¾à¤¨ में पà¥à¤¨à¥‡ या नौकरी करने नहीं भेजते। कà¥à¤¯à¤¾ यह हिंदà¥à¤¸à¥à¤¤à¤¾à¤¨ के हक में वोट नहीं है? 

हà¥à¤°à¥à¤°à¤¿à¤¯à¤¤ के उदारवादी धड़े का भाजपा की तरफ à¤à¥à¤•à¤¾à¤µ साफ दिख रहा है। गिलानी साहब के बहà¥à¤¤ से साथी भी पाकिसà¥à¤¤à¤¾à¤¨ की कठपà¥à¤¤à¤²à¥€ बन नाच-नाच कर थक चà¥à¤•à¥‡ हैं। उनकी चà¥à¤¨à¤¾à¤µ बहिषà¥à¤•à¤¾à¤° की रणनीति तभी तक कामयाब रहेगी जब तक उमर अबà¥à¤¦à¥à¤²à¥à¤²à¤¾ का पà¥à¤°à¤¶à¤¾à¤¸à¤¨ कायम है। मगर नेशनल कॉनà¥à¤«à¥à¤°à¥‡à¤‚स का खातà¥à¤®à¤¾ इसी साल के चà¥à¤¨à¤¾à¤µ में हो जाने वाला है। à¤à¤• सशकà¥à¤¤ जनतांतà¥à¤°à¤¿à¤• हà¥à¤•à¥‚मत आते ही जेकेà¤à¤²à¤à¤« के यासीन मलिक भी दर-दर भटकते दिखेंगे, जैसा कि 2002 के चà¥à¤¨à¤¾à¤µ के बाद के पीडीपी शासन में हà¥à¤†à¥¤ 

कशà¥à¤®à¥€à¤° भी मोदी के मूलमंतà¥à¤°- सà¥à¤¶à¤¾à¤¸à¤¨ और आरà¥à¤¥à¤¿à¤• विकास- के लिठतड़प रहा है, जिससे मंतà¥à¤°à¤®à¥à¤—à¥à¤§ होकर सारे देश ने भाजपा को खासा बहà¥à¤®à¤¤ दिया। यासीन मलिक जैसे पाक समरà¥à¤¥à¤• नेता बरसाती मेंढक की तरह कà¥à¤¶à¤¾à¤¸à¤¨ के दौरान ही टरà¥à¤°à¤¾à¤¨à¥‡ और कहर ढाने की कà¥à¤·à¤®à¤¤à¤¾ रखते हैं। इनका इलाज ईमानदार चà¥à¤¨à¤¾à¤µà¥€ पà¥à¤°à¤•à¥à¤°à¤¿à¤¯à¤¾, सà¥à¤¶à¤¾à¤¸à¤¨ और विकासशीलता है और पाकिसà¥à¤¤à¤¾à¤¨ का इलाज है कशà¥à¤®à¥€à¤° में खà¥à¤¶à¤¹à¤¾à¤² अवाम। ये दोनों नà¥à¤¸à¥à¤–े भारत के हाथ में हैं। 

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