न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली Published by: काव्या मिश्रा Updated Tue, 16 Jul 2024 12:52 PM IST
योजना का लक्ष्य बच्चों की निरंतर व्यापक देखभाल और सुरक्षा सुनिश्चित करना, स्वास्थ्य बीमा के माध्यम से उनके स्वास्थ्य का ध्यान रखना, शिक्षा के माध्यम से उन्हें सशक्त बनाना और 23 वर्ष की आयु तक वित्तीय सहायता प्रदान कर आत्मनिर्भर बनाना है। पीएम केयर्स फॉर चिल्ड्रन स्कीम – फोटो : अमर उजाला
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कोरोना वायरस के संक्रमण के दौरान कई बच्चों ने अपने माता-पिता को खो दिया था। ऐसे बच्चों की मदद के लिए सरकार ने ‘पीएम केयर्स फॉर चिल्ड्रन स्कीम’ लॉन्च किया। अब अधिकारियों की माने तो इस योजना के तहत मिले आवेदनों में से 51 फीसदी को खारिज कर दिया है।
योजना के तहत किन बच्चों को मिलेगी मदद?
पीएम केयर्स फॉर चिल्ड्रन स्कीम (PMCCS) का एलान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पहली बार 29 मई 2021 को किया था। इसके तहत उन बच्चों को मदद मुहैया कराई जानी है, जिनके माता-पिता दोनों या वैध अभिभावकों की कोरोना महामारी से मौत हो गई हो। मोदी सरकार ने इस योजना के लाभार्थियों को तय करने के लिए जो कटऑफ डेट तय की, वह थी 11 मार्च 2020 से 29 मई 2023 तक। यानी इस दौरान जिन बच्चों ने अपने माता-पिता या वैध अभिभावकों को खोया, उन्हें पीएम केयर्स फॉर चिल्ड्रन स्कीम के तहत मिलने वाली सारी मदद दी जाएंगी।
नौ हजार से अधिक आवेदन मिले
आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, योजना के तहत 33 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के 613 जिलों से कुल 9,331 आवेदन मिले थे।
इतने बच्चों की उम्मीदों पर फिरा पानी?
महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के अधिकारी द्वारा साझा किए गए आंकड़ों के अनुसार, 32 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के 558 जिले के केवल 4,532 आवेदनों को स्वीकार किया गया। जबकि 4,781 को खारिज कर दिया गया। वहीं, 18 आवेदन लंबित हैं।मंत्रालय की ओर से इन आवेदनों को खारिज करने का कोई खास कारण नहीं बताया गया है।
इन राज्यों से सबसे ज्यादा किए गए आवेदन
जिन राज्यों से सबसे ज्यादा आवेदन मिले उनमें राजस्थान, महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश है। यहां क्रमशः 1,553, 1,511 और 1,007 आवेदन प्राप्त हुए। महाराष्ट्र से 855, राजस्थान से 210 और उत्तर प्रदेश से 467 आवेदन स्वीकार किए गए।
क्या है पीएम केयर्स फॉर चिल्ड्रन स्कीम?
गौरतलब है, इस योजना का लक्ष्य बच्चों की निरंतर व्यापक देखभाल और सुरक्षा सुनिश्चित करना, स्वास्थ्य बीमा के माध्यम से उनके स्वास्थ्य का ध्यान रखना, शिक्षा के माध्यम से उन्हें सशक्त बनाना और 23 वर्ष की आयु तक वित्तीय सहायता प्रदान कर आत्मनिर्भर बनाना है। बच्चों के रजिस्ट्रेशन के लिए केंद्र सरकार की तरफ से pmcaresforchildren.in नाम का पोर्टल भी लॉन्च किया गया था। इसी पोर्टल से बच्चों की सारी मदद का लेखा-जोखा भी हासिल किया गया।
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