चित्र: यूगांडा में मूवमेंट फॉर द रिस्टोरेशन ऑफ द टेन कमांडमेंट्स ऑफ गॉड द्वारा सामुहिक आत्महत्या
देश की राजधानी दिल्ली में पिछले साल दिल दहला देने वाले बुराड़ी आत्महत्या का मामला सामने आया था। हुआ कुछ यूं कि यहां 1 जुलाई, 2018 को दिल्ली के बुराड़ी के संत नगर इलाके में एक ही घर में 11 लोगों मृत पाए गए थे। दिल्ली के रहने वाले भाटिया परिवार ने कथित तौर पर मोक्ष प्राप्ति के नाम पर सामूहिक आत्महत्या कर देश भर में सनसनी फैला दी। लेकिन, यह पहला मामला नहीं है ऐसे कई ओर मामले देश और दुनिया में घटित हो चुके हैं। जो आज भी रहस्य बने हुए हैं।
ऐसा ही मामला राजस्थान के एक परिवार में हुआ था जहां उन्होंने भगवान शिव से मिलने के नाम पर जहर खा लिया था। इस घटना में 8 लोगों की मौत हो गई थी। 45 साल के कंचन सिंह और उनके परिवार का मानना था कि ऐसा करने से वे स्वर्ग पहुंच जाएंगे और भगवान शिव से उनकी मुलाकात होगी।
हैरान कर देने वाली थी युगांडा की वो घटना
17 मार्च, 2000 को यूगांडा में मूवमेंट फॉर द रिस्टोरेशन ऑफ द टेन कमांडमेंट्स ऑफ गॉड धार्मिक पंथ के 778 सदस्यों की मौत का मामला सामने आया था। इस पंथ के अनुयायियों का मानना था कि उनका जन्म ईसा के 10 धर्मादेशों को मानने और उनका प्रचार-प्रसार करने के लिए हुआ है।
गुयाना के 276 लोग जो कभी नहीं जागे
80 के दशक में 18 नवंबर, 1978 को दक्षिण अमेरिका के गुयाना में 918 लोगों की सामूहिक आत्महत्या का मामला सामने आया था। वे सभी एक धार्मिक पंथ पीपल्स टेंपल ग्रुप को मानने वाले थे। इस पंथ की स्थापना करने वाले जिम जोंस ने भी आत्महत्या कर ली थी। मरने वालों में 276 बच्चे भी शामिल थे।
जन्नत के इंतजार में थे वो लोग लेकिन…
26 मार्च, 1997 को हेवंस गेट के अनुनायियो ने कैलिफॉर्निया के रांचो सैंटा फे में सामूहिक आत्महत्या कर ली थी। सभी ने एक जैसे कपड़े पहन रखे थे और सिर पर प्लास्टिक बैग बांध रखा था। इन लोगों का मानना था कि मरने के बाद वे किसी उड़नतश्तरी में बैठकर दूसरी दुनिया यानी जन्नत तक पहुंच जाएंगे।
चमकीले सितारे की चाहत ने कर दिया मेंटल
ऑर्डर ऑफ द सोलर टेंपल नाम के धार्मिक पंथ के सदस्यों ने 1994 में सामूहिक आत्महत्याएं कीं। उन्होंने दावे किए थे कि वे मृत्यु के बाद रात को दिखने वाले सबसे चमकीले सितारे सीरियस पर चले जाएंगे, जिसे वे जन्नत या प्रभु की दुनिया कहते थे।
भारत में वो जगह जहां पक्षी करते हैं सामुहिक आत्महत्या
भारत के उत्तर-पूर्वी राज्य असम के डिमा हसाओ जिले में एक छोटा सा गांव है, जटिंगा। एक ऐसी जगह है जहां हजारों की संख्या में पक्षियों के आत्महत्या करने के मामले सामने आते हैं। यहां पक्षियों के आत्महत्या के इतने मामले हैं कि अब इस जगह को ही लोग ‘चिड़ियों के लिए वैली ऑफ डेथ’ के नाम से भी जानने लगे हैं। लेकिन ये किसी धर्म और अंधविश्वास के चलते नहीं करते हैं आत्महत्या। वह ऐसा क्यों करते हैं यह भी एक रहस्य बना हुआ है।
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