प्रतीकात्मक चित्र।
भारत में, इन दिनों अनगिनत चेहरों से मास्क लगभग गायब हो चुका है। लोग इस गलतफहमी में जी रहे हैं कि दोनों डोज लगवाने के बाद उनको कोरोना वायरस से किसी भी तरह का खतरा नही हैं, लेकिन ऐसा बिल्कुल नहीं है। दक्षिण अफ्रीका में न्यू वेरिएंट, बी.1.1.529 ने दस्तक दी है। जो वहां बहुत तेजी से फैल रहा है। हालांकि भारत में इस नए वैरिएंट का कोई भी मामला सामने नहीं आया है, लेकिन यह भारत के लिए चिंता का विषय है।
गौतेंग दक्षिण अफ्रीका का सबसे ज्यादा आबादी वाला शहर है, जहां कोरोना ने एक बार फिर दस्तक दी है। कई मीडिया रिपोर्ट्स में बताया गया है कि जर्मनी, ईरान और ब्रिटेन ने तो दक्षिण अफ्रीका से आने वाली फ्लाइट, ट्रेवलर्स और आगंतुकों पर रोक लगा दी है। ब्रिटेन ने नए वैरिएंट के खतरे को देखते हुए अफ्रीका के 6 देशों से आने वाली फ्लाइट्स पर रोक लगा दी है। इनमें दक्षिण अफ्रीका, नामीबिया, बोत्सवाना, जिंबाब्वे, लिसोथो और एसवाटिनी शामिल हैं।
दक्षिण अफ्रीका में मौजूद न्यू वेरिएंट, की पहचान बी.1.1.529 के तौर पर हुई है, जो दक्षिण अफ्रीका से आए यात्रियों में बोत्सवाना और हांगकांग में भी पाया गया है। बी.1.1.529 वैरिएंट अपने स्पाइक प्रोटीन में बदलाव कर काफी तेजी से फैल रहा है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के प्रवक्ता क्रिश्चियन लिंडमेयर ने कहा है कि, शुरूआती विश्लेषण से पता चल रहा है कि है वेरिएंट बी.1.1.529 में बड़ी संख्या म्युटेशन हो रहा है और आगे के अध्ययन से हमें गुजरना होगा, इसे पूरी तरह से समझने में कुछ सप्ताह का वक्त लगेगा। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने दक्षिण अफ्रीका में मिले कोरोना वायरस के नए वैरिएंट B.1.1.529 को ओमीक्रॉन नाम दिया है।
बी.1.1.1.529 संस्करण को पहली बार 24 नवंबर 2021 को दक्षिण अफ्रीका से डब्ल्यूएचओ को सूचित किया गया था। दक्षिण अफ्रीका में महामारी विज्ञान की स्थिति को रिपोर्ट की, जिनमें से नवीनतम मुख्य रूप से डेल्टा संस्करण था। हाल के सप्ताहों में, संक्रमणों में तेजी से वृद्धि हुई है, नए वेरिएंट की पहली ज्ञात पुष्टि बी.1.1.529 संक्रमण 9 नवंबर 2021 को एकत्र किए गए नमूने से हुई थी। कोविड-19 महामारी विज्ञान में इसे हानिकारक परिवर्तन के संकेत के रूप में प्रस्तुत साक्ष्य के तौर पर दर्शाया गया है।
भारत में भी अलर्ट जारी
हॉन्गकॉन्ग, बोत्सवाना और इजराइल से आने वाले यात्रियों की जांच के लिए सभी एयरपोर्ट्स को निर्देश दिए गए हैं। केंद्र सरकार ने राज्यों को विशेष सतर्कता बरतने के निर्देश दिए हैं। राज्यों से कहा गया है कि वे दक्षिण अफ्रीका, हॉन्गकॉन्ग, बोत्सवाना और इजराइल से आने वाले यात्रियों की अच्छी तरह से जांच करें। किसी भी तरह की लापरवाही न बरतें।
बीबीवी 152 की दो खुराक 50 प्रतिशत प्रभावी
हाल में ‘द लांसेट इन्फेक्शियस डिजीज जर्नल’ में प्रकाशित एक रिसर्च में कहा गया है कि को-वैक्सीन या बीबीवी 152 टीके की दो खुराक लक्षण वाले रोग के खिलाफ 77.8 फीसदी प्रभावी है। यानी कोविड-19 वैक्सीन टीके की दो खुराक 50 प्रतिशत प्रभावी हैं। भारत के स्वदेश में विकसित कोरोना वायरस टीके के पहले वास्तविक आकलन में यह दावा किया गया है जिसका प्रकाशन में किया गया है।
लांसेट के नई रिसर्च में दिल्ली स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में 15 अप्रैल से 15 मई तक 2,714 अस्पताल कर्मियों को शामिल किया गया, जिन्हें कोविड के लक्षण थे और जिन्होंने संक्रमण का पता लगाने के लिए आरटी-पीसीआर जांच कराई थी।
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