विस्तार कंप्यूटर युग में शायद ही यह पहली बार हो रहा है, जब किसी के घर पर शौचालय नहीं होने के कारण उसकी चुनावी उम्मीदवारी को निरस्त कर दिया गया हो। खास बात तो यह है कि नगर पालिका पाली ODF+ घोषित है। बाबजूद इसके कांग्रेस प्रत्याशी के घर पर शौचालय नहीं होने के कारण आपत्तियों का सामना करना पड़ा। हालांकि, बाद में यह मसला जांच के बाद निपट भी गया। मगर पूरे चुनाव में शौचालय का मुद्दा गर्माया रहा।
मामला है, उमरिया जिले के पाली नगर पालिका का। जहां चुनावी सरगर्मी तेजी के साथ अपने पूरे शबाब पर है। वहीं, वार्ड क्रमांक-7 से कांग्रेस प्रत्याशी के फॉर्म को लेकर बीजेपी ने आपत्ति दर्ज करवाई कि प्रत्याशी के यहां शौचालय ही नहीं है। जो चुनाव आयोग के नियम के विपरीत है। इस बात को लेकर जमकर किरकिरी हुई।
वहीं, नगर पालिका परिषद पाली को ODF+ घोषित कर दिया गया, जिसके बाद नगर पालिका की कार्यप्रणाली पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं। आम आदमी पार्टी समर्थित उम्मीदवार आशा प्रजापति का फॉर्म निरस्त इसलिए कर दिया गया है। क्योंकि घर में शौचालय नहीं होने पर उनके खिलाफ आपत्ति दर्ज कराई गई थी।
इसी आपत्ति पर निर्वाचन अधिकारी ने फैसला सुनाते हुए उनका नामांकन रद्द कर दिया है। निर्वाचन अधिकारी के बतौर एसडीएम नेहा सोनी ने देर रात यह फैसला दिया है। हालांकि, कांग्रेस प्रत्याशी के नामांकन फार्म निरस्त वाले मामले पर निर्वाचन अधिकारी ने आपत्तियों पर सुनवाई करते हुए कांग्रेस प्रत्याशी का फार्म स्वीकार कर लिया है।
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