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केंद्रीय बजट 2022-23 : सरकार का दावा, 25 साल बाद ‘भारत@100 में होगा अमृत काल’?

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को संसद में आम बजट 2022-23 पेश किया। यह मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का चौथा बजट है। आम बजट में आयकर दरों में कोई बदलाव नहीं किया गया है। इससे आम आदमी खासकर मिडिल क्लास को निराशा मिली है। हालांकि, कॉरपोरेट कर में राहत दी गई है, साथ ही क्रिप्टो-करेंसी से कमाई पर 30 प्रतिशत का टैक्स लगाने का प्रावधान है। वित्त मंत्री ने कहा कि इस बजट से अगले 25 सालों की बुनियाद रखी जाएगी।

बजट पर ग़ौर किया जाए तो, भारत की आर्थिक विकास दर चालू वित्त वर्ष में 9.2 प्रतिशत रहने का अनुमान है, जो दुनिया की समस्‍त बड़ी अर्थव्‍यवस्‍थाओं में सर्वाधिक है। देश की अर्थव्‍यवस्‍था महामारी के प्रतिकूल प्रभावों से उभरकर जिस तरह से समग्र रूप से बड़ी तेजी के साथ रिकवर कर रही है वह हमारे देश की दमदार मजबूती को दर्शाती है। वित्त मंत्री ने कहा कि भारत ‘आजादी का अमृत महोत्‍सव’ मना रहा है और इसके साथ ही हमारा देश अब ‘अमृत काल’ में प्रवेश कर गया है जो भारत@100 तक पहुंचने में 25 वर्षों की लंबी अवधि को दर्शाता है।

‘आत्‍मनिर्भर भारत’ विजन को साकार करने के लिए 14 सेक्‍टरों में दिए जा रहे उत्‍पादकता आधारित प्रोत्‍साहन पर व्‍यापक अनुकूल प्रतिक्रिया हुई है जिनमें 60 लाख नए रोजगारों को सृजित करने के साथ-साथ अगले पांच वर्षों के दौरान 30 लाख करोड़ रुपये का अतिरिक्‍त उत्‍पादन करने की क्षमता है।

नई सार्वजनिक क्षेत्र उद्यम नीति के कार्यान्‍वयन के मुद्दे पर विस्‍तार से बताते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि एयर इंडिया के स्‍वामित्‍व के रणनीतिक हस्‍तांतरण का कार्य पूरा हो गया है, एनआईएनएल (नीलांचल इस्‍पात निगम लिमिटेड) के रणनीतिक साझेदार का चयन हो चुका है, एलआईसी का सार्वजनिक निर्गम जल्‍द ही आने की आशा है और अन्‍य संबंधित प्रस्‍ताव भी वर्ष 2022-23 के लिए प्रक्रियाधीन हैं।

निर्मला सीतारमण ने कहा, ‘यह बजट विकास को निरंतर नई गति दे रहा है इसमें इस समानांतर पथ का उल्‍लेख किया गया है।’

  • अमृत काल के लिए ब्‍लू प्रिंट, जो अत्‍याधुनिक एवं समावेशी है और जिससे हमारे युवा, महिलाएं, किसान, अनुसूचित जातियां और अनुसूचित जनजातियां सीधे तौर पर लाभान्वित होंगी।
  • अत्‍याधुनिक अवसंरचना के लिए व्‍यापक सार्वजनिक निवेश, भारत@100 के लिए तैयार होना और इसका मार्गदर्शन पीएम गतिशक्ति द्वारा किया जाएगा और यह बहु-विध दृष्टिकोण में सामंजस्‍य से लाभान्वित होगा।

वित्त मंत्री ने पीएम गतिशक्ति के बारे में विस्‍तार से बताते हुए कहा कि यह आर्थिक विकास सतत विकास के लिए एक रूपांतरकारी दृष्टिकोण है। इस दृष्टिकोण को सात इंजनों यथा सड़कों, रेलवे, हवाई अड्डों, बंदरगाहों, जन परिवहन, जलमार्गों, और लॉजिस्टिक्‍स संबंधी अवसंरचना से तेज गति मिल रही है। सभी सातों इंजन आपस में मिलकर देश की अर्थव्‍यवस्‍था को आगे बढ़ाएंगे। इन इंजनों को ऊर्जा पारेषण, आईटी संचार, व्‍यापक जल एवं सीवरेज, और सामाजिक अवसंरचना की पूरक भूमिकाओं से आवश्‍यक सहयोग मिल रहा है।

आखिर में, इस दृष्टिकोण को स्‍वच्‍छ ऊर्जा एवं ‘सबका प्रयास’ यानी केन्‍द्र सरकार, राज्‍य सरकारों, एवं निजी क्षेत्र के मिले-जुले प्रयासों से नई गति मिल रही है जिससे सभी, विशेषकर युवाओं को व्‍यापक रोजगार एवं उद्यमिता अवसर प्राप्‍त हो रहे हैं। इसी तरह वर्ष 2022-23 में एक्‍सप्रेस-वे के लिए पीएम गतिशक्ति मास्‍टर प्‍लान तैयार किया जाएगा, ताकि लोगों एवं वस्‍तुओं की त्‍वरित आवाजाही संभव हो सके। वर्ष 2022-23 में राष्‍ट्रीय राजमार्ग नेटवर्क में 25,000 किलोमीटर का विस्‍तार किया जाएगा और सार्वजनिक संसाधनों के पूरक के तौर पर वित्तपोषण के अभिनव तरीकों के जरिए 20,000 करोड़ रुपये जुटाये जाएंगे।

किसानों को ‘किसान ड्रोन’ की सौगात

पीपीपी मोड के जरिए चार स्‍थानों पर मल्‍टी-मोडल लॉजिस्टिक्‍स पार्क बनाने के लिए वर्ष 2022-23 में ठेके दिए जाएंगे। रेलवे में ‘एक स्‍टेशन-एक उत्‍पाद’ अवधारणा को लोकप्रिय बनाया जाएगा, ताकि स्‍थानीय व्‍यवसायों और आपूर्ति श्रृंखलाओं को आवश्‍यक मदद मिले सके। इसके अलावा, ‘आत्‍मनिर्भर भारत’ के तहत वर्ष 2022-23 में 2,000 किलोमीटर लंबे नेटवर्क को ‘कवच’ के अंतर्गत लाया जाएगा जो सुरक्षा और क्षमता वर्धन के लिए स्‍वेदशी विश्‍वस्‍तरीय प्रौद्योगिकी है।

उन्‍होंने यह भी बताया कि अगले तीन वर्षों में बेहतर ऊर्जा दक्षता और यात्रियों को बेहतरीन यात्रा अनुभव दिलाने वाली नई पीढ़ी की 400 वंदे भारत ट्रेनें तैयार की जाएंगी और इसके साथ ही मल्‍टी-मोडल लॉजिस्टिक्‍स सुविधाओं के लिए 100 पीएम गतिशक्ति कार्गो टर्मिनल स्‍थापित किए जाएंगे।

वित्त मंत्री ने कृषि क्षेत्र का उल्‍लेख करते हुए कहा कि देश भर में रसायन मुक्‍त प्राकृतिक खेती को बढ़ावा दिया जाएगा जिसके तहत प्रथम चरण में गंगा नदी के किनारे पांच किलोमीटर चौड़े कॉरिडोर में स्थित किसानों की भूमि पर ध्‍यान केन्द्रित किया जाएगा। फसल आकलन, भूमि रिकॉर्डों के डिजिटलीकरण, और कीटनाशकों एवं पोषक तत्‍वों के छिड़काव के लिए ‘किसान ड्रोन’ के उपयोग को बढ़ावा दिया जाएगा। वित्त मंत्री ने कहा कि तिलहन आयात पर निर्भरता कम करने के लिए एक तर्कसंगत एवं व्‍यापक योजना लागू की जाएगी, ताकि देश में तिलहन का उत्‍पादन बढ़ाया जा सके।

एमएसएमई को अतिरिक्‍त ऋण

2023 को ‘अंतर्राष्‍ट्रीय कदन्‍न वर्ष’ घोषित किए जाने को ध्‍यान में रखते हुए सरकार ने कटाई उपरांत मूल्‍यवर्धन के साथ-साथ घरेलू खपत बढ़ाने, देश-विदेश में बाजरा उत्‍पादों की ब्रांडिंग करने को पूर्ण सहयोग देने की घोषणा की है।

निर्मला सीतारमण ने कहा कि 44,605 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत वाली केन-बेतवा संपर्क परियोजना को कार्यान्वित किया जाएगा जिसका उद्देश्‍य किसानों की 9.08 लाख हेक्‍टेयर भूमि को सिंचाई सुविधाएं, 62 लाख लोगों को पेयजल आपूर्ति, 103 मेगावाट पनबिजली, और 27 मेगावाट सौर ऊर्जा उपलब्‍ध कराना है।

इस परियोजना के लिए संशोधित बजट अनुमान 2021-22 में 4,300 करोड़ रुपये और वर्ष 2022-23 में 1,400 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं। इसके अलावा, पांच नदी संपर्कों यथा दमनगंगा-पिनजाल, पार-तापी-नर्मदा, गोदावरी-कृष्‍णा, कृष्‍णा-पेन्‍नार और पेन्‍नार-कावेरी की मसौदा डीपीआर को अंतिम रूप दे दिया गया है और लाभार्थी राज्‍यों के बीच आम सहमति होने के साथ ही केन्‍द्र सरकार इसके कार्यान्‍वयन के लिए आवश्‍यक सहायता दे देगी।

वित्त मंत्री ने यह बात रेखांकित की कि आपातकालीन ऋण लाइन गारंटी योजना (ईसीएलजीएस) के तहत 130 लाख से भी अधिक एमएसएमई को अत्‍यंत आवश्‍यक अतिरिक्‍त ऋण मुहैया कराया गया है, जिससे उन्‍हें महामारी के प्रतिकूल प्रभावों को कम करने में मदद मिलेगी। हालांकि, उन्‍होंने कहा कि विशेषकर सूक्ष्‍म एवं लघु उद्यमों द्वारा मुहैया कराए जाने वाली आतिथ्‍य एवं संबंधित सेवाओं का कुल कारोबार अभी तक अपने महामारी-पूर्व स्‍तर पर नहीं पहुंच पाया है।

इन पहलुओं पर विचार करने के बाद ईसीएलजीएस की अवधि मार्च 2023 तक बढ़ा दी जाएगी। उन्‍होंने बताया कि इसके गारंटी कवर को 50,000 करोड़ रुपये बढ़ाकर कुल मिलाकर 5 लाख करोड़ रुपये कर दिया जाएगा। इसके तहत अतिरिक्‍त राशि को विशेषकर आतिथ्‍य एवं संबंधित उद्यमों के लिए निर्दिष्‍ट किया जा रहा है।

इसी तरह आवश्‍यक धनराशि मुहैया कराकर सूक्ष्‍म एवं लघु उद्यमों के लिए ऋण गारंटी ट्रस्‍ट (सीजीटीएमएसई) योजना में संशोधन किया जाएगा। इससे सूक्ष्‍म एवं लघु उद्यमों को 2 लाख करोड़ रुपये का अतिरिक्‍त ऋण सुलभ होगा और रोजगार अवसर बढ़ेंगे। उन्‍होंने बताया कि अगले पांच वर्षों में 6,000 करोड़ रुपये के परिव्‍यय के साथ वर्धन एवं त्‍वरण एमएसएमई प्रदर्शन (आरएएमपी) कार्यक्रम शुरू किया जाएगा, ताकि एमएसएमई सेक्‍टर को और भी अधिक मजबूत, प्रतिस्‍पर्धी एवं प्रभावकारी बनाया जा सके। उद्यम, ई-श्रम, एनसीएस और असीम पोर्टलों को आपस में जोड़ा जाएगा और उनका दायरा बढ़ाया जाएगा।

शिक्षा के लिए 75 ई-कौशल लैब

‘कौशल विकास एवं गुणवत्तापूर्ण शिक्षा’ विषय के बारे में विस्‍तार से बताते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि विभिन्‍न अनुप्रयोगों के जरिए ड्रोन शक्ति को सुविधाजनक बनाने के साथ-साथ एक सेवा के रूप में ड्रोन (डीआरएएएस) के लिए स्‍टार्टअप्‍स को बढ़ावा दिया जाएगा। सभी राज्‍यों में स्थित चुनिंदा आईटीआई में कौशल बढ़ाने के लिए आवश्‍यक पाठ्यक्रम शुरू किए जाएंगे। व्‍यावसायिक पाठ्यक्रमों में आवश्‍यक चिंतन-मनन को बढ़ावा देने वाले आवश्‍यक कौशल को प्रोत्‍साहन देने, रचनात्‍मकता की गुंजाइश के लिए विज्ञान एवं गणित में 750 वर्चुअल प्रयोगशालाएं और उन्‍नत शिक्षण माहौल के लिए 75 कौशल ई-लैब वर्ष 2022-23 में स्‍थापित की जाएंगी।

उन्‍होंने कहा कि महामारी के कारण स्‍कूलों को बंद कर देने से विशेषकर ग्रामीण क्षेत्रों के बच्‍चों और अनुसूचित जातियों एवं अनुसूचित जनजातियों तथा अन्‍य पिछड़े वर्गों के बच्‍चों की लगभग 2 वर्षों की औपचारिक शिक्षा का नुकसान हुआ है। इनमें से अधिकतर बच्‍चे सरकारी स्‍कूलों में पढ़ते हैं। वित्त मंत्री ने बताया कि इसे ध्‍यान में रखते हुए पूरक शिक्षा प्रदान करने के साथ-साथ शिक्षा सुलभ कराने हेतु एक मजबूत व्‍यवस्‍था बनाने के लिए पीएम ई-विद्या के ‘एक कक्षा-एक टीवी चैनल’ कार्यक्रम का विस्‍तार 12 टीवी चैनलों से बढ़ाकर 200 टीवी चैनल कर दिया जाएगा और इससे सभी राज्‍य कक्षा 1 से लेकर कक्षा 12 तक के लिए क्षेत्रीय भाषाओं में पूरक शिक्षा प्रदान करने में सक्षम हो जाएंगे।

देशभर के विद्यार्थियों को उनके द्वार पर व्‍यक्तिगत तौर पर सुविधा प्रदान करने के उद्देश्‍य से विश्‍वस्‍तरीय गुणवत्‍तापूर्ण सर्वसुलभ शिक्षा देने के लिए एक डिजिटल विश्‍वविद्यालय स्‍थापित‍ किया जाएगा। यह विभिन्‍न भारतीय भाषाओं और आईसीटी फॉर्मेट में उपलब्‍ध कराया जाएगा। यह विश्‍वविद्यालय नेटवर्क आधारित हब-स्‍पोक मॉडल पर बनाया जाएगा, जिसमें हब भवन अत्‍याधुनिक आईसीटी विशेषज्ञता से युक्‍त होंगे। देश के सर्वश्रेष्‍ठ सार्वजनिक विश्‍वविद्यालय और संस्‍थान हब-स्‍पोक के नेटवर्क के रूप में सहयोग करेंगे।

नेशनल डिजिटल हेल्‍थ इकोसिस्‍टम

आयुष्‍मान भारत डिजिटल मिशन के तहत ‘नेशनल डिजिटल हेल्‍थ इकोसिस्‍टम’ के लिए एक ओपन प्‍लेटफार्म चालू किया जाएगा। इसमें चिकित्‍साकर्मी एवं स्‍वास्‍थ्‍य सुविधाओं, अद्वितीय स्‍वास्‍थ्‍य पहचान, कंसेंट फ्रेमवर्क और सभी के लिए स्‍वास्‍थ्‍य सुविधाओं की उपलब्‍धता को डिजिटल रूप से दर्ज किया जाएगा।

वित्‍त मंत्री ने कहा कि इस महामारी ने सभी आयु वर्ग के लोगों में मानसिक स्‍वास्‍थ्‍य की समस्‍या बढ़ा दी है। गुणवत्‍तापरक मानसिक स्‍वास्‍थ्‍य परामर्श एवं देखभाल सेवाओं तक बेहतर पहुंच स्‍थापित करने के लिए एक नेशनल टेलीमेंटल हेल्‍थ प्रोग्राम शुरू किया जाएगा। इसमें 23 उत्‍कृष्‍ट टेलीमेंटल हेल्‍थ सेंटर का एक नेटवर्क होगा, जिसमें एनआईएमएचएएनएस एक नोडल सेंटर के रूप में काम करेगा और इंटरनेशनल इंस्‍टीट्यूट फॉर इंफोर्मेशन टेक्‍नोलॉजी बेंगलूरू (आईआईआईटीबी) तकनीकी सहायता प्रदान करेगा।

निर्मला सीतारमण ने घोषणा करते हुए कहा कि हर घर, नल से जल के लिए 2022-23 में 3.8 करोड़ परिवारों को शामिल करने के लिए 60,000 करोड़ रुपए आवंटित किए जा रहे हैं। इस समय 8.7 करोड़ परिवारों को शामिल किया गया है और इसमें से 5.5 करोड़ परिवारों को पिछले 2 वर्षों में नल का पानी उपलब्‍ध करा दिया गया है।

इसी प्रकार वर्ष 2022-23 में ग्रामीण और शहरी, दोनों ही क्षेत्रों में प्रधानमंत्री आवास योजना के चिन्हित एवं पात्र लाभार्थियों के लिए 80 लाख मकान बनाए जाएंगे। इसके लिए 48,000 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है।

उत्‍तर-पूर्व प्रधानमंत्री विकास पहल

उत्‍तर-पूर्व परिषद के माध्‍यम से ‘उत्‍तर-पूर्व प्रधानमंत्री विकास पहल’ नामक एक नई योजना चलाई जाएगी। इससे पीएम गतिशक्ति की भावना के अनुरूप उत्‍तर-पूर्व की जरूरतों के मुताबिक बुनियादी सुविधाओं और सामाजिक विकास की परियोजनाओं के लिए वित्‍त पोषण किया जा सकेगा। इसके लिए 1,500 करोड़ रुपये का प्रारंभिक आवंटन किया जा रहा है, जिससे विभिन्‍न क्षेत्रों में कमियों की भरपाई करते हुए युवाओं एवं महिलाओं के लिए आजीविका से जुड़ी गतिविधियों चलाई जाएंगी।

2022 में शत-प्रतिशत 1.5 लाख डाक घरों में कोर बैंकिंग सिस्‍टम चालू हो जाएगा, जिससे वित्‍तीय समावेशन संभव होगा और 11 नेट बैंकिंग, मोबाइल बैंकिंग, एटीएम के माध्‍यम से अपना खाता देखा जा सकेगा और डाक घर के खाते से बैंक खाते के बीच धन का ऑनलाइन अंतरण भी हो सकेगा। इससे विशेष तौर पर ग्रामीण क्षेत्र में रहने वाले किसानों और वरिष्‍ठ नागरिकों के लिए ‘इंटर-ऑपरेबिलिटी और वित्‍तीय समावेशन’ की सुविधा उपलब्‍ध होगी।

देश की स्‍वतंत्रता के 75 वर्ष का उत्‍सव मनाने के लिए सरकार ने अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों के द्वारा देश के 75 जिलों में 75 डिजिटल बैंकिंग यूनिटों की स्‍थापना का प्रस्‍ताव किया है। इसका उद्देश्‍य यह सुनिश्चित करना है कि उपभोक्‍ता अनुकूल तरीके से देश के सभी हिस्‍सों तक डिजिटल बैंकिंग की पहुंच कायम हो। नागरिकों के लिए उनकी विदेश यात्रा में आसानी बढ़ाने के उद्देश्‍य से 2022-23 में ईम्‍बेडेड चिप तथा भविष्‍य की प्रौद्योगिकी का इस्‍तेमाल करते हुए ई-पासपोर्ट जारी किए जाएंगे।

250 करोड़ रुपये का इनडॉवमेंट फंड

वित्‍त मंत्री ने घोषणा करते हुए कहा कि शहरी योजना और डिजाइन में भारत विशिष्‍ट ज्ञान विकसित करने और इन क्षेत्रों में प्रमाणित प्रशिक्षण प्रदान करने के लिए, विभिन्‍न क्षेत्रों में पांच मौजूदा शैक्षिक संस्‍थाओं को उत्‍कृष्‍टता केंद्रों के रूप में ना‍मित किया जाएगा। इन केंद्रों में से प्रत्‍येक को 250 करोड़ रुपये का इनडॉवमेंट फंड प्रदान किया जाएगा।

एनिमेशन, विजुअल इफैक्‍ट, गेमिंग और कॉमिक्‍स सेक्‍टर युवाओं को रोजगार के लिए बड़ी संभावना प्रदान करता है। एक एवीजीसी संवर्धन कार्य बल सभी हितधारकों के साथ इसे साकार करने तथा हमारे बाजारों और वैश्विक मांग को पूरा करने के लिए घरेलू क्षमता निर्माण के लिए तौर-तरीकों की सिफारिश करने के लिए स्‍थापित किया जाएगा।

निर्मला सीतारमण ने कहा कि सामान्‍य रूप से दूर संचार और विशेष रूप से 5जी प्रौद्योगिकी, प्रगति और रोजगार के अवसर प्रदान करने में समर्थ बना सकते हैं। उन्‍होंने कहा कि अपेक्षित स्‍पैक्‍ट्रम नीलामियों को निजी दूरसंचार सेवा प्रदाताओं द्वारा 2022-23 के भीतर 5जी मोबाइल सेवाओं के आरंभ को आसान बनाने के लिए 2022 में निष्‍पादित किया जाएगा। डिजाइन आधारित विनिर्माण के लिए एक योजना उत्‍पादन से जुड़ी प्रोत्‍साहन योजना के भाग के रूप में 5जी के लिए एक मजबूत इकोसिस्‍टम बनाने के लिए शुरू की जाएगी।

रक्षा के मोर्चे पर हमारी सरकार निर्यातों को कम करने और सशस्‍त्र बलों के लिए उपकरणों में आत्‍मनिर्भरता को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है। पूंजीगत खरीद बजट के 2021-22 में 58 प्रतिशत से बढ़ाकर वर्ष 2022-23 में घरेलू उद्योग के लिए 68 प्रतिशत तक धनराशि का प्रावधान किया जाएगा। रक्षा के क्षेत्र में अनुसंधान एवं विकास के कार्यों को रक्षा अनुसंधान एवं विकास बजट के 25 प्रतिशत हिस्‍से को उद्योग, स्‍टार्ट-अप और शिक्षा जगत के लिए खोल दिया जाएगा।

उदीयमान अवसर के बारे में वित्‍त मंत्री ने कहा कि कृत्रिम मेधाविता, भू-स्‍थानिक प्रणालियों तथा ड्रोन, सेमीकंडक्‍टर और इसका इकोसिस्‍टम, अंतरिक्ष अर्थव्‍यवस्‍था, जीनोमिक्‍स तथा फार्मास्‍युटिकल, हरित ऊर्जा और स्‍वच्‍छ आवागमन प्रणालियों में बड़े पैमाने पर यथासाध्‍य विकास में सहायता करने तथा देश को आधुनिक बनाने की व्‍यापक संभावना है। यह युवाओं के लिए रोजगार प्रदान करते हैं तथा भारतीय उद्योग जगत को अधिक प्रभावी और प्रतिस्‍पर्धी बनाते हैं।

देश में सौर ऊर्जा को बढ़ावा

2030 तक संस्‍थापित सौर क्षमता के 280 जीडब्‍ल्‍यू के महत्‍वाकांक्षी लक्ष्‍य के लिए घरेलू उत्‍पादन को सुविधा प्रदान करने के लिए सौर पीवी मॉड्यूलों के लिए पॉलीसिलिकॉन से पूर्णत: समेकित उत्‍पादन इकाइयों के लिए प्राथमिकता के साथ उच्‍च प्रभावी मॉड्यूलों के उत्‍पादन से जुड़े प्रोत्‍साहन हेतु 19,500 करोड़ रुपये का अतिरिक्‍त आवंटन किया जाएगा।

वित्‍त मंत्री ने जोर देकर कहा कि सार्वजनिक निवेश को आगे बने रहने की जरूरत है और 2022-23 में निजी निवेश और मांग को बढ़ाना भी जरूरी है। इसे घ्‍यान में रखते हुए एक बार फिर केंद्रीय बजट में पूंजीगत व्‍यय के लिए परिव्‍यय में तेजी से बढ़ोतरी की गई है। अभी यह चालू वर्ष में 5.54 लाख करोड़ रुपये है, जिसमें 35.4 प्रतिशत की बढ़ोतरी करके 2022-23 में 7.5 लाख करोड़ रुपये कर दिया गया है। यह 2019-20 के व्‍यय से 2.2 गुना से भी अधिक बढ़ गया है और 2022-23 में यह परिव्‍यय जीडीपी का 2.9 प्रतिशत होगा। इस निवेश के साथ केंद्र सरकार का ‘कारगर पूंजीगत व्‍यय’ 2022-23 में अनुमानत: 10.68 लाख करोड़ रुपये का हो जाएगा, जो कि जीडीपी का लगभग 4.1 प्रतिश‍त होगा।

2022-23 में सरकार द्वारा ली जाने वाली सभी बाजार उधारियों के सिलसिले में सॉवरेन ग्रीन बॉन्‍ड जारी किए जाएंगे, जिनसे हरित अवसंरचना के लिए संसाधान जुटाए जाएंगे। इससे प्राप्‍त धन को सार्वजनिक क्षेत्र की ऐसी परियोजनाओं में लगाया जाएगा, जो अर्थव्‍यवस्‍था में कार्बन इंटेंसिटी को कम करने में सहायक हों। सरकार ने ब्‍लॉक चेन और अन्‍य प्रौद्योगिकियों के इस्‍तेमाल से डिजिटल रुपये की शुरुआत करने का प्रस्‍ताव किया है, जिसे भारतीय रिजर्व बैंक के द्वारा जारी किया जाएगा और इसकी शुरुआत 2022-23 से होगी।

सहकारी संघवाद की सच्‍ची भावना को जाहिर करते हुए केंद्र सरकार ने राज्‍यों को वित्‍तीय सहायता के लिए पूंजी निवेश योजना के परिव्‍यय को 10,000 करोड़ रुपये से बढ़ाकर चालू वर्ष के संशोधित अनुमान में 15,000 करोड़ रुपये कर दिया है। इसके अलावा 2022-23 के लिए अर्थव्‍यवस्‍था में सभी निवेशों को प्रेरित करने के उद्देश्‍य से राज्‍यों की मदद के लिए 1 लाख करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है। ये 50 वर्षीय ब्‍याज मुक्‍त ऋण राज्‍यों को दिए जाने वाले सामान्‍य कर्ज के अलावा हैं। इस प्रकार के आवंटन का इस्‍तेमाल पीएम गतिशक्ति से जुड़े निवेशों और राज्‍यों की अन्‍य उत्‍पादक पूंजी निवेश में किया जाएगा।

अपने बजट भाषण के भाग (ए) को समाप्‍त करते हुए वित्‍त मंत्री ने कहा कि चालू वर्ष में संशोधित वित्‍तीय घाटा जीडीपी का अनुमानत: 6.9 प्रतिशत है, जबकि बजट अनुमान में यह 6.8 प्रतिशत है। 2022-23 में राजकोषीय घाटा जीडीपी का अनुमानत: 6.4 प्रतिशत है, जो कि राजकोषीय मजबूती के उस मार्ग के अनुरूप भी है। जिसकी पिछले वर्ष घोषणा की गई थी कि 2025-26 तक राजकोषीय घाटे को 4.5 प्रतिशत से निचले स्‍तर पर लाया जाएगा। 2022-23 के राजकोषीय घाटे के स्‍तर को निर्धारित करते समय उन्‍होंने मजबूती और टिकाऊपन के लिए सार्वजनिक निवेश के माध्‍यम से प्रगति‍ के पोषण का आह्वान किया।

बजट में कहा गया है कि ईंधन का सम्‍मिश्रण सरकार की प्राथमिकता है। ईंधन के सम्मिश्रण के लिए प्रयासों को प्रोत्‍साहित करने के लिए, असम्मिश्रित ईंधन पर 1 अक्‍तूबर, 2022 से दो रुपये प्रति लीटर का अतिरिक्‍त विभेदक उत्‍पाद शुल्‍क लगेगा।

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