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MP News: शिवराज बोले- AG रिपोर्ट में 36 लाख का आंकड़ा शाला त्यागी नहीं, प्रदेश की कुल किशोरियों की संख्या

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, भोपाल Published by: आनंद पवार Updated Wed, 14 Sep 2022 04:45 PM IST

सार

पोषण आहार को लेकर सीएम शिवराज ने विधानसभा में कहा कि हमारी सरकार ने 11 से 14 वर्ष की किशोरी बालिकाओं का बेस लाइन सर्वे कर रिपोर्ट सितंबर, 2018 में भारत सरकार को भेजी थी। रिपोर्ट में किशोरी बालिकाओं की संख्या कुल 2 लाख 52 हजार थी। वर्ष 2018 से वर्ष 2021 की अवधि के लिए हितग्राही बालिकाओं की कुल संख्या 5.51 लाख ही है। सीएम शिवराज सिंह चौहान विधानसभा में मीडिया से बातचीत करते हुए – फोटो : अमर उजाला

विस्तार मध्य प्रदेश विधानसभा के मानसून सत्र के दूसरे दिन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सदन में पोषण आहार को लेकर अपनी बात रखी। सीएम ने कहा कि सीएजी रिपोर्ट ड्राफ्ट रिपोर्ट है। फिर भी सरकार जांच करा रही है। इसमें यदि कोई दोषी होगा तो उसे नहीं छोड़ा जाएगा। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि ऑडिटर ने जो 36 लाख का आंकड़ा बताया है, वो मध्यप्रदेश की 11 से 14 वर्ष की किशोरी बालिकाओं की कुल संख्या है, न कि शाला त्यागी बालिकाओं की। जिस रिपोर्ट को CAG की रिपोर्ट बताया जा रहा है, वह CAG की रिपोर्ट नहीं केवल एक ड्राफ्ट रिपोर्ट है, इसे महालेखाकार ने तैयार किया है। उन्होंने कहा कि ड्राफ्ट रिपोर्ट में जो पैरा लिखे गए हैं, वे AG ऑफिस के प्रारंभिक ऑब्जर्वेशन्स है। महालेखाकार की यह ड्राफ्ट रिपोर्ट वर्ष 2018 से लेकर 2021 तक की अवधि की है। रिपोर्ट की अवधि में पिछली सरकार के शासन काल के 15 माह भी सम्मिलित है। सरकार किसी की भी रही हो, लेकिन हम चाहते हैं सभी बिंदुओं पर बारीकी से जांच हो। 

 
सीएम ने कहा कि स्कूल शिक्षा विभाग में शाला नहीं जाने वाली बालिकाओं की संख्या में केवल वे बालिकाएं सम्मिलित रहती हैं, जिनका नाम किसी स्कूल में दर्ज नहीं है। जबकि महिला बाल विकास के सर्वे में वो बालिकाएं भी शामिल हैं, जो स्कूल नहीं जातीं भले ही उनका नाम स्कूल में दर्ज हो। इसलिए इन दोनों विभागों के आंकड़े एक समान होना संभव ही नहीं है। हमारी सरकार ने 11 से 14 वर्ष की किशोरी बालिकाओं का बेस लाइन सर्वे कर रिपोर्ट सितंबर, 2018 में भारत सरकार को भेजी थी। रिपोर्ट में किशोरी बालिकाओं की संख्या कुल 2 लाख 52 हजार थी। वर्ष 2018 से वर्ष 2021 की अवधि के लिए हितग्राही बालिकाओं की कुल संख्या 5.51 लाख ही है। 

 
सीएम ने कहा कि मार्च, 2018 में भाजपा सरकार ने पोषण आहार व्यवस्था से निजी कंपनियों को बाहर कर राज्य सरकार ने पोषण आहार की बागडोर प्रदेश के महिला स्व-सहायता समूहों को सौंपी थी। प्रदेश के 7 जिलों- धार, सागर, मण्डला, देवास, नर्मदापुरम, रीवा एवं शिवपुरी में 7 पोषण आहार संयंत्रों का निर्माण 60 करोड़ रुपये की लागत से कराया गया। कांग्रेस सरकार ने नवंबर, 2019 में निर्णय लिया कि ये संयंत्र महिला स्व-सहायता समूहों से वापस लेकर पुनः एमपी एग्रो को दे दिए जाएं। इस निर्णय के परिणामस्वरूप फरवरी, 2020 में एमपीएग्रो ने सभी पोषण आहार संयंत्रों को आधिपत्य में ले लिया।
 
इस प्रकार पोषण आहार व्यवस्था को माफिया मुक्त रखने और स्व-सहायता समूहों को सशक्त करने के हमारे निर्णय को बदल दिया। मार्च, 2020 में हमारी सरकार वापस आई तो हमने सितंबर, 2021 में ये निर्णय किया कि सभी पोषण आहार संयंत्र महिला स्व-सहायता समूहों के परिसंघों को फिर से सौंप दिए जाए। हमने सभी 7 संयंत्र नवंबर, 2021 से फरवरी, 2022 के बीच राज्य आजीविका मिशन के अंतर्गत महिला स्व-सहायता समूहों को सौंप दिए। इन समूहों को 141 करोड़ रुपये की राशि एडवांस दी गई ताकि वे व्यवस्थित रूप से इन संयंत्रों का संचालन शुरू कर सकें।
 
आज इन संयंत्रों का टेक होम राशन प्रदाय से लगभग 750 करोड़ रुपये प्रतिवर्ष का टर्न ओवर है। हमारी सरकार ने शहरी क्षेत्रों में भी ठेकेदारी प्रथा से गर्म पका भोजन देने की व्यवस्था को समाप्त कर दिया। 200 से अधिक ठेकेदारों की जगह यह काम शहरी आजीविका मिशन के 2 हजार से अधिक समूहों को सौंप दिया गया। इन समूहों का कुल टर्न ओवर आज की तारीख में लगभग 60 करोड़ रुपये है। ड्राफ्ट रिपोर्ट के साथ जो 84 वाहनों के चालानों का उल्लेख है, उनमें से 84 चालानों में से 31 चालान कांग्रेस सरकार के कार्यकाल से संबंधित है।

 
उदाहरण के लिए पिछली सरकार के कार्यकाल में परिवहन में उपयोग किए गए क्रमांक JHOS BA 0511 का वाहन रिपोर्ट के अनुसार मोटर साइकिल बताया गया है। इसी प्रकार क्रमांक MP04-HA-0225 और क्रमांक MP09 HE 4058 वाहन कार के नंबर हैं, ऐसा बताया गया है। हमने सत्यापन कराया तो पता चला कि वास्तव में एक ट्रक है। ड्राफ्ट ऑडिट रिपोर्ट में बताया गया है कि बिजली की खपत को देखते हुए उत्पादन की मात्रा आनुपातिक रूप से अधिक पाई गई है। कुल 114 दिनों में बिजली खपत की तुलना में अधिक उत्पादन होना बताया गया है। इन 114 दिनों में के लिए धार के 12 दिन, मंडला में 68 दिन का उल्लेख है। धार के 12 दिन की पूरी अवधि कांग्रेस शासनकाल से संबंधित है।
 
मंडला के 68 दिन की अवधि में से 15 दिन कांग्रेस शासन काल से संबंधित है। सागर और शिवपुरी संयंत्र में सभी दिवस मार्च, 2020 के बाद के है। जिस अवधि में पोषण आहार की गुणवत्ता मापदण्डों के अनुरूप नहीं पाई गई वह संपूर्ण अवधि (मार्च, 2019 से जनवरी, 2020) कांग्रेस सरकार के कार्यकाल से संबंधित है। पिछली सरकार के कार्यकाल में लगभग 38 हजार 304 मीट्रिक टन मात्रा, जिसका मूल्य 237 करोड़ रुपये राशि है, के टेक होम राशन की गुणवत्ता अमानक होने के बावजूद भी उसे प्राप्त किया गया। इसके कारण संबंधित एजेन्सी का 35 करोड़ रुपये का भुगतान रोक दिया था। गड़बड़ी करने वालों पर हमने अब तक 104 अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की गई है, 22 अधिकारियों को निलंबित किया गया है, 6 को नौकरी से निकाल बाहर किया गया है। 3 अधिकारियों की पेंशन रोकी गई है, 2 की वेतनवृद्धि रोकी गई है, 40 की विभागीय जांच चल रही है और 31 अधिकारियों को लघु शास्ति दी गई है।
 
नेता प्रतिपक्ष डॉ. गोविंद सिंह ने कहा कि रिपोर्ट में साफ है कि कुपोषण को मिटाने की राशि का घोटाला किया गया है। कोरोना काल में भी 208 करोड़ का पोषण आहार बांटने का खेल हुआ है। 13 एमएलए ने स्थगन देकर चर्चा की मांग की थी। गोविंद सिंह ने चुनौती दी कि घोटाले में कांग्रेसी हो तो कार्रवाई हो। कांग्रेस अब राज्यपाल को पोषण आहार घोटाले की शिकायत करेगी। वहीं, संसदीय मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि कांग्रेस भगोड़ी है। तथ्य बचे नहीं हैं। जहां चर्चा करनी चाहिए वहां हंगामा करते हैं। जहां हंगामा करना चाहिए वहां चर्चा करती है।
 

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