उज्जैन बाबा महाकाल। – फोटो : अमर उजाला
विस्तार वॉट्सऐप चैनल फॉलो करें
आषाढ़ शुक्ल पक्ष की अष्टमी और रविवार के महासंयोग पर विश्व प्रसिद्ध श्री महाकालेश्वर मंदिर में सुबह 4 बजे भस्म आरती के दौरान वीरभद्र जी से आज्ञा लेकर मंदिर के पट खुलते ही पण्डे पुजारियो ने गर्भगृह मे स्थापित सभी भगवान की प्रतिमाओं का पूजन कर भगवान महाकाल का जलाभिषेक दूध, दही, घी, शक्कर पंचामृत और फलों के रस से किया।
इसके बाद प्रथम घंटाल बजाकर हरि ओम का जल अर्पित किया गया। आज के शृंगार की विशेषता यह रही कि बाबा महाकाल को आज अलसुबह भांग का शृंगार कर सूर्य, चन्द्र धारण करवाए गए साथ ही पुष्पों की माला पहनाकर सजाया गया और कपूर आरती के बाद बाबा महाकाल को नवीन मुकुट व मुंड माला धारण करवाई गई। इसके बाद महानिर्वाणी अखाड़े की और से भगवान महाकाल को भस्म अर्पित की गयी। इस दौरान हजारों श्रद्धालुओं ने बाबा महाकाल के दिव्य दर्शनों का लाभ लिया। जिससे पूरा मंदिर परिसर जय श्री महाकाल की गूंज से गुंजायमान हो गया।
तीन नग पीतल की घंटी दान की
श्री महाकालेश्वर मंदिर में राजस्थान के जयपुर के भक्त उर्मिला अग्रवाल द्वारा 3 नग पीतल की घंटी दान की। प्रत्येक घण्टी का वजन लगभग 20.990 ग्राम हैं। श्री महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति के सहायक प्रशासक मूलचन्द जूनवाल द्वारा दानदाता को रसीद प्रदान कर सम्मान किया गया साथ ही नई घण्टियां नंदी मंडपम में लगाई गई।
Be First to Comment