क्रिटिकल केयर हॉस्पिटल का रुका कार्य। – फोटो : Amar Ujala Digital
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संभाग के सबसे बड़े सरकारी जिला अस्पताल में आरएमओ कार्यालय के पीछे क्रिटिकल मरीजों के लिए 50 बेड का हॉस्पिटल बनाने का काम निर्माण एजेंसी ने शुरू किया था। अचानक इस कार्य को रोक दिया गया। मामले में सिविल सर्जन ने बताया कि निर्माण एजेंसी की ओर से उन्हें इस बात की सूचना दी गई है, लेकिन कारण नहीं बताया।
उल्लेखनीय है कि सिविल सर्जन कार्यालय, पीएम रूम और इसके पीछे के भवनों को कुछ माह पहले हटाया गया था। यहां पर आयुष्मान योजनांतर्गत 50 बेड का क्रिटिकल हॉस्पिटल का निर्माण शुरू किया गया था। यहां पर हॉस्पिटल के भवन निर्माण के लिए आधार बनाने हेतु खुदाई की जा चुकी है। निर्माण स्थल के आसपास चद्दरों की बाउंड्री बनाकर काम भी चल रहा था, परंतु कल अचानक यहां काम रोक दिया गया।
एक नजर योजना पर
राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन द्वारा 50 बिस्तर के क्रिटिकल केयर हेल्थ ब्लॉक का निर्माण प्रस्तावित किया गया था। इसके लिए 13 करोड़ 30 लाख 16 हजार 667 रुपये की राशि भी मंजूर हो चुकी है। यह कार्य 11 माह में पूरा करने का लक्ष्य निर्माण एजेंसी मध्यप्रदेश बिल्डिंग डेवलपमेंट कार्पोरेशन भोपाल द्वारा ठेकेदार अशोक कुमार जैन को दिया गया था। ठेकेदार ने यहां बेसमेंट निर्माण से पहले पर्याप्त स्थान के लिए कई स्वास्थ्यकर्मियों के भवनों को भी तोड़ा दिया है।
25-30 मकान टूटे थे
उक्त 50 बेड के क्रिटिकल केयर हॉस्पिटल निर्माण के लिए सिविल सर्जन कार्यालय के दूसरी ओर स्थित जिला अस्पताल के स्वास्थ्य कर्मियों को उनके 25-30 मकानों को तोड़े जाने के नोटिस तामिल कराए गए थे। बाद में इन्हें तोड़ा भी गया था।
मामला संज्ञान में परंतु कारण पता नहीं
आज सुबह जब इस मामले में सिविल सर्जन डॉ. पी.एन. वर्मा से चर्चा की तो उन्होंने बताया कि 50 बेड के क्रिटिकल केयर हॉस्पिटल का निर्माण कार्य निर्माण एजेंसी ने रोक दिया है। काम क्यों रोका गया है इसके बारे में निर्माण एजेंसी मध्यप्रदेश बिल्डिंग डेवलपमेंट कार्पोरेशन, भोपाल के अधिकारियों ने इतना ही बताया है कि विभागीय आदेश के चलते फिलहाल काम रोका गया है।
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