बीना थाना, सागर – फोटो : अमर उजाला
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सागर जिले के बीना थाना अंतर्गत आने वाले एक वार्ड में एक किशोरी के साथ एक युवक ने कई बार दुष्कर्म किया। आरोपी के इस कृत्य से तंग आकर किशोरी ने परिजनों के साथ थाने पहुंचकर रिपोर्ट लिखाई।
जानकारी के मुताबिक, शहर के एक वार्ड में रहने वाली एक 17 वर्षीय किशोरी का एक युवक ने वर्ष 2020 में नहाते समय धोखे से वीडियो बना लिया था। इसके बाद से वह वीडियो वायरल करने की धमकी देकर किशोरी से चार साल तक शारीरिक संबंध बनाता रहा। पिछले दिनों भी युवक ने उसके साथ दुष्कर्म किया। युवक की वहशियत से तंग आकर किशोरी ने आपबीती अपनी मां को बताया।उसके बाद वह शिकायत करने थाने पहुंची। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच कर आरोपी के विरुद्ध दुष्कर्म सहित अन्य धाराओं में मामला दर्ज कर युवक की तलाश शुरू कर दी है।
सौतेली बेटी के हत्यारे पिता को न्यायालय ने दिया आजीवन कारावास
सौतेली बेटी की हत्या करने वाले आरोपी मोनू उर्फ भूपेंद्र राजपूत को भा.द.वि की धारा-302 के तहत आजीवन कारावास एवं दो हजार रुपये अर्थदण्ड एवं धारा-201 के तहत तीन वर्ष का सश्रम कारावास एवं दो हजार रुपये अर्थदंड की सजा से प्रथम अपर-सत्र न्यायाधीश देवरी जिला-सागर की अदालत ने दंडित किया है।
शिकायत कर्ता मृतिका की मां दुर्गा यादव ने 09.07.2021 को थाना केसली में इस आशय की रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि वह मजदूरी करती है। करीब चार-पांच महीने से अपने पति से अलग रहकर अपनी छोटी लड़की मृतिका (उम्र सात वर्ष) के साथ अपने दास्ता पति मोनू राजपूत के साथ रह रही थी। कुछ दिन पहले वह अपनी लड़की के साथ अपने मायके गई थी। 02.07.2021 को वापस घर आ गई थी। उसके दूसरे दिन सुबह करीब 5ः30 बजे जब वह उठी तो उसकी लड़की/मृतिका अपने बिस्तर पर नहीं थी। तब उसने अपने दास्ता पति मोनू राजपूत को जगाया और उसकी तलाश की, किंतु उसका कोई पता नहीं चला।
अनुसंधान के दौरान मृतिका की मां दुर्गा यादव एवं उसके दास्ता पति मोनू उर्फ भूपेंद्र राजपूत से पूछताछ की तो पूछताछ के दौरान आरोपी मोनू उर्फ भूपेंद्र ने बताया कि 12-13 दिन पहले दुर्गा यादव अपनी बच्ची को लेकर उसे बिना बताए अपने मायके चली गई थी। 02.07.2021 को वापस बच्ची के साथ आ गई थी। इसके पूर्व भी वह बिना बताए कहीं भी चली जाती थी, जिससे उसकी जग-हंसाई होती थी, जिसके कारण वह बहुत गुस्से में रहता था।
02.07.2021 को इसी वजह से दुर्गा यादव और मृतिका/बच्ची के साथ लाठी से मारपीट की थी, जिससे मृतिका/बच्ची बेहोश हो गई थी। जब वह रात में जागा तो देखा बच्ची बेहोश पड़ी है। तब यह सोचकर कि सुबह दुर्गा को जब पता चलेगा तो वह सबको बता देगी कि मेरे मारने से वह मृत हो गई तो रात में मृतिका/बच्ची को पास के कुएं में डाल दिया। दो दिन बाद मृतिका की लाश ऊपर आ जाने से कुएं से निकालकर खेत में गाढ़ दिया।
रिपोर्ट के आधार पर प्रकरण पंजीबद्ध कर मामला विवेचना में लिया गया। विवेचना के दौरान साक्षियों के कथन लेख किये गये। घटना स्थल का नक्शा मौका तैयार किया गया, अन्य महत्वपूर्ण साक्ष्य एकत्रित कर थाना केसली द्वारा धारा- 302, 201, 363 भा.दं.सं. का अपराध आरोपी के विरुद्ध दर्ज करते हुए विवेचना उपरांत चालान न्यायालय में पेश किया। अभियोजन द्वारा अभियोजन साक्षियों एवं संबंधित दस्तावेजों को प्रमाणित किया गया एवं अभियोजन ने अपना मामला संदेह से परे प्रमाणित किया। जहां विचारण उपरांत प्रथम अपर-सत्र न्यायाधीश, देवरी जिला-सागर की न्यायालय ने आरोपी को दोषी करार देते हुए सजा से दंडित किया।
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