भाजपा नेता प्रभात झा का निधन। – फोटो : अमर उजाला
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भाजपा के वरिष्ठ नेता और मध्य प्रदेश के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष प्रभात झा ने गुरुवार तड़के गुड़गांव के मेदांता अस्पताल में अंतिम सांस ली। बिहार से आकर मध्य प्रदेश में उन्होंने एक मीडिया संस्थान में रिपोर्टर की नौकरी से अपने करियर की शुरुआत की। वह अपने जुझारू और संघर्षशील व्यक्तित्व से करियर में जमीन से शीर्ष पर पहुंचे। बताया जाता है कि उनकी भोपाल में नेताओं और मीडिया में इतनी पकड़ हो गई थी कि इससे पूर्व सीएम उमा भारती असहज महसूस करने लगीं। ऐसा कहा जाता है कि इसी वजह से उन्हें भोपाल से दिल्ली भेज दिया गया था। इसके बाद वह मध्य प्रदेश में भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बनकर लौटे।
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प्रभात झा बचपन में अपने एक रिश्तेदार के साथ ग्वालियर के जेसी मिल इलाके में आए। वहां आते ही वह भाजपा और आरएसएस से जुड़े लोगों के संपर्क में आ गए। जल्द ही वह जेसी मिल इलाके के नेता भाऊ साहब पोटनिस के करीबी बन गए और उनके साथ ही रहते थे। उनका ठिकाना भाजपा कार्यालय हुआ करता था। प्रभात झा ने ग्वालियर में ही पीजीवी कॉलेज से बीएससी और माधव कॉलेज से राजनीति शास्त्र में पढ़ाई की। इसके बाद उन्होंने एलएलबी कॉलेज से कानून की पढ़ाई की। 1986 में बिहार में उनकी शादी रंजना झा से हुई। शादी के बाद वह किराए के मकान में रहने लगे और स्वदेश अखबार में पत्रकारिता करने लगे।
1993 में उन्हें मीडिया प्रभारी बनाया गया
उस समय मध्य प्रदेश में कांग्रेस की सरकार थी और भाजपा सत्ता के लिए संघर्ष कर रही थी। कुशाभाऊ ठाकरे मध्य प्रदेश में कमान संभाले हुए थे और उन्हें मीडिया में जगह नहीं मिल रही थी। इसके बाद उन्होंने प्रदेश में मीडिया सेंटर स्थापित करने की सलाह दी। इस प्रकार प्रदेश में भाजपा ने मीडिया सेंटर स्थापित किए और भोपाल के मीडिया सेंटर प्रभारी की जिम्मेदारी प्रभात झा को दी गई। उन्होंने अपने काम से मीडिया सेंटर की अलग ही पहचान बनाई। वह पत्रकारों को चुनावों से जुड़ी जानकारी एक जगह पर उपलब्ध कराते थे, जिससे पत्रकार भाजपा के मीडिया सेंटर पर आकर बैठने लगे। झा 1993 से 2002 तक मीडिया प्रभारी और प्रवक्ता रहे।
इस वजह से प्रभात झा को दिल्ली भेजा गया
वरिष्ठ पत्रकार देवश्री माली बताते हैं कि जब उमा भारती को दिल्ली से मध्य प्रदेश भेजा गया था, तो उनके कहने पर ही प्रभात झा को भोपाल से दिल्ली भेज दिया गया था। इसका कारण प्रभात झा की मीडिया और नेताओं के साथ अच्छी पकड़ बताई जाती है। 2003 से 2005 तक झा भाजपा के साहित्य एवं प्रकाशन के अखिल भारतीय प्रभारी रहे। इसके बाद 2005 से कमल संदेश के संपादक रहे।
दिल्ली में भी अपने काम से बनाई पहचान
प्रभात झा को दिल्ली में पार्टी ने प्रकाशन का काम सौंपा। उन्होंने इस मौके को अवसर में बदला। अपने काम करने की शैली और मेहनत से अच्छी पकड़ बनाई और फिर कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। इसके बाद उनका कदम बढ़ता गया। राजनाथ सिंह के राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने पर उन्हें संगठन में 2007 में राष्ट्रीय सचिव बनाया गया। इसके एक साल बाद ही अप्रैल 2008 में उन्हें राज्यसभा भेज दिया गया। वह ग्रामीण विकास संबंधी स्थायी समिति के सदस्य रहे। अगस्त 2009 से संचार एवं सूचना प्रौद्योगिकी संबंधी स्थायी समिति के सदस्य बने।
2010 में बने मध्य प्रदेश भाजपा के अध्यक्ष
दोबारा राज्यसभा के लिए निर्वाचित नहीं होने के बाद प्रभात झा और मजबूत होकर मध्य प्रदेश लौटे। पार्टी ने उन्हें 8 मई 2010 को मध्य प्रदेश भाजपा का प्रदेश अध्यक्ष बनाया। वह दिसंबर 2012 तक प्रदेश अध्यक्ष रहे। इसके बाद 2015 में उन्हें भाजपा का राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बनाया गया।
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