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Mulayam Singh Yadav: दाल-बाफले के शौकीन थे नेताजी, जब भी इंदौर आते तो घर का ही खाना खाते

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, इंदौर Published by: रवींद्र भजनी Updated Mon, 10 Oct 2022 11:23 AM IST

पूर्व रक्षामंत्री और उत्तरप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव नहीं रहे। उनका इंदौर और मध्यप्रदेश से विशेष नाता रहा। वे मालवा की संस्कृति को खूब पसंद करते थे। खास तौर पर यहां का खाना तो उन्हें बहुत भाता था। उस पर भी दाल-बाफले तो उन्हें भी सबसे अधिक प्रिय थे। इस वजह से जब भी इंदौर या आसपास के जिले के कार्यक्रम होता, पूर्व सांसद कल्याण जैन के घर का खाना जरूर खाते। अमर सिंह समेत अन्य नेताओं को कहते थे कि कल्याण जी की पत्नी का हाथ का बना खाना नहीं खाया तो कुछ नहीं खाया। 

इंदौर के पूर्व सांसद, पूर्व विधायक और सपा नेता कल्याण जैन ने मुलायम सिंह यादव से जुड़े किस्सों को साझा किया। मुलायम सिंह यादव को याद करते ही कल्याण जैन की आंखों में पानी आ गया। गला रुंध गया। भर आए गले के साथ ही उन्होंने कहा कि पार्टी की स्थापना से दो दिन पहले मुलायम सिंह यादव ने मुझे बुलाया था। मैं समाजवादी पार्टी से जुड़ा और आखिर तक उनके साथ रहा। मैं आगरा मंडल का इंचार्ज, महासचिव, अनुशासन समिति का प्रमुख रहा। इस दौरान उन्हें सुबह से लेकर रात तक कभी भी फोन लगाने पर हमेशा उपलब्ध रहते थे। 

जिसका जलवा कायम है, उसका नाम ही मुलायम है

कल्याण जैन ने कहा कि मैं उनसे चार साल बड़ा हूं। हमेशा कहता कि नेताजी आप सब कर सकते हो। एक बार तो उनका कार्यक्रम था और वे बोले कि मैं अब बूढ़ा हो गया हूं। अब नहीं आ सकूंगा। तब मैंने ही उनसे कहा था कि मैं तो आपसे भी चार साल बड़ा हूं, आप आ सकते हैं। और वे आए भी। कार्यक्रम में पूरे जोश के साथ भाग लिया। वे सही मायने में धरतीपुत्र थे। सबसे बड़ी बात थी कि उनका कार्यकर्ताओं से सीधा संपर्क था। कोई भी कार्यकर्ता उनसे मिल लेता तो अपना सुख-दुख साझा कर लेता था। वह अपना दर्द हल्का कर लेता था। जिसका जलवा कायम है, उसका नाम ही मुलायम है। 

जब पोते को गोद में उठाकर चूम लिया

इंदौर के पूर्व सांसद ने कहा कि 1994 में मेरे बेटे की शादी अटेंड करने आए थे। उसके बाद वे तीन बार और मेरे घर आए। हर बार घर का ही खाना खाया। पार्टी का कार्यक्रम अटेंड करने आते तो कहते थे कि कल्याण जैन की पत्नी बहुत अच्छा खाना बनाती है। वे तो अमर सिंह जी से भी कहते कि इंदौर में कल्याण जैन के घर का खाना जरूर खाना। भाभी जी बहुत अच्छा खाना बनाती हैं। जब भी घर आते पूरे परिवार के सदस्यों से बात करते। एक बार तो मेरे दस साल के पोते ने उनका नाम ले लिया- ‘मुलायम सिंह यादव’ तो उन्होंने उसे गोद में उठा लिया और गाल पर चूम लिया। 

लखनऊ से फोन करते तो पूछते- बेटा कैसा है?

कल्याण जैन ने बताया कि जब भी मध्यप्रदेश का दौरा खत्म करते और लखनऊ लौटते, वहां से उनका फोन आता। पूछते कि अन्नादुराई (बेटा) कैसा है? परिवार के अन्य सदस्य कैसे हैं? कल्याण जैन के बेटे और पत्रकार अन्नादुराई ने बताया कि मुलायम सिंह यादव के लिए पार्टी का हर कार्यकर्ता परिवार के सदस्य जैसा था। प्रत्येक कार्यकर्ता के परिवार के हर सदस्य को वह अपना परिवार ही समझते थे। मुलायम सिंह यादव जैसे नेता जाते नहीं हैं, हमारी यादों में हमेशा बने रहते हैं। 

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