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MP News: सीहोर के चिंतामन और भूतेश्वर मंदिर में मंत्री सिलावट किए पूजा-अर्चना, उमरिया में निकली कांवड़ यात्रा

मंत्री तुलसीराम सिलावट – फोटो : अमर उजाला

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जल संसाधन मंत्री तुलसीराम सिलावट सीहोर के श्री चिंतामण गणेश मंदिर और भूतेश्वर मंदिर पहुंचे। उन्होंने भगवान श्री गणेश एंव भगवान शिव की पूजा-अर्चना की और देश-प्रदेश की सुख समृद्धि की कामना की। इस अवसर पर मीडिया से चर्चा करते हुए जल संसाधन मंत्री सिलावट ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एवं मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के नेतृत्व में विकसित भारत एवं विकसित मध्यप्रदेश का निर्माण हो रहा है। 

उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव को समाज के हर वर्ग की चिंता है और वे सभी के विकास और कल्याण के बारे में निरंतर प्रयासरत हैं। उन्होंने कहा कि इस वर्ष वर्षा अच्छी हो रही है, जिसके चलते सभी बांधों एवं तालाबों में पानी की उपलब्धता बनी रहेगी। उन्होंने कहा कि बांधों की सुरक्षा की दृष्टि से निरीक्षण किया जा रहा है और जहां बांधों में मरम्मत की आवश्यकता है, वहां अधिकारियों को तत्काल मरम्मत कराने के निर्देश दिए जा रहे हैं। इस अवसर पर विधायक सुदेश राय, पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष जसपाल सिंह अरोरा, एसडीएम तन्मय वर्मा सहित अन्य जनप्रतिनिधि उपस्थित रहे।

पालकी में सवार होकर नगर भ्रमण पर निकले महादेव
प्रतिवर्ष अनुसार इस वर्ष भी सोमवार को सिद्धेश्वर महादेव मंदिर समिति के तत्वाधान में निकाली जाने वाली शिव पालकी यात्रा इस वर्ष आस्था और उत्साह के साथ महाकाल की तर्ज पर निकाली गई। इस पालकी यात्रा में महाकाल की महाआरती के साथ शहर के कोतवाली चौराहे से शुभारंभ किया। यात्रा कोतवाली चौराहा से शहर के प्रमुख मार्ग से हुए तहसील चौराहे स्थित मनकेश्वर महादेव मंदिर पहुंची। जहां पर भगवान महाकाल का विशेष अनुष्ठान के बाद बाबा सिद्धेश्वर महादेव मंदिर में संपन्न किया। 

यात्रा का शहर के कोतवाली चौराहे पर विठलेश सेवा समिति, ब्राह्मण समाज, माहेश्वरी महिला मंडल, जैन समाज, सिंधी समाज, अग्रवाल समाज, राठौर समाज  आदि के तत्वाधान में स्वागत किया गया। इसके अलावा एक दर्जन स्थानों पर फलहारी खिचड़ी, हलवा आदि के स्टाल लगाए गए थे। दोपहर बाद लौटी पालकी यात्रा का तीन क्विंटल फलहारी खिचड़ी, ठंडाई, मिठाई और हलवा की प्रसादी का वितरण किया गया।

इस मौके पर पालकी यात्रा समिति के अध्यक्ष युव समाजसेवी प्रवीण तिवारी, संस्थापक किशोर कौशल सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालु शामिल रहे। पालकी यात्रा का जगह-जगह स्वागत किया गया। शहर के जिस रास्ते से पालकी यात्रा निकली, वह रास्ता बम…बम…भोले के जयकारों से गूंजने लगा। मनकामेश्वर मंदिर पर आरती के बाद शिवपालकी यात्रा फिर से सिद्धेश्वर मंदिर पहुंची, जहां महाआरती, महाप्रसादी वितरण किया गया।

पालकी यात्रा को लेकर शहर सहित आस-पास के क्षेत्र में सुबह आस्था और उत्साह का संचार था। दोपहर बारह बजे शहर के कोतवाली चौराहे से पूरे उत्साह के साथ पालकी यात्रा निकाली गई। इसमें मुख्य आकर्षण का केन्द्र  दुर्गा वाहिनी की बालिकाओं ने हैरत अंगेज करतब के अलावा बढिय़ाखेड़ी की भस्म रमैया मंडल के अलावा बैंड-बाजे शामिल थे।

संस्थापक किशोर कौशल ने बताया कि लगातार 23 सालों से महाकाल राजा की तर्ज पर सिद्धेश्वर महादेव मंदिर समिति के तत्वाधान में भव्य रूप से यात्रा निकाली जा रही है, सावन के तीसरे सोमवार पर कोतवाली चौराहे से आगे-आगे पालकी में महाकाल राजा विराजमान रहते है, उसके पश्चात बर्फ के बाबा बर्फानी की झांकी सजाई जाती है। इस साल भी बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने भव्य पालकी यात्रा में शामिल होकर धर्म का लाभ लिया। यात्रा  के पूर्व शहर के कोतवाली चौराहे पर विधायक सुदेश राय, समाजसेवी श्रीमती अरुणा सुदेश राय आदि ने आरती की और पालकी यात्रा में शामिल हुए। उन्होंने सिद्धेश्वर महादेव मंदिर समिति को सफल आयोजन के लिए बधाई दी।

उमरिया में सावन के तीसरे सोमवार को निकाली गई कांवड़ यात्रा
उमरिया के बिरसिंहपुर पाली में सावन के तीसरे सोमवार को कांवड़ यात्रा निकाली गई। कांवड़ यात्रा पाली सहित आस पास के गांवों के श्रद्धालु भी पहुंचे। मां बिरासनी शक्ति पीठ से श्रद्धालुओं ने जल लेकर लगभग दस किलोमीटर दूर पंचलेश्वर धाम बरबसपुर में भगवान भोलेनाथ को जल चढ़ाया। कांवड़ यात्रा में महिला और बच्चे भी शामिल हुए। कांवड़ यात्रा में आमोलखोह आश्रम के महंत बच्चू बाबा भी कांवड़ यात्रा में पहुंचे।

भगवान की झांकी के साथ यात्रा मां बिरासिनी शक्तिपीठ से शुरू हुई। कावड़ यात्रा में नगर सहित आसपास के गांव से श्रद्धालु पहुंचे। कांवड़ में जल लेकर पंचलेश्वर धाम पहुंचकर भगवान भोलेनाथ को जल चढ़ाया। यात्रा में भगवान भोलेनाथ की अलग-अलग झांकी और भजन का भी आयोजन किया गया।

यात्रा में कांवड़ियों के लिए और शामिल हुए श्रद्धालुओं के लिए जगह-जगह प्रसाद की व्यवस्था की गई थी। पंचलेश्वर धाम में भंडारा का आयोजन भी किया गया था। कांवड़ यात्रा में पुलिस और प्रशासन के अधिकारी कर्मचारी सुरक्षा के लिए तैनात रहे।

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