Press "Enter" to skip to content

MP News: 'कमलनाथ ने रखी थी आधारशिला', महाकाल लोक पर नेता प्रतिपक्ष ने कहा- श्रद्धा का श्रेय नहीं लिया जाता

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, भोपाल Published by: दिनेश शर्मा Updated Mon, 10 Oct 2022 10:34 PM IST

सार

मध्य प्रदेश विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष गोविंद सिंह ने महाकाल लोक के निर्माण को लेकर दावा किया है कि इसकी नीव कमलनाथ ने रखी थी। उन्होंने ही कैबिनेट में इसकी स्वीकृति और टेंडर जारी कर दिए गए थे। अब भाजपा इसका श्रेय ले रही है। डॉक्टर गोविंद सिंह

विस्तार उज्जैन में कल महाकाल लोक का लोकार्पण होना है। इसका श्रेय लेने के मामले में अब सियासत होने लगी है। मध्य प्रदेश विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष गोविंद सिंह ने महाकाल लोक के निर्माण को लेकर दावा किया है कि इसकी नीव कमलनाथ ने रखी थी। उन्होंने ही कैबिनेट में इसकी स्वीकृति और टेंडर जारी कर दिए गए थे। अब भाजपा इसका श्रेय ले रही है। श्रद्धा का श्रेय नहीं लिया जाता, वह तो आत्यामिक ध्येय के लिए होती है। हम कल के इस आयोजन के लिए अपनी शुभकामनाएं प्रेषित करते हैं। 

गोविंद सिंह पत्रकारों से चर्चा कर रहे थे। उन्होंने कहा कि भगवान राजा महाकाल की सनातन सत्ता के प्रति हम अपनी श्रृद्धा व्यक्त करते हैं। श्रद्धा श्रेय के लिए नहीं आध्यात्मिक ध्येय के लिए व्यक्त की जाती है। कमलनाथ सरकार ने उज्जैन की अलौकिक भूमि पर महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर के विकास और विस्तार के लिए न सिर्फ एक समग्र योजना बनाई, अपितु उसको मूर्तरूप देना भी प्रारंभ कर दिया था। अगस्त 2019 को मुख्यमंत्री कमलनाथ जी की अध्यक्षता में मंत्रालय में आहूत की गई बैठक में महाकाल मंदिर विकास की 300 करोड़ रुपये की इस योजना का विस्तृत ब्यौरा महाकाल मंदिर के पुजारियों और मंत्रिमंडल के सदस्यों के सम्मुख रखा गया। जिसमें फ्रंटियर यार्ड, नंदी हाल का विस्तार, महाकाल थीम पार्क, महाकाल कॉरिडोर, वर्केज लॉन पार्किंग आदि का विकास और निर्माण प्रथम चरण में प्रस्तावित किया गया।

 
सिंह ने कहा कि कमलनाथ सरकार ने महाकाल मंदिर के विकास को तीव्र गति से किये जाने के संदर्भ में मंत्रियों की एक त्रिस्तरीय समिति भी गठित की, जिसमें उज्जैन जिले के प्रभारी मंत्री सज्जन सिंह वर्मा, आध्यात्म विभाग के मंत्री पीसी शर्मा और नगरीय निकाय विभाग के मंत्री जयवर्धन सिंह को सदस्य बनाया गया था।  25 फरवरी, 2019 को प्रथम चरण के टेंडर इनवाइट करने के लिए नोटिस (NIT) जारी किया गया। महाकाल मंदिर के प्रथम चरण के विकास के लिए 7 मई 2019 को 97 करोड़ रुपये का वर्क ऑर्डर भी जारी कर दिया गया। कमलनाथ सरकार ने इसी प्रकार मप्र स्थित औंकारेश्वर ज्योर्तिलिंग मंदिर निर्माण के लिए भी 150 करोड़ रुपये का प्रावधान किया था। 

नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि कमलनाथ सरकार समूचे मप्र के मंदिरों के विकास और विस्तार की व्यापक योजना पर काम कर रही थी और इस दिशा में वह मप्र विनिर्दिष्ट मंदिर विधेयक, 2019 लेकर आई थी। इस विधेयक को विधानसभा से पारित कराकर महामहिम राज्यपाल के पास भेजा गया, तत्पश्चात राज्यपाल महोदय द्वारा इसे राष्ट्रपति जी के पास भेजा गया। हम प्रदेश की भाजपा सरकार से पूछना चाहते हैं कि क्या इस विधेयक को भाजपा सरकार ने राष्ट्रपति जी के यहां से वापिस बुला लिया है। अगर यह वापिस बुला लिया गया है तो मप्र के करोड़ों श्रद्धालुओं के साथ राज्य सरकार ने यह कुठाराघात क्यों किया, इसका जबाव देना होगा। कल जब महाकाल मंदिर के विकास और विस्तार के उद्घाटन समारोह में प्रधानमंत्री जी और मुख्यमंत्री जी उज्जैन आ रहे हैं, तब प्रदेश की जनता को इस बात का संज्ञान है कि विकास के इस क्रम को अमली जामा कमलनाथ सरकार ने पहनाया था। 

फॉलो करें और पाएं ताजा अपडेट्स लेटेस्ट अपडेट्स के लिए फॉलो करें

रहें हर खबर से अपडेट, डाउनलोड करें Android Hindi News App, iOS Hindi News App और Amarujala Hindi News APP अपने मोबाइल पे|
Get all India News in Hindi related to live update of politics, sports, entertainment, technology and education etc. Stay updated with us for all breaking news from India News and more news in Hindi.

More from मध्य प्रदेशMore posts in मध्य प्रदेश »

Be First to Comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *