जांच में जुटी पुलिस – फोटो : अमर उजाला डिजिटल
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इंडियन मुजाहिदीन का संदिग्ध आतंकी फैजान नाबालिगों को ब्रेनवॉश कर स्लीपर सेल बना रहा था। ये खुलासा उसने एटीएस की पूछताछ में किया है। उससे पूछताछ में पता चला है कि वह मजहबी कट्टरता के नाम पर अपने समुदाय के नाबालिग बच्चों का ब्रेनवॉश कर स्लीपर सेल बना रहा था।
वह सेना के अधिकारियों को मारने की योजना भी बना रहा था। उसके मोबाइल से सेना के एक दर्जन से अधिक अधिकारियों के फैमिली फोटोग्राफ्स सहित कुछ और महत्वपूर्ण जानकारी पुलिस के हाथ लगी है। फैजान सिमी के आतंकियों के एनकाउंटर का बदला लेने के लिए लोन वुल्फ अटैक की योजना बना रहा था। इसके लिए उसने हथियार भी खरीद लिए थे, लेकिन वह सोशल मीडिया में सक्रियता के कारण सुरक्षा एजेंसियों के निशाने पर आ गया था।
देश विरोधी लोगों से स्थापित करता था संपर्क
आतंकवादी संगठन इंडियन मुजाहिदीन के संदिग्ध आतंकी फैजान शेख सोशल मीडिया और गूगल सर्च इंजन से देश विरोधी गतिविधियों में शामिल लोगों के मोबाइल नंबर सर्च करता था। जिनका नंबर मिलता, उससे संपर्क करता था। हालांकि जिन लोगों से संपर्क किया है, उसमें पुलिस को सभी की भूमिका संदिग्ध नहीं लग रही। पूछताछ में फैजान ने बताया है कि व मोहल्ले और आसपास के नाबालिग लड़कों को मजहबी कट्टरता के नाम पर ब्रेनवॉश करता और उन्हें आतंकवादी बनाने की फिराक में था। कश्मीर और आतंकियों से जुड़े स्लोगन लिखकर नाबालिग बच्चों को पढ़ाता था।
सिमी आतंकियों के एनकाउंटर कर लेना था बदला
फैजान ने पूछताछ में बताया कि वह वर्ष 2016 में भोपाल केंद्रीय जेल से जेल प्रहरी की हत्या कर फरार हुए आठ सिमी आतंकवादियों के एनकाउंटर का बदला लेने के लिए ही मुजाहिद बन रहा है। फैजान इस कार्य के लिए लड़के तैयार कर रहा था, जो स्लीपर सेल की तरह कार्य करते हुए सेना के अधिकारियों को टारगेट कर सकें। फैजान सामरिक रूप से महत्वूपर्ण सेना के अलग-अलग ठिकानों की दर्जन भर से अधिक बार रेकी कर चुका है। फैजान का आतंकवादी बनने का मकसद ही सिमी आतंकवादियों के एनकाउंटर का बदला लेना है। इसके लिए कश्मीर, पठानकोट, मुंबई और दिल्ली में सुरक्षा बल के ठिकानों की रेकी कर चुका था। ज्ञात हो कि मप्र एटीएस ने 4 जुलाई को फैजान और एक नाबालिग को खंडवा से गिरफ्तार किया है।
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