न्यूज डेस्क, अमर उजाला, जबलपुर Published by: उदित दीक्षित Updated Tue, 23 Jul 2024 11:07 PM IST
नागरिक उपभोक्ता मार्गदर्शक मंच के डॉ पीजी नाजपांडे की तरफ से दायर की गई याचिका में कहा गया कि पूर्व में जबलपुर से औसतन 15 फ्लाइट संचालित होती थी। वर्तमान में इनकी संख्या घटकर 5 हो गई है। जिससे जबलपुर का विकास अवरुद्ध हो रहा है। जबलपुर हाईकोर्ट – फोटो : सोशल मीडिया
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एयर कनेक्टिविटी के मामले में जबलपुर भेदभाव का आरोप लगाते हुए हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की गई थी। याचिका में अनावेदक बनाई गई, चार विमानन कंपनियों को नोटिस जारी किए है। हाईकोर्ट के कार्यवाहक चीफ जस्टिस संजीव सचदेवा और जस्टिस विनय सराफ ने संबंधित कंपनियों को ईमेल के माध्यम से नोटिस भेजने के आदेश जारी किए हैं।
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नागरिक उपभोक्ता मार्गदर्शक मंच के डॉ पीजी नाजपांडे की तरफ से दायर की गई याचिका में कहा गया कि पूर्व में जबलपुर से मुंबई, पुणे, कोलकाता और बेंगलुरु आदि शहरों के लिए फ्लाइट संचालित होती थी। जबलपुर की एयर कनेक्टिविटी प्रदेश इंदौर, ग्वालियर और भोपाल के सामान थी। पूर्व में जबलपुर से औसतन 15 फ्लाइट संचालित होती थी। वर्तमान में घटकर इनकी संख्या 5 हो गई है। जिससे जबलपुर का विकास अवरुद्ध हो रहा है।
याचिका में केंद्रीय उड्डयन विभाग, डायरेक्टर जनरल ऑफ सिविल एविएशन और एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया को अनावेदक बनाया गया था। याचिका की सुनवाई के बाद युगलपीठ ने विमानन कंपनियों को भी अनावेदक बनाने के निर्देश जारी किए थे। याचिका की सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने इंडियन एयरलाइंस, इंडिगो एयरलाइन्स,आकाश एयर लाइंस सहित चार विमानन कंपनियों को नोटिस जारी कर करते हुए उक्त निर्देश जारी किए। याचिकाकर्ता की तरफ से अधिवक्ता दिनेश उपाध्याय ने पैरवी की।
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