स्वर्गीय आरिफ अकील – फोटो : अमर उजाला
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पूर्व मंत्री मरहूम आरिफ अकील की गैर मौजूदगी की वजह से इस साल पैगाम-ए-मुहब्बत रैली पर संकट के बादल छा गए है। इसके अलावा कार्यक्रम को लेकर पिछले बरस बने हालात भी बताए जा रहे हैं। जिसके चलते जहां रैली में जुटने वाला वाहनों के काफिले में कुछ कमी दिखाई दे सकती है। इधर आरटीओ ऑफिस के अफसरान भी सहमे और इस आयोजन से दूरी बनाए रखे हुए हैं।
जानकारी के मुताबिक गत वर्ष राजधानी में स्वतंत्रता दिवस दिवस पर निकलने वाली पैगाम ए मुहब्बत रैली में क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय द्वारा बड़ी तादाद में वाहन जुटाए गए थे। तब मौजूद रहे पूर्व मंत्री और तत्कालीन कांग्रेस विधायक आरिफ अकील के रसूख और बात के वजन के आधार पर यह व्यवस्था कर दी गई थी। लेकिन सूत्रों का कहना है भाजपा शासनकाल में हुईं इस कांग्रेसी कार्यक्रम के लिए हुए इंतजाम पर पूर्व महापौर आलोक शर्मा ने आपत्ति उठाते हुए तत्कालीन आरटीओ के खिलाफ शिकायत दर्ज करा दी थी।
मामला इतना तूल पकड़ा कि क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी को निलंबन और स्थानांतरण जैसे हालात से गुजरना पड़ गया था। कहा जा रहा है कि इस साल जब आरिफ अकील दिवंगत हो चुके हैं और आलोक शर्मा वर्तमान में राजधानी भोपाल से सांसद हैं, ऐसे में 15 अगस्त को निकलने वाली इस रैली को पूर्व की तरह माहौल मिलना मुश्किल लग रहा है।
देश की इकलौती रैली
स्वतंत्रता दिवस पर भव्य स्तर पर निकाली जाने वाली पैगाम ए मुहब्बत रैली संभवतः देश की पहली और इकलौती रैली है। पूर्व मंत्री आरिफ अकील के नेतृत्व में हुई इस शुरुआत को आरिफ अकील फैंस क्लब संचालित करता है। लगातार तीन दशक से हो रहे इस आयोजन में प्रदेश के सभी बड़े कांग्रेस नेता शामिल होते रहे हैं। पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल गौर समेत कई भाजपा नेताओं ने भी इस मंच पर अपनी मौजूदगी दर्ज कराई है।
भोपाल से खान आशु की रिपोर्ट
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