न्यूूज डेस्क, अमर उजाला, श्योपुर Published by: उदित दीक्षित Updated Sat, 17 Sep 2022 09:55 PM IST
सार
MP Project Cheetah: पीएम मोदी ने कहा, हमें करीब 75 साल चीतों का इंतजार करना पड़ा है, पहले यहां चीता होते थे। आज 130 करोड़ देशवासी जश्न मना रहे हैं, अभी उन्होंने चीतों को देखा नहीं है, फिर भी नाच रहे हैं। हर किसी को लग रहा है कि जैसे हमारे परिवार में बहुत साल बाद कोई संतान पैदा हुई है। पीएम मोदी ने चीता मित्रों से की चर्चा। – फोटो : सोशल मीडिया
विस्तार MP Project Cheetah: नामीबिया से आठ चीते भारत लाए गए हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार करीब 12 बजे कूनो नेशनल पार्क में बॉक्स खोलकर तीन चीतों को छोड़ा। इसके बाद मोदी ने इनकी तस्वीरें भी ली। इसके बाद पीएम मोदी ने पेड़ के नीचे बैठकर चीता मित्रों से बात की। इस दौरान उनके आसपास कई चीता मित्र बैठे हुए थे।
बातचीत में पीएम मोदी ने चीता मित्रों को चितों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कुछ जरूरी बातें बताईं। उन्होंने कहा, आप सभी को बताया गया होगा कि चीतों को पहले अपने बाड़ों में और बाद में जंगल में बसने के लिए समय चाहिए होता है। अब यह सुनिश्चित करना आपका कर्तव्य है कि किसी को भी पार्क में प्रवेश नहीं करने देना है। चाहे वह नेता, पत्रकार, अधिकारी या कोई भी हो, किसी को भी प्रवेश नहीं करने देना है। पीएम ने कहा, अगर मैं भी आ जाऊं तो मुझे भी मना कर देना।
An unforgettable day in Madhya Pradesh! pic.twitter.com/ius7WxTlDN
— Narendra Modi (@narendramodi) September 17, 2022 मोदी ने चिता मित्रों से सवाल भी किए। उन्होंने पूछा, पशु इंसान के लिए खतरा है या इंसान पशुओं के खतरा है। इस पर चीता मित्रों ने तपक से कहा कि इंसान से पशुओं को खतरा है। मोदी ने फिर पूछा कि पक्का ऐसा ही है, तो उन्होंने कहा, हां पक्का ऐसा ही है। इसके बाद पीएम मोदी कुछ मिनट तक चिता मित्रों से बात करते रहे।
पीएम मोदी ने कहा, हमें करीब 75 साल चीतों का इंतजार करना पड़ा है, पहले यहां चीता होते थे। आज 130 करोड़ देशवासी जश्न मना रहे हैं, अभी उन्होंने चीतों को देखा नहीं है, फिर भी नाच रहे हैं। हर किसी को लग रहा है कि जैसे हमारे परिवार में बहुत साल बाद कोई संतान पैदा हुई है। यह भारत का प्रकृति प्रेम हैं।
30 दिन क्वॉरेंटाइन रहेंगे चीते
नामीबिया से भारत आए आठ चीतों में से पांच मादा और तीन नर है। इनकी उम्र चार से छह साल है। इन चीतों को इंटरनेशनल नॉट-फॉर-प्रॉफिट ऑर्गेनाइजेशन चीता कंजर्वेशन फंड ने उपलब्ध कराया है। यह संस्था चीतों के संरक्षण के लिए प्रतिबद्ध है। इसका हेडक्वार्टर नामीबिया है। प्रोटोकॉल के तहत इन चीतों को 30 दिनों के लिए अलग-अलग क्वॉरेंटाइन पिंजरों में रखा गया है।
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