विस्तार मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में स्वास्थ्य सुविधाओं की पोल उस समय खुल गई जब रानी कमलापति स्टेशन पर प्रसव पीड़ा से गुजर रही महिला को आधे घंटे बाद भी एंबुलेंस नहीं मिली। कुलियों के सहयोग से प्लेटफॉर्म नंबर तीन पर ही महिला का प्रसव हुआ। बाद में जच्चा-बच्चा को कुलियों ने जीआरपी के जवानों की मदद से जेपी अस्पताल तक पहुंचाया।
भोपाल के रानी कमलापति रेलवे स्टेशन पर गुरुवार शाम सात बजे जीटी एक्सप्रेस से राजस्थान के धौलपुर जा रही गर्भवती पिंकी को प्रसव पीड़ा शुरू हो गई। उसके पति विनोद ने महिला को प्लेटफॉर्म नंबर तीन पर उतार दिया। लोगों से मदद मांगने लगे। महिला प्लेटफॉर्म पर ही तड़प रही थी। तभी प्लेटफॉर्म पर कुली राकेश प्रजापति, विष्णु प्रजापति, गोपाल गिरी और लखन महिला की मदद के लिए पहुंचे। राकेश प्रजापति ने बताया कि हमने 108 एंबुलेंस को सूचना दी। कुछ देर में महिला की प्लेटफॉर्म पर ही डिलीवरी हो गई। हम लोग दौड़कर स्ट्रेचर लेकर आए। महिला और उसके बच्चे को स्टेशन से बाहर लेकर पहुंचे। काफी देर इंतजार के बाद भी एंबुलेंस के नहीं आने पर जीआरपी जवान अमित तिवारी और आरपीएफ कांस्टेबल मनीषा ने बच्चे और उसकी मां को जेपी अस्पताल में भर्ती कराया। उन्होंने बताया कि जच्चा-बच्चा दोनों ठीक है।
स्वास्थ्य व्यवस्था पर उठे सवाल
राकेश कुमार ने कहा कि कॉल करने के बावजूद कमलापति रेलवे स्टेशन पर एंबुलेंस 30 मिनट में नहीं पहुंची। वहीं, गर्भवती महिला को रेलवे स्टेशन पर भी डॉक्टर और एंबुलेंस की सुविधा नहीं मिली। यह घटना स्वास्थ्य सुविधाओं को लेकर सरकारों के दावों पर सवाल खड़े करती है। ऐसे में ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सुविधाओं की स्थिति का अंदाजा लगाया जा सकता है।
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