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MP News: बच्ची से दुष्कर्म मामले में बिलाबॉन्ग स्कूल के चेयरमैन समेत चार पर एफआईआर, मामले को दबाने का आरोप

विस्तार राजधानी भोपाल के बिलाबॉन्ग स्कूल प्रबंधन पर एसआईटी ने एफआईआर दर्ज कर ली है। इसमें स्कूल के चेयरपर्सन प्रमोटर नज्म जमाल, चेयरमैन ऑपरेशन फैजल अली, प्रिंसिपल आशीष अग्रवाल और ट्रांसपोर्ट मैनेजर सय्यद बिलाल को आरोपी बनाया गया है। इन पर मामले को दबाने और लापरवाही बरतने और पॉक्सो एक्ट की धाराओं में केस दर्ज किया गया है। 

एसआईटी चीफ एडिशनल डीसीपी श्रुतकीर्ति सोमवंशी के नेतृत्व में चार सदस्यीय एसआईटी का गठन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के निर्देश के बाद किया गया था। टीम ने स्कूल प्रबंधन को मामले को दबाने और लापरवाही बरतने का दोषी पाया। इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट और परिवहन विभाग के नियमों का भी उल्लंघन किया गया। एसआईटी ने स्कूल के चेयरपर्सन प्रमोटर नज्म जमाल, चेयरमैन ऑपरेशन फैजल अली, प्रिंसिपल आशीष अग्रवाल और ट्रांसपोर्ट मैनेजर सय्यद बिलाल को आरोपी बनाया गया है। इन पर मामले को दबाने और लापरवाही बरतने और पॉक्सो एक्ट की की धाराओं में केस दर्ज किया गया है। इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट और परिवहन विभाग के नियमों के तहत भी एफआईआर दर्ज की गई है। 

बता दें मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने गुरुवार सुबह 7 बजे बिलाबॉन्ग स्कूल मामले की समीक्षा के लिए अधिकारियों को तलब किया था। मुख्यमंत्री ने पुलिस, जिला प्रशासन और स्कूल शिक्षा विभाग से अब तक की कार्रवाई के संबंध में जानकारी ली थी। साथ ही कहा था कि कोई कितना भी प्रभावशाली व्यक्ति हो उसे बुलाकर पूछताछ करिए। स्कूल प्रबंधन को बुलाएं और कड़ी कार्रवाई करें। सीएम ने निश्चित समय सीमा में कार्रवाई करने के अधिकारियों को निर्देश दिए थे। उन्होंने कहा था कि ड्राइवर के साथ आया भी बड़ी जिम्मेदार है। कितना भी बड़ा स्कूल हो, जवाबदार है। सीएम ने सख्त लहजे में कहा था कि सभी स्कूलों में क्लियर मैसेज जाए कि जरा भी लापरवाही हो तो प्रबंधन जिम्मेदार है। 

बता दें बिलाबॉन्ग स्कूल की बस में ड्राइवर ने साढ़े तीन साल की मासूम के साथ दुष्कर्म की वारदात को अंजाम दिया था। बच्ची के प्राइवेट पार्ट पर खरोंच के निशान दिखने के बाद परिजनों को शक हुआ। उन्होंने बच्ची से पूछा तो उसने कहा कि अंकल बेड टच करते हैं। इस मामले में बच्ची के माता-पिता ने स्कूल प्रंधबन को शिकायत की, लेकिन स्कूल प्रबंधन ने लीपापोती कर ड्राइवर को क्लीन चिट दे दी थी। इसके बाद परिजनों ने पुलिस को शिकायत की। जांच में सामने आया कि घटना के समय महिला अटेंडर भी मौजूद थी। जिसकी जिम्मेदारी बच्ची को बचाने की थी, लेकिन उसने भी बच्ची को नहीं बचाया। वहीं, मामले में स्कूल प्रबंधन ने अगले ही दिन बस को मैकनिक के पास भेज दिया गया था। पुलिस ने ड्राइवर और महिला अटेंडर को गिरफ्तार कर पूछताछ की गई। बस से सीसीटीवी और जीपीसी ट्रेकर को जब्त किया। ड्राइवर और महिला अटेंडर को रिमांड पर लेने के बाद जेल भेज दिया गया है।

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