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वास्तु : इस शिव मंदिर से मिलता है भारतीय संसद का डिजाइन

मुरैना मप्र का एक जिला जो दिल्ली के नजदीक है। दिल्ली में भारतीय संसद है, और यहां चौंसठ यौसठ योगिनी मंदिर इन दोनों इमारतों में बनावट काफी हद तक समान है। चौंसठ योगनी मंदिर काफी प्राचीन है और इसके डिजाइन को ही भारतीय संसद के निर्माण में उपयोग में लाया गया है।

चौसठ योगिनी मंदिर वृत्तीय आधार पर बनाया गया है, मंदिर में 64 कमरे हैं। मंदिर के बीच मंडप है। यह मंदिर 1323 ई में बना था और भारतीय संसद 1920 में बना था। यह मंदिर मितावली पहाड़ी पर बना है।

संसद भवन के वास्तुकार एडविन लुटियन्स और हर्बर्ट बेकर थे, जब कि 40 किमी दूर मुरैना रोड़ पर मितावली का मंदिर संसद की तरह दिखता है। इस मंदिर का नाम चौसठ योगिनी मंदिर है। इस शिव मंदिर को इकंतेश्वर महादेव मंदिर के नाम से भी जाना जाता है, इसका निर्माण प्रतिहार क्षत्रिय राजाओं ने करवाया था।

यह मंदिर भूमि से 300 फीट ऊपर बना हुआ है। मंदिर गोल आकार में बना है। इसी गोलाई में बने हैं चौंसठ कमरे, जहां हर एक कमरे में एक शिवलिंग स्थापित है। मंदिर के मुख्य परिसर में एक विशाल शिव मंदिर है। इस मंदिर का निर्माण 9वीं शताब्दी में की गई थी।

मंदिर अरावली की पहाड़ियों पर मौजूद है और यह लगभग 100 खम्भों पर खड़ा है, प्राचीन काल में इस मंदिर में तांत्रिक क्रियाएं की जाती थीं। इस मंदिर तक पहुंचने के लिए लगभग 200 सीढ़ियां चढ़ना पड़ती हैं।

इकंतेश्वर मंदिर को तांत्रिक विश्वविद्यालय भी कहा जाता जाता था, उस दौर में मंदिर में तांत्रिक अनुष्ठान करके तंत्रिक सिद्धियां हासिल की जाती थी। इस मंदिर में आज भी लोगो का जमावाड़ा होता है, लोग विदेशो से भी यहां तांत्रिक साधना के लिए आते है।

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