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इंटरव्यू : ये है राजकुमार की ‘सक्सेस मिस्ट्री’, जो बताते हैं ‘रिजेक्शन’ का कैसे करें सामना

Picture Courtesy: Instagram/Rajkummar Rao

राजकुमार राव एक ऐसे अभिनेता हैं, जिन्होंने अपने जज्बे से बॉलीवुड में वो मुकाम हासिल किया जो उनके लिए वहां आसानी से मौजूद नहीं था। शांत प्रतिभा के धनी राजकुमार की सफलता का रहस्य, रिजेक्शन हैं। जिसके चलते वो और निखरे हर बार और वह रिजेक्शन को जिंदगी का हिस्सा मानते हैं।

राजकुमार ने खुद को इरफान खान और नवाजुद्दीन सिद्दीकी जैसे अभिनेताओं की फेहरिस्त में शामिल कर लिया है। ‘अलीगढ़’ ‘न्यूटन’ और ‘शाहिद’ ने उन्हें एक शानदार अभिनेता के रूप में स्थापित किया तो वहीं, ‘बरेली की बारफी’ जैसी फिल्मों से उन्होंने साबित किया कि वह कमर्शियल भूमिकाओं में भी अपनी प्रतिभा से जीवंत कर देते हैं।

लेकिन एक समय ऐसा भी था जब राजकुमार राव छोटी बजट की फिल्मों में भूमिका निभाते हुए अपनी प्रतिभा को साबित कर रहे थे। राजकुमार कहते हैं, ‘एक कलाकार के तौर पर रिजेक्शन को जिंदगी का हिस्सा मानता हूं। इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि वो आज किस मुकाम पर हैं।’

रिजेक्शन का हल कैसे निकाला जाए इस बारे में राजकुमार बताते हैं, ‘जो मै करता हूं वो मुझे अच्छा लगता है। मेरे लिए, एक फिल्म सेट पर होना सबसे अच्छा लगता है। जब तक मैं अभिनय कर रहा हूं, इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि मुझे रिजेक्शन का सामना करना पड़ा है या नहीं। मैं इसके बारे में भी सोचता हूं या इसके बारे में बात नहीं करता, क्योंकि मैं अपने अतीत को सामान के रूप में नहीं लेता हूं। मैं भविष्य में नहीं हूं, मुझे नहीं लगता कि मैं अब से 5 साल बाद कहां रहूंगा। यही जिंदगी है। यहां संघर्ष है और रिजेक्शन भी इसका एक हिस्सा है।’

रिजेक्शन कुछ इस तरह का होता है जिसे हम सभी को फेस करना होता है, इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि हम कौन हैं। हम एक सफल सीईओ हो सकते है, कोई एक प्रतिष्ठित बॉलीवुड स्टार… रिजेक्शन हर किसी के दरवाजे पर दस्तक देता है। और जब ऐसा होता है, तो हमारे पास दो विकल्प होते हैं। हम या तो इसे और हमारे सभी निर्णयों को सशक्त बनाने सकते हैं या हम इसे भूल जाएं।कोई फर्क नहीं पड़ता। हममे से कई लोग पहले क्या करते थे। हम केवल इंसान है।

लेकिन हर दिन रिजेक्शन और विफलता हमारे लिए महत्वपूर्ण है, वास्तव में हम जो भी करते हैं उसमें हमारी प्रतिभा की दिशा सही होनी चाहिए। अगर ऐसी कोई चीज है जो हमें रिजेक्शन के डर से विचलित करेगी, तो यह स्वयं ही काम है। जब आप विफलता के डर और सफलता की लालसा के बिना काम करते हैं, तो आप केवल उस चीज़ पर ध्यान केंद्रित करते हैं जो आपके लिए सबसे महत्वपूर्ण है यानी आपका काम। यह सिर्फ शानदार होने का रहस्य नहीं है, यह खुश रहने का रहस्य है। क्योंकि यही जीवन है। यहां सब कुछ होता है।

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