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Hindenburg Research: हिंडनबर्ग ने नहीं दिया नोटिस का जवाब उल्टे लगा रहा आरोप

Hindenburg Research: सेबी प्रमुख माधवी पुरी बुच और उनके पति धवल बुच ने 10 अगस्त 2024 को हिंडनबर्ग की ओर से उनके खिलाफ लगाए गए आरोपों को लेकर रविवार को एक बयान जारी किया है. बुच दंपत्ति ने कहा है कि हिंडनबर्ग रिपोर्ट में जिक्र किए गए फंड में निवेश 2015 में किया गया था, जब वे दोनों सिंगापुर में रहने वाले निजी नागरिक थे.  धवल बुच ने कहा कि माधवी सेबी में शामिल होने से लगभग 2 साल पहले यहां तक कि पूर्णकालिक सदस्य के रूप में भी. इस फंड में निवेश करने का फैसला इसलिए लिया गया था क्योंकि मुख्य निवेश अधिकारी, अनिल आहूजा धवल बुच के स्कूल और आईआईटी दिल्ली के बचपन के दोस्त हैं.

उन्होंने कहा कि  सिटीबैंक, जेपी मॉर्गन और 3 आई ग्रुप पीएलसी के पूर्व कर्मचारी होने के नाते, उनका कई दशकों का मजबूत निवेश करियर है. उन्होंने कहा कि अनिल आहूजा ने इसकी पुष्टि भी की है. उन्होंने बयान में कहा कि किसी भी समय फंड ने किसी भी अदानी समूह की कंपनी के बांड, इक्विटी या डेरिवेटिव में निवेश नहीं किया.

SEBI ने जारी किया बयान
इधर, 10 अगस्त 2024 को हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट पर की ओर से बयान आया है. हिंडनबर्ग की ओर से माधवी बुच पर और उनके पति पर लगाये आरोप पर सेवी ने कहा कि हिंडनबर्ग रिसर्च की ओर से अडानी ग्रुप के खिलाफ लगाए गए आरोपों की सेबी ने विधिवत जांच की है. सेबी ने कहा है कि यह दावा कि इस तरह के नियम, विनियमों में बदलाव या आरईआईटी से संबंधित जारी किए गए परिपत्र एक बड़े बहुराष्ट्रीय वित्तीय समूह को फायदा पहुंचाने के लिए था यह गलत हैं.

SEBI statement on the Hindenburg Research’s Report dated August 10, 2024 | The allegations made by Hindenburg Research, against the Adani Group, have been duly investigated by SEBI. Claims that such regulations, changes to regulations or circulars issued related to REITs were to… pic.twitter.com/zhugkv8iyt

— ANI (@ANI) August 11, 2024 हिंडनबर्ग का क्या है आरोप
बता दें,  हिंडनबर्ग ने शनिवार रात जारी अपनी एक रिपोर्ट में इस बात की शंका जाहिर की है कि अदाणी समूह के खिलाफ कार्रवाई करने में पूंजी बाजार नियामक सेबी की अनिच्छा का कारण सेबी प्रमुख और उनके पति धवल बुच की अदाणी समूह से जुड़े विदेशी कोष में हिस्सेदारी हो सकती है. हिंडनबर्ग के मुताबिक माधवी और उनके पति ने बरमूडा और मॉरीशस में अस्पष्ट विदेशी कोषों में अघोषित निवेश किया था. उसने कहा कि ये वही कोष हैं जिनका कथित तौर पर विनोद अदाणी ने पैसों की हेराफेरी करने और अदाणी समूह की कंपनियों के शेयरों की कीमतें बढ़ाने के लिए इस्तेमाल किया गया था. विनोद अदाणी, अदाणी समूह के चेयरमैन गौतम अदाणी के बड़े भाई हैं.

नोटिस का हिंडनबर्ग ने नहीं दिया जवाब
हिंडनबर्ग के इन आरोपों पर बुच दंपति ने जोरदार विरोध किया है. रविवार को अपने विस्तृत बयान में बुच दंपत्ति ने कहा कि आईआईएफएल वेल्थ मैनेजमेंट के एक फंड में उनका निवेश सिंगापुर स्थित निजी नागरिक के रूप में किया गया था. बयान में बुच दंपत्ति ने कहा है कि भारत में कई तरह के नियामकीय उल्लंघनों के लिए हिंडनबर्ग को कारण बताओ नोटिस भेजा गया है. यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि नोटिस का जवाब देने के बजाय उसने सेबी की विश्वसनीयता पर हमला करने और सेबी चेयरपर्सन के चरित्र हनन की कोशिश करने का विकल्प चुना है. भाषा इनपुट के साथ

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