कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश – फोटो : ANI
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हिंडनबर्ग की नई रिपोर्ट आने के बाद राजनीतिक दलों की तरफ से बयान आने शुरू हो गए हैं। कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने सरकार पर निशाना साधा। जबकि, तृणमूल कांग्रेस ने सेबी प्रमुख को घेरा है।
हिंडनबर्ग ने अपनी नई रिपोर्ट में कहा है कि 18 महीने पहले अदाणी समूह पर अपनी रिपोर्ट जारी की थी, लेकिन सेबी ने समूह पर कार्रवाई नहीं की।
सेबी प्रमुख के खिलाफ हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट के बाद कांग्रेस ने केंद्र सरकार पर निशाना साधा। कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने सोशल मीडिया पोस्ट में कहा कि अब पता चला कि संसद की कार्यवाही को अनिश्चितकाल के लिए क्यों स्थगित कर दिया गया। संसद की बैठक 12 अगस्त तक निर्धारित थी, लेकिन उसे 9 अगस्त को ही स्थगित कर दिया गया। एक अन्य पोस्ट में रमेश ने सेबी प्रमुख पर निशाना साधा और एक लैटिन मुहावरे का प्रयोग करते हुए कहा कि पहरेदार की रखवाली कौन करेगा?
सेबी ने पत्रों का जवाब क्यों नहीं दिया, अब स्पष्ट हुआ: प्रियंका
अमेरिकी कंपनी हिंडनबर्ग ने अपनी नई रिपोर्ट में दावा किया है कि सेबी चेयरपर्सन माधबी बुच और उनके पति की अदाणी मनी साइफनिंग घोटाले में इस्तेमाल किए गए अस्पष्ट ऑफशोर फंड में हिस्सेदारी थी। हिंडनबर्ग की इस रिपोर्ट पर शिवसेना (यूबीटी) नेता प्रियंका चतुर्वेदी ने शनिवार को प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि अब यह स्पष्ट हो गया है कि सेबी ने अदाणी समूह की कंपनियों के विवरण मांगने वाले उनके पत्रों का जवाब क्यों नहीं दिया। चतुर्वेदी ने पिछले साल अप्रैल में अदाणी समूह की कंपनियों के खिलाफ जांच का विवरण मांगा था।
सवाल- अब मामले की जांच कौन करेगा: आनंद दुबे
शिवसेना यूबीटी के प्रवक्ता आनंद दुबे ने कहा कि हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट इस मामले में सेबी प्रमुख की संलिप्तता का सुझाव देती है। उन्होंने कहा, अब सवाल यह है कि मामले की जांच कौन करेगा। जिस तरह से संसद सत्र संपन्न हुआ, ऐसा लग रहा है कि कुछ गड़बड़ है।
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