विस्तार रिश्वतखोरी के मामले में सजा पाने वाले एक डीएसपी को पांच साल की फरारी के बाद आखिरकार गिरफ्तार कर लिया गया। उसे भोपाल से पकड़ा गया है। बुधवार शाम दमोह जिला कोर्ट ने उसे जेल भेज दिया है।
जानकारी के अनुसार वर्ष 2003-04 में डीएसपी राजकुमार जायसवाल अजाक्स थाना दमोह में पदस्थ था। उसे एक सर्जन से 25 हजार की रिश्वत मामले में रंगे हाथ पकड़ा गया था। सागर लोकायुक्त टीआई मंजू सिंह ने बताया कि अजाक्स डीएसपी रहते हुए जायसवाल ने दमोह के सर्जन डॉक्टर पीतांबर बुधवानी से एक मामले को रफा-दफा करने के एवज में 25000 रुपए की रिश्वत मांगी थी। जिसके बाद उन्होंने लोकायुक्त में शिकायत की थी।
आरोपी की गिरफ्तारी के बाद दमोह न्यायालय में यह मामला चला और 2007 में जायसवाल को दो साल की सजा सुनाई गई। लेकिन जायसवाल इस फैसले के खिलाफ पहले हाईकोर्ट और फिर सुप्रीम कोर्ट तक गया। लेकिन 2017 में सुप्रीम कोर्ट ने उसकी सजा को यथावत रखने का फैसला सुनाया। उस समय जायसवाल जमानत पर था और इसी दौरान वह फरार हो गया।
बीते पांच साल से उसकी तलाश की जा रही थी। कुछ दिनों पहले लोकायुक्त पुलिस को खबर मिली कि जायसवाल भोपाल में रह रहा है। इसके बाद एक टीम गठित भोपाल भेजी गई और उसे गिरफ्तार कर लिया गया। बुधवार को उसे जिला कोर्ट में पेश किया गया, कोर्ट ने उसे जेल भेजने के आदेश दिए। जिला अस्पताल में उसका परीक्षण कर जेल भेज दिया गया।
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